कैसे कंट्रोल हो पॉल्यूशन, व्हीकल 11 लाख, पीयूसी केवल 90 हजार
दून में 18 परसेंट लोग भी नहीं करवा रहे पीयूसी जांच
एनजीटी के निर्देश के बाद भी पीयूसी जांच को लेकर गंभीर नहीं विभाग
दिल्ली से लेकर देहरादून तक एयर क्वालिटी को लेकर लोगों में चिंता बनी हुई है। इन दिनों दून में लगातार एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) चिंता का विषय बना हुआ है। बढ़ते एयर पॉल्यूशन को लेकर एनजीटी ने सभी विभागों को अलर्ट मोड पर रहते हुए पॉल्यूशन को कम करने के लिए विशेष कार्रवाई करने के निर्देश दिए। बावजूद इसके विभाग ने आंखें बंद कर रखी हैं। जिसके नतीजतन आरटीओ में इस वित्तीय वर्ष में सिर्फ 90 हजार वाहनों के पीयूसी सर्टिफिकेट बने। जबकि दून की सड़कों पर 11 लाख से ज्यादा वाहन दौड़ रहे हैं।
11 लाख से ज्यादा वाहन रजिस्टर्ड
दून में 11 लाख 3 हजार 37 वाहन रजिस्टर्ड हैं। जिनमें करीब 7 लाख केवल टू-व्हीलर है। जबकि, 2 लाख 42 हजार फोर व्हीलर है। 789 ऑटो व विक्रम है। जो डीजल से संचालित होते है। इनकी भी समय-समय पर पीयूसी जांच नहीं होती है। यह सड़कों पर धुआं फेंक रही है।
इतने व्हीकल रजिस्टर्ड
टू व्हीलर- 7,13693
फोर व्हीलर- 252013
बस- 3939
एंबुलेंस- 1265
कैंपर वैन- 34
ट्रैक्टर- 1679
क्रेन व्हीकल- 69
डंपर- 225
ई-रिक्शा- 3456
ई-कार्ट- 87
कॉर्मशियल व्हीकल- 21,560
मोबाइल कैंटीन व क्लीनिक - 57
मोपेड कैब- 14394
मैक्सी कैब- 8282
मोटर कैब- 8562
अन्य व्हीकल- 134207
कुल व्हीकल- 1103037
2019 में न्यू एमवी अमेंडमेंट एक्ट के तहत पॉल्यूशन सर्टिफिकेट न होने पर पहली बारी में 1000 रुपये का चालान उसके बाद 5000 रुपये तक के चालान को लेकर सख्ती की गई। तो दून में 2019-20 में 3 लाख से ज्यादा लोगों ने पीयूसी सर्टिफिकेट बनवाये। जबकि, 2020-21 में यह आंकड़ा सवा दो लाख पर पहुंचा। अब आलम यह है कि आरटीओ में केवल 90 हजार लोगों के ही पीयूसी सर्टिफिकेट हैं। जो परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली और पब्लिक की पीयूसी को लेकर लापरवाही को दिखा रहा है। पीयूसी सर्टिफिकेट
वर्ष - ईशु पीयूसी
2019-20 - 3,47,135
2020-21 - 2,27,464
2021-22- 2,05,619
2022-23 - 90,631 (7 नवम्बर 2022 तक) पीयूसी न होने पर इतने चालान
वर्ष - चालान (पीयूसी न होने पर)
2019-20 - 783
2020-21 -795
2021-22-1391
2022-23 - 859 (7 नवम्बर 2022 तक)
पीयूसी सेंटर तो बढ़े लेकिन सर्टिफिकेट स्लो
दून में 2019 में केवल 45 पीयूसी सेंटर संचालित हो रहे थे। जबकि, अब 121 पीयूसी सेंटर खुल चुके हैं। इसके अलावा सिटी से बाहर भी पीयूसी सेंटर है। जिसके बाद जनपद में कुल पीयूसी सेंटर की संख्या 177 पर पहुंच चुकी है। लेकिन, पीयूसी को लेकर विभाग की ओर से कोई भी सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही है।
बीते दिनों स्टाफ की कमी के चलते जांच नहीं हो पा रही थी। लेकिन, अब पीयूसी को लेकर सख्त निर्देश दिए गए है। चैकिंग के दौरान टीम को पीयूसी जांच के लिए कहा गया है।
सुनील शर्मा, आरटीओ देहरादून