आईएमए की स्थापना एक अक्टूबर 1932 को हुई थी। शुरुआत में यहां से 40 जेंटलमैन कैडेट्स ट्रेनिंग लेकर पासआउट हुए थे। इसके बाद धीरे-धीरे आईएमए का विस्तार और क्षमता बढ़ती गई। 90 साल की अवधि में आईएमए ने अपनी प्रशिक्षण क्षमता को बढ़ाकर 1650 जेंटलमैन कैडेट तक कर दिया है। इस दौरान अकादमी ने भविष्य की चुनौतियों व युद्धक्षेत्र की जटिलताओं को ध्यान में रखते हुए अपने पाठ्यक्रम प्रशिक्षण पद्धति और बुनियादी ढांचे में कई बदलाव भी किए हैं।

- 10 दिसंबर को मिलेंगे 314 आर्मी ऑफिसर्स
- सेना प्रमुख लेंगे आईएमए परेड की सलामी

देहरादून, (ब्यूरो):
इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आईएमए) 1932 से अब तक 64145 जांबाज आर्मी ऑफिसर्स दे चुकी है। इनमें 35 मित्र देशों के 2813 विदेशी आर्मी ऑफिसर्स भी शामिल हैैं। आगामी 10 दिसंबर को फिर से 314 जेंटलमेन कैडेट्स पीओपी के बाद बतौर अफसर आर्मी की कमान संभालेंगे।


64145 कैडेट हुए पास आउट
आीएमए से अब तक कुल 64145 जेंटलमैन कैडेट पास आउट हुए हैं। इसमें 35 मित्र देशों के 2813 विदेशी कैडेट्स भी शामिल हैं। जबकि अब तक भारतीय सेना को आईएमए ने 61332 अफसर दिए हैैं। 10 दिसंबर के बाद आईएमए से पास आउट हुए जेंटलमैन कैडेट्स की संख्या 64459 हो जायेगी। इसके साथ ही भारतीय सेना में शामिल हुए सैन्य अफसर की संख्या 61646 हो जाएगी।

सेना प्रमुख लेंगे आईएमए परेड की सलामी
भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) की पाङ्क्षसग आउट परेड में निरीक्षण अधिकारी परेड की सलामी लेते हैं। इस वर्ष बतौर रिव्यू ऑफिसर सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे परेड की सलामी लेंगे।

पैरेंट्स और फैमिली मेंबर होंगे शामिल
आईएमए की पीआरओ ले। कर्नल हिमानी पंत ने बताया कि दो साल से कोरोना संक्रमण के चलते पासिंग आउट परेड में पैरेंट्स व परिवार के सदस्य सीमित संख्या में ही शामिल हो पा रहे थे। लेकिन, अब इस बाध्यता को खत्म कर दिया गया है। इस बार पीपिंग सेरेमनी भी आयोजित की जाएगी, जिसमें परिवार के सदस्य भाग ले सकेंगे। पब्लिक तक पासिंग आउट परेड को पहुंचाने के लिए विभिन्न मीडिया प्लेटफाम्र्स का उपयोग किया जाएगा, पीओपी लाइव दिखाई जाएगी।

Posted By: Inextlive