हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली के मामले में एक साल से जवाब न देने पर सरकार को नोटिस दिया है। सामाजिक कार्यकर्ता अभिनव थापर की जनहित याचिका की पैरवी कर रहे हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश युक्त पीठ ने इस याचिका के स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने के विषय में सरकार की तरफ से अनदेखी का संज्ञान लिया। सरकार को फिर नोटिस जारी कर छह हफ्ते में अपना पक्ष रखने का आदेश दिया।

देहरादून, ब्यूरो:
कोरोना महामारी व पहाड़ की स्वास्थ्य सुविधाओं की शिथिलता व स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव के देखते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अभिनव थापर ने 2021 में जनहित याचिका दायर की थी। जिस पर नैनीताल हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से एक माह के भीतर जवाब मांगा था। अभिनव थापर का कहना है कि आज एक साल से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी सरकार ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया। इस पर याचिकाकर्ता ने महत्वपूर्ण विषय बताते हुए सुनवाई की अपील की। जिसका हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया।

यह था उल्लेख
अभिनव थापर ने हाईकोर्ट के समक्ष मुख्य बिन्दु में आवास विभाग के हॉस्पिटल , नर्सिंग होम व स्वास्थ्य सेवाएं देने वाले संस्थानों के वन टाइम सेटलमेंट 2021 स्कीम में कमियां व क्लीनिकल , एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में ढील का उल्लेख किया। इनके नियमों में शिथिलता से उत्तराखंड में हॉस्पिटल बेड की वर्तमान संख्या को घटने से रोकना व उनकी संख्या को बढ़ाने का प्रावधान किया जा सकेगा।

फोटो: दैनिक जागरण आईनेक्स्ट

Posted By: Inextlive