इंदिराम्मा कैंटीन में खाने का जायका होगा महंगा
- कोरोनाकाल के बीच दून में फिलहाल तीन कैंटीन संचालित
- सरकार से मिलने वाली सब्सिडी गत वर्ष से नहीं मिल पाई देहरादून, एक तो कोरोनाकाल, ऊपर से महंगाई की मार। कुछ ऐसी ही दिक्कतों से जूझ रही हैं दून में संचालित इंदिराम्मा कैंटीन। इस परेशानी को देखते हुए अब इंदिराम्मा कैंटीनों में आम लोगों को 20 रुपए में मिलने वाली खाने की थाली के कीमत बढ़ सकती है। कैंटीन संचालकों ने सरकार से इसकी मांग की है। कैंटीन्स को मार्च 2020 से सरकार से मिलने वाली सब्सिडी भी नहीं मिल पा रही है। -कोरोनाकाल में 9 माह तक नहीं हो पाया था कैंटीन संचालन। -सीडीओ की ओर से फरवरी में तीन कैंटीन संचालकों को जारी हुआ लेटर। -कांग्रेस सरकार ने 2016 में शुरू की गई थी कैंटीन। -20 रुपए तय हुआ था एक थाली का दाम। -दून में कुल 7 इंदिराम्मा कैंटीन खोली गईं।-20 रुपए की थाली में सरकार की ओर 10 रुपए मिलती थी सब्सिडी।
इन स्थानों पर शुरू हुई थी कैंटीन -सर्वे चौक स्थित विकास भवन -दून अस्पताल -एमडीडीए कॉम्प्लेक्स क्लॉक टॉवर -ट्रांसपोर्ट नगर -डोईवाला -सचिवालय कुछ कैंटीन हो चुकी हैं बंदशुरूआत में दून सिटी में सात कैंटीन संचालित हुई थी। लेकिन कोरोकाल में ये कैंटीनें चल नहीं पाई। महिला स्वयं सहायता समूहों को इन कैंटीनों को चलाने के लिए सरकार ने मंजूरी दी थी। लेकिन इनमें से दो कैंटीनें बंद हो गई हैं। इनमें एक दून अस्पताल की शामिल है। इसके अलावा डोईवाला में भी कोरोनाकाल के कारण अब तक कैंटीन अब तक शुरू नहीं हो पाई। फिलहाल, सीडीओ कार्यालय की ओर से फरवरी में दो कैंटीनों को संचालित करने के आदेश जारी हुए। इनमें से एक विकास भवन, दूसरा ट्रांसपोर्टनगर और तीसरा घंटाघर के पास स्थित कैंटीन संचालित हो रही हैं।
महंगाई का असर दाल--110-120 रुपए प्रति केजी चावल--35 रुपए प्रति केजी। आटा--40 रुपए प्रति केजी। कामर्शियल सिलेंडर--1650 रुपए प्रति सिलेंडर प्रति कर्मचारी को 10 हजार रुपए वेतन ::भोजन की थाली:: -चार रोटी -सब्जी -दाल -चावल -सलाद व चटनी महंगाई के कारण सरकार से भोजन की थाल की कीमत बढ़ाने की मांग की गई है। ऐसा न होने पर कैंटीन चला पाना संभव नहीं है। अब निर्णय सरकार को लेना है। -फरजाना खान, इंदिराम्मा कैंटीन संचालक। कैंटीन चलाने वाले स्वयं सहायता समूह की ओर से भोजन की थाली की कीमत बढ़ाने का प्रस्ताव आता है तो उसको शासन के ध्यानार्थ सुपुर्द कर दिया जाएगा। कैंटीन संचालकों की कीमत बढ़ाने की बार-बार डिमांड आ रही है।-विक्रम सिंह, पीडी।