अक्सर देखने में आता है कि जब किसी बीमारी का प्रकोप बड़े पैमाने पर बढ़ जाता है तब सिस्टम अपनी सक्रियता दिखाता है. जाहिर है तब तक काफी देर हो चुकी होती है और बीमारी बेकाबू हो जाती है.


देहरादून, ब्यूरो: अक्सर देखने में आता है कि जब किसी बीमारी का प्रकोप बड़े पैमाने पर बढ़ जाता है, तब सिस्टम अपनी सक्रियता दिखाता है। जाहिर है तब तक काफी देर हो चुकी होती है और बीमारी बेकाबू हो जाती है। लेकिन, इस बार समय से पहले की गई तैयारियों ने डेंगू को लगभग हरा दिया। गत वर्ष जहां बेकाबू डेंगू के 1201 केस आए। वहीं इस साल अब तक ये आंकड़ा महज 37 तक सिमटा हुआ है। ऐसे ही पिछले साल डेंगू के डंक से 13 लोगों की जान गई। वहीं, अबकी बार किसी की भी डेंगू से मौत न होने का दावा किया गया है। बताया जा रहा है कि इस बार डेंगू पर नियंत्रण के लिए पहले से की गई तैयारियां रही हैं। दून समेत पूरे प्रदेश में घर-घर जाकर तमाम विभागों की टीमें एक्टिव रही, गली-मोहल्लों तक लगातार फॉगिंग जारी रहा और पब्लिक अवेयरनेस भी दूसरी वजह रही। साफ है कि ऐसे ही हर साल डेंगू के दस्तक से पहले सिस्टम और आम लोग अलर्ट और अवेयर रहे तो ऐसे ही आने वाले समय में भी डेंगू पर पूरी तरह से काबू पाया जा सकता है। ऐसा ही इस बार देखने को मिला। डेंगू हराने के लिए ये रही रणनीति


-दुन के 100 व ऋषिकेश के 40 वार्ड रहे निशाने पर।-हर वार्ड में वॉलिंटियर्स ने घर-घर जाकर डेंगू के लक्षण व बचाव की जानकारी करा रहे मुहैया।-टीमें डेंगू का लार्वा मिलने पर मौके पर ही करा रहे नष्ट।-स्कूल व कॉलेजों में भी अवेयरनेस पर दिया जा रहा जोर।-इसके लिए आशा वर्कर्स की फौज को किया गया है तैनात।-सरकारी विभागों के कार्मिकों को भी किया गया अवेयर।-ये सभी डेंगू की लड़ाई में लोगों के साथ बढ़ा रहे हैं कदम।140 वेलेंटियर तैनात, आशा वर्कर भी सक्रिय

देशभर के शहरों की तर्ज पर समूचे उत्तराखंड व दून में भी शुरुआत में डेंगू का डर बना हुआ था। वजह भी साफ थी। गत वर्ष डेंगू ने पूरे शहर में कोहराम मचाया हुआ था। लेकिन, पुराने अनुभव को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग से लेकर प्रशासन तक पहले से ही चौकन्ना हो गया था। जिला मलेरिया रोग अधिकारी सुभाष जोशी के मुताबिक अबकी बार जुलाई से ही दून के सभी 100 वार्ड और ऋषिकेश नगर निगम के 40 वार्डों को मिलाकर 140 वेलेंटियर्स को ट्रैनिंग देकर वार्डों में तैनाती की गई। सभी सरकार और गैर सरकारी अस्पताल के लिए एसओपी जारी की गई। डेंगू का संदिग्ध मरीज सामने आने पर स्वास्थ्य विभाग को सूचित करने के लिए कहा गया। वाट्सएप ग्रुप के जरिए रोज मॉनिटरिंग की जा रही है। हालांकि, राहत की बात ये है कि अब टेंप्रेचर में गिरावट आने से डेंगू का लार्वा पनपने की संभावना कम है। अधिक गर्मी-ठंड में टल जाता खतरा डेंगू मच्छर के काटने का डर अधिक गर्मी और अधिक सर्दी में नहीं होता है। तापमान के 35 डिग्री के ऊपर और 20 डिग्री से कम रहने पर डेंगू मच्छर के काटने का खतरा नहीं रहता है। इस बार दून में गर्मी का टैंपरेचर 43 डिग्री पार कर गया था। जिससे डेंगू मच्छर के केस में काफी कमी देखने को मिली। गर्मी ने लोगों को बुरी तरह सताया, लेकिन लोग डेंगू से भी बचे। रैपिड और एलाइजा के रेट जारीडेंगू टेस्ट को लेकर पहले प्राइवेट हॉस्पिटलों में खूब लूटमारी होती थी, लेकिन इस बार जहां सरकारी अस्पतालों में डेंगू टेस्ट फ्री किया गया वहीं प्राइवेट हॉस्पिटलों के लिए भी रेट जारी किए गए। डेंगू रैपिड टेस्ट 500 और एलाइजा टेस्ट के रेट 1000 रुपए किए गए हैं। सभी सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में यह सुविधा अनिवार्य की गई है, जिससे लोगों को भटकना न पड़े। डेंगू के लक्ष्मण

- अचानक तेज सि दर्द व बुखार आना - डेंगू के उपचार के लिए कोई खास दवा या वैक्सीन नहीं है- बुखार आने पर पैरासिटामोल टेबलेट ले सकते हैं। - दर्द निवारक दवाओं का इस्तेमाल न करें। यह घातक हो सकता है। - डेंगू के हर मरीज को प्लेटलेट््स की आवश्यकता नहीं होती। दून में डेंगू के पिछले 5 साल के रिकार्ड पर एक नजर इयर पॉजिटव केस डेथ 2020 0 02021 126 02022 1434 02023 1201 132024 37 0इस बार डेंगू से लडऩे के उपाय समय से पहले किए गए। हर वार्ड में एक-एक वेलेंटियर की तैनाती की गई। आशा वर्कर को भी इस काम में लगाया गया। कहीं भी डेंगू का लार्वा पनपने नहीं दिया गया, जिससे इस बार डेंगू कंट्रोल में है। सुभाष जोाशी, जिला मलेरिया रोग अधिकारी, देहरादून

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- मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना- आंखों के पीछे दर्द होना- आंखों को घुमाने से दर्द का बढ़ जाना- जी मचलना व उल्टी होना - गंभीर मामलों मं नाक, मुंह, मसूड़ों से खून आना - स्कीन पर चक्ते उभरना - पूरे शरीर में दर्द, बेहोशी, प्लेटलेट्स गिरना 2020 में बना रिकार्डदून में 2019 में जहां डेंगू के रिकार्ड 4991 केस आए और 6 लोगों की मौत भी हुई थी। लेकिन अगले ही वर्ष 2020 में एक भी डेंगू का केस दर्ज नहीं हुआ। अलबत्ता 2020 में कोरोना का कहर जरूर देखने को मिला। ऐसे बरतें सावधानियां - डेंगू फैलाने वाला मच्छर रूके हुए साफ पानी में पनपता है।- अपने आस-पास पानी जमा न होने दें। - कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों व पशुओं के पीने के पानी के बर्तन। - फ्रीज की ट्रे आदि में लंबे समय तक पानी में पनपनता है डेंगू मच्छर- पानी से भरे हुए बर्तनों व टंकियों को ढक कर रखें। - डेंगू मच्छर दिन में काटता है। ऐसे मेें पूरे बदन में कपड़े पहन कर रखें।- मच्छर रोधी क्रीम, क्वाइल, रिपेलेंट, मच्छरदानी का उपयोग करें। Posted By: Inextlive