टेस्ट में फेल तो दलाल बनवा रहे डीएल
देहरादून, ब्यूरो:
माजरा निवासी प्रीत भंडारी को कॉलेज जाने के लिए रोजाना टू व्हीलर की जरूरत होती है। लेकिन, आरटीओ की ओर से समय-समय पर होने वाले चेकिंग अभियान के कारण चालान का डर भी रहता है। ऐसे में दून में लाइसेंस बनाना चैलेंज हो गया था। एक बार झाझरा में टेस्ट दिया लेकिन, उसमें फेल होने के कारण दोबारा वहां जाने की हिम्मत नहीं की। इसके बाद किसी साथी की मदद से प्रीत भंडारी विकासनगर लाइसेंस बनाने के लिए पहुंचे। यहां कोई भी ड्राइविंग ट्रैक न होने के कारण उम्मीद जगी। जिसके बाद दलाल की मदद से 5500 रुपये में लाइसेंस बनवा लिया।
संयोजिता अग्रवाल ने ड्राइविंग लाइसेंस के लिए दून के आरटीओ कार्यालय में एप्लाई किया। लर्निंग लाइसेंस का ऑनलाइन टेस्ट तो संयोजिता ने क्लीयर कर लिया व लर्निंग लाइसेंस भी बन गया। लेकिन, जब परमानेंट लाइसेंस बनाने की बारी आई तो उन्होंने ऑनलाइन एप्लाई किया तो और टेस्ट देने भी पहुंच गई। पहली बार फेल होने के बाद दोबारा ड्राइविंग टेस्ट दिया और फिर फेल हो गई। हिम्मत हारकर उन्होंने परमानेंट लाइसेंस के लिए ऋषिकेश में एप्लाई किया और वहां से लाइसेंस बनवा लिया। हालांकि इसके लिए उन्होंने 3500 रुपये खर्च किए।
गिरते गए आवेदन
मंथ - एप्लीकेशन
जनवरी - 5466
फरवरी - 4599
मार्च - 4657
अप्रैल- 4681
मई - 3569
जून - 3450
परमानेंट लाइसेंस बनाने के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के बाद झाझरा में बने आईटीडीआर ट्रैक पर टेस्ट देना अनिवार्य होता है। इस टेस्ट को पास करने के बाद ही लाइसेंस बन सकते हैं।
द्वारिका प्रसाद, एआरटीओ दून