पर्यावरण के अर्बन मुद्दों पर काम करने वाली संस्था एसडीसी फाउंडेशन में आगामी विधानसभा चुनाव में शहरी स्वच्छता को मुद्दा बनाये जाने की जरूरत बताई है। फाउंडेशन ने उत्तराखंड अर्बन एजेंड-2022 के तहत पहली फैक्टशीट जारी की है। इसमें सफाईमित्र सुरक्षा चैलेंज और गार्बेज फ्री सिटी के आंकड़ों के माध्यम से देहरादून और राज्य में खराब सफाई व्यवस्था की तरफ इशारा किया है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने इन दोनों कॉम्पिटीशन में दून की स्थिति को लेकर खबर छापी थी।

देहरादून (ब्यूरो)।एसडीसी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल के अनुसार उत्तराखंड अर्बन एजेंडा-2022 के तहत राज्य में विभिन्न शहरी मुद्दों को लेकर अलग-अलग फैक्टशीट जारी की जाएंगी। तथ्यों और आंकड़ों पर आधारित ये फैक्टशीट विभिन्न राजनीतिक दलों को भेजी जाएंगी ताकि वे सतत शहरीकरण के इन प्रमुख मुद्दों को अपने मेनिफेस्टो में उचित स्थान दे सकें।

किसी शहर को नहीं मिली स्टाररेटिंग
अनूप नौटियाल ने बताया कि केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा पिछले वर्ष 19 नवंबर को वर्ल्ड टॉयलेट डे के मौके पर सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज लॉन्च किया था। इस चैलेंज में 3 से 10 लाख आबादी वाले शहरों में देशभर के 72 शहर शामिल किये गये। उत्तराखंड का एकमात्र शहर देहरादून इसमें शामिल किया गया था। दून को 52वां स्थान मिला। इसके अलावा गार्बेज फ्री सिटी चैलेंज में दून का कोई भी शहर 3 स्टार या 5 स्टार हासिल नहीं कर पाया। दून रुड़की और मुनि की रेती 1 स्टार रैंकिंग हासिल कर सके।

लगातार प्रयास की जरूरत
अनूप नौटियाल ने अनुसार दो महत्वपूर्ण राष्ट्रीय स्तर की स्वच्छता प्रतियोगिताओं में उत्तराखंड के शहरों की बेहद कमजोर रैंकिंग और रेटिंग चिंताजनक है। इसमें लगातार प्रयास करने की जरूरत है। कई स्तरों में सुधार करके ही स्वच्छता के पैरामीटर्स में हम अपना प्रदर्शन सुधार पाएंगे और इसके लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति और स्वच्छता पर व्यापक और निरंतर नियोजन होना जरूरी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि राजनीतिक पार्टियां इस फैक्टशीट पर ध्यान देंगे और शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता को अपने मेनिफेस्टो में जगह देंगे, ताकि आने वाले समय में हम देवभूमि को उसके नाम के अनुरूप स्वच्छ और सुन्दर बनाने में सफल हो सकें।

Posted By: Inextlive