दून को तारों का संसार कहा जाए तो कोई गलत नहीं है. यहां शहर के ज्यादातर इलाके तारों के मकडज़ाल से पटे पड़े हुए हैं. जहां भी नजर उठा कर देखो वहीं तार ही तार नजर आते हैं. राजधानी का सबसे बड़े थोक मार्केट हनुमान चौक भी चारों ओर तारों से घिरा हुआ है.


देहरादून, (ब्यूरो): दून को तारों का संसार कहा जाए, तो कोई गलत नहीं है। यहां शहर के ज्यादातर इलाके तारों के मकडज़ाल से पटे पड़े हुए हैं। जहां भी नजर उठा कर देखो, वहीं तार ही तार नजर आते हैं। राजधानी का सबसे बड़े थोक मार्केट हनुमान चौक भी चारों ओर तारों से घिरा हुआ है। ऐसी तस्वीर महज हनुमान चौक ही नहीं इसके आस-पास के बाजारों में मोती बजार, धामावाला, राजा रोड, आढ़त बाजार, तिलक रोड और झंडा चौक जैसे कई इलाकों में बिजली के पोल तारों के जाल से उलझे हुए हैं। स्थिति ये है कि कई पोलों पर बिजली के मीटर भी खराब कंडीशन में हैं। ऐसे में यहां दुर्घटना होने की संभावनाएं अधिक हैं। इन तारों से दुर्घटनाएं ही नहीं, काम करते समय बिजली कर्मी भी उलझ रहे हैं। खास बात यह है कि बिजली पोलों पर केबल की परमिशन देने के दौरान मानकों का सही ढंग से पालन नहीं किया जा रहा है।डरा रहे बिजली के पोल


बिजली के खंभे केबिल से लटके पड़े होने से कई बार बिजली विभाग के ही कार्मिकों को पोल पर काम करने के दौरान खासी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। केवल बिजली कर्मी ही नहीं, कई बार झूलते तारों से वाहन दुर्घटनाएं भी हो रही हैं। कुछ इलाकों में तो केबल्स के ओवरवेट से पोल के गिरने तक का खतरा बना हुआ है। इन तारों से खंभों की सुरक्षा भी खतरे में बताई जा रही है। पोल से सटे मकान व दुकान स्वामी बताते हैं कि बारिश के दौरान खम्भे के गिरने आशंका से डर लगा रहता है। बिजली कडऩे पर करंट फैलने का भी बराबर खतरा बना हूुआ है।इन क्षेत्रों में है सर्वाधिक तारेंराजेंद्रनगरबल्लूपुरयमुना कॉलोनीखुृड़बुड़ाकांवली रोडगोविंदगढ़बल्लीवालासीमाद्वारबसंत विहारत्यागी रोडरेसकोर्सधर्मपुरशास्त्री नगरखंभों पर लटक रहीं इलीगल केबलबिजली के पोलों पर ऊर्जा निगम प्रमिशन देता है। अब तक किस किस कंपनी की केबल्स को परमिशन दी गई गई है, इसकी डिटेल्स जानकारी डिवीजनों से लेकर मुख्यालय तक किसी के पास नहीं है। कंपाइल डाटा न होने और परमिशन को लेकर ठोस कार्रवाई न किए जाने से खंभों पर इलीगल केबल्स लगाई जा रही है, जिससे खंभे तारों से भरे पड़े हैं। जीओ से लेकर ऑप्टीकल फाइबर, टेलीफोन व अन्य वायर खम्भों पर झूल रही है।लटकती केबल से हो रही दुर्घटनाएं

कई जगहों पर तारों का गुच्छा सड़क पर लटक बिखरा पड़ा है, जिनसे कई बार दोपहिया वाहन चोटिल हो गए हैं। ऊर्जा निगम के अधिकारियों का कहना है कि कहीं पर लटकी केबल्स की शिकायत मिलती है तो उसे ठीक कराया जाता है। हालांकि आज तक किसी भी केबल पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।बगैर परमिशन के कई केबलकई कंपनियों की ओर से ऑप्टीकल फाइबर और टीबी आदि की केबल्स बगैर परमिशन की डाली गई है। कई कंपनियां 100 खंभों की परमिशन लेती हैं, 500 पोल पर तारें डाल देती हैं। इसकी मॉनिटरिंग करने वाला नहीं है। निगम अधिकारियों का कहना है कि समय-समय पर अभियान चलाकर बिजली पोल से केबल्स काटी जाती है, लेकिन समय बाद वह फिर जोड़ देते हैं। पिछले साल जी-20 सम्मेलन के लिए शहर में बड़े स्तर पर अभियान चलाया गया, लेकिन आज फिर बिजली पोल केबल्स से भरे पड़े हैं। इसकी प्रॉपर निगरानी नहीं होने से समस्या का समाधान परमानेंट नहीं हो पा रहा है।खतरानाक बने पोल- केबल्स से भरे पड़े बिजली के पोल दुर्घटनाओं को दे रहे न्योता- ऊर्जा निगम की ओर से अभियान चलाने के बाद भी खाली नहीं हो रहे पोल- कई कंपनियों के अवैध रूप से डाले हैं बिजली पोल पर केबल्स

- कई जगहों पर तार की वजह से लग चुकी हैं आग, नहीं ले रहे सबक- शहर की मैन रोड से लेकर गलियों में हर जगह दिख जाता पोल पर तारों का गुच्छा- पुलिस-प्रशासन भी खामोश, कार्रवाई के नाम पर नोटिस तक नहींबिजली के खंभों पर तारें जगह-जगह लटकी हुई हैं, जिनसे दुर्घटनाओं की लगातार आशंका बनी हुई है। इसके लिए प्रशासन को कड़े कदम उठाने चाहिए।-पंकज मैसून, अध्यक्ष, व्यापार मंडलशहर में बिजली के खम्भों पर अधिकांश केबल्स इलीगल हैं। बगैर परमिशन के तारें मनमाने ढंग से कंपनियों द्वारा लगाई गई है। कई केबल्स सड़क पर लटक रही हैं।भूषण भाटिया, व्यापारीबिजली विभाग की उदासीनता के चलते खंभों पर मानकों के विरुद्ध केबल्स लगाई जा रही है। ऐसी केबल्स तत्काल हटाई जाए। कंपनी के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।मोहित, व्यापारी।मनमाने तरीके से लगाई गई बिजली खंभों पर लगाई गई केबल्स सिटी की खूबसूरती पर भी दाग लगा रही हैं। तारों से कहीं नहीं लग रहा है कि हम स्मार्ट सिटी में हैं।राहुल शर्मा, व्यापारी।
खंभों पर नियमों के तहत निर्धारित शुल्क के बाद ही केबल्स को प्रमिशन दी जाती है। पोल पर अवैध तरीके से तार डालने वाली कंपनियों के खिलाफ समय-समय पर अभियान चलाया जाता है। फिर भी कहीं पर मानकों का वाइलेशन हो रहा है, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।-राहुल जैन, अधीक्षण अभियंता, यूपीसीएल.

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Posted By: Inextlive