रोड खोद तो दी अब बनानी मुश्किल
देहरादून (ब्यूरो)। फिलहाल सिटी के दो रिहायशी इलाकों देहराखास और बंजारावाला टी एस्टेट में सीवर लाइन के लिए खुदाई की जा रही है। काम का तरीका यह है कि कार्यदायी संस्था के ठेकेदार पोकलैंड मशीन के साथ किसी भी इलाके भी घुस जाते हैं और चारों तरफ की गलियों को खोद डालते हैं, बिना इस बात पर ध्यान दिये कि लोग घरों में आना-जाना कहां से करेंगे। एक बार किसी इलाके में सड़कें खोद दी जाती हैं तो फिर उनके दुरुस्त होने में महीनों भी लग सकते हैं।
दूध, अखबार, स्कूल बंद
बंजारावाला क्षेत्र में पिछले कई महीनों से सीवरेज के लिए रोड खोदी जा रही हैं। फिलहाल शिवपुर क्षेत्र में सीवरेज लाइन डाली जा रही हैं। यहां कुछ जगहों में एक साथ सभी गलियां खोद दी गई और लोगों के घर तक पहुंचने के रास्ते बंद कर दिये गये। लोगों को उम्मीद थी कि अगले दिन गलियां आने-जाने लायक बना दी जाएंगीे, लेकिन अगले दिन ठेकेदार की जेसीबी और मजदूर गायब हो गये। हालत यह है कि अखबार और दूध वाला भी दर्जनों घरों तक नहीं पहुंच पाया। कई बच्चों को स्कूल जाना भी कैंसिल करना पड़ा।
खोद तो दी, बनानी मुश्किल
कुछ रोड ऐसी भी हैं, जिन्हें खोदकर सीवर लाइन तो डाल दी गई है, लेकिन अब रोड बनानी मुश्किल हो रही है। फिर से रोड बनाने के लिए रोलर चलाना है, लेकिन रोलर चलते ही पेयजल लाइन टूट जाती है। घरों में पानी बंद हो जाता है और सारा पानी सड़क पर बहने लगता है। चारों तरफ कीचड़ फैल जाती है। बताया जाता है कि कुछ वर्ष पहले जल संस्थान यहां पेयजल लाइन बिछाकर कनेक्शन दिये थे, लेकिन ये लाइन कुछ इंच खोद कर डाली गई हैं, ऐसे से रोड रोलर चलते ही टूट जाती हैं। बंजारावाला क्षेत्र की एक प्रमुख सड़क फिल फॉट स्कूल रोड इसी वजह से तीन महीने से अस्त-व्यस्त है।
मैं देहराखास क्षेत्र में रहता हूं। शारीरिक रूप से ठीक नहीं। सुबह-शाम आसपास टहलने जाना होता था, लेकिन पिछले कई दिनों से घर के चारों तरफ सड़कें खोद दी गई हैं। टहलना बंद है, इससे मेरा स्वास्थ्य ज्यादा बिगडऩे की आशंका है। कोई सुनने वाला नहीं है।
राकेश अग्रवाल
हमारा घर बंजारावाला टी एस्टेट में है। घर के बाहर की गली से निकलने के दो रास्ते हैं। दोनों रास्ते खोल दिये गये हैं। न अखबार आ रहा है, न दूध वाला आ रहा है। आसपास के घरों के बच्चे भी स्कूल नहीं जा पर रहे हैं, क्योंकि स्कूल वैन नहीं आ पा रही है। चारों तरफ एक साथ खोद दिया गया है।
यशोधरा देवी
विजय भंडारी कुछ परेशानियां आ रही हैं, लेकिन तेजी से काम पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। जब भी कोई शिकायत मिलती है तो तुरन्त उसे दूर किया जाता है। एक महीने के भीतर सारा काम पूरा कर दिया जाएगा।
संजय तिवारी, प्रोजेक्ट मैनेजर
एडीबी