टेंप्रेचर में उछाल आते ही आग की घटनाएं आम बात हैं। कैसे आग पर काबू पाया जा सके सबकी निगाहें फायर सर्विस डिपार्टमेंट पर टिकी रहती हैं। लेकिन राजधानी दून की हकीकत कुछ और है। कहने के लिए दून जनपद में मौजूद सात फायर स्टेशनों में स्वीकृत पदों की संख्या 265 है। इसके बदले में केवल 146 फायर कार्मिक ही मौजूद हैं। बाकी 119 पद अभी भी कई सालों से रिक्त चल रहे हैं। अंदाजा लगाया जा सकता है कि कारणवश दून के किन्हीं इलाकों में एक साथ कई आग की घटनाएं सामने आ जाएं तो कैसे उन पर नियंत्रण पाया जा सके। इस बात से खुद विभागीय अधिकारी भी नहीं समझ पा रहे हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पदों के भर्ती के लिए लंबे समय से प्रक्रिया चल रही है। लेकिन अब तक पद नहीं भरे जा सके हैं।


देहरादून (ब्यूरो)। दून में फायर के आंकड़े इस बात की गवाही देने के लिए काफी हैं कि वर्ष 2021 में फायर के 677 छोटे-बड़े मामले सामने आए थे। अकेले इसमें दून सिटी में 421 मामले रिकॉर्ड किए। जिनसे करोड़ों के नुकसान हुआ और करोड़ों के नुकसान होने से फायर सर्विस ने बताया। इसी प्रकार से गत वर्ष रेस्क्यू कॉल के नाम पर दून जिले में 75 कॉल्स रिसीव किए गए। इसमें अकेले 26 कॉल्स दून सिटी के दर्ज हैं। लेकिन, दून फायर स्टेशन के अधिकारियों को फिक्र इस बात की है। कई पद खाली होने के बावजूद मुख्यालय की ओर से उन्हें नहीं भरा जा रहा है। जिससे कई बार बड़ी आग की घटनााओं पर नियंत्रण पाने का डर लगा रहा है। हालांकि, विभाग इस बात को भी मान रहा है कि ऐसी चिंताजनक घटनाएं न के बराबर सामने आईं हैं। लेकिन, इसके बावजूद रिक्त पदों को भरा जाना चाहिए। जिससे कभी भी ऐसी आपदाओं पर आसानी से नियंत्रण पाया जा सके और दूसरे पर निर्भर न रहा जाए। सीएफओ दून राजेंद्र सिंह खाती कहते हैं कि यकीनन सृजित पदों के सापेक्ष कार्मिकों की संख्या कम है। उम्मीद है कि जल्द कार्मिकों की नियुक्ति हो जाएगी और आग जैसी घटनाओं पर आसानी से नियंत्रण पाया जा सकेगा।

Posted By: Inextlive