Heatwave in Dehradun News: अबकी बार दून में भीषण गर्मी सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर रही है. कहर बरपाने वाली गर्मी का सबसे ज्यादा असर मैदानी क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है. लू के थपेड़ों से जनजीवन प्रभावित है. मई में ऑल टाइम हाई पहुंचने के बाद जून में भी दून के मैक्सिमम तापमान ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.

देहरादून,(ब्यूरो): Heatwave in Dehradun News: अबकी बार दूून में भीषण गर्मी सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर रही है। कहर बरपाने वाली गर्मी का सबसे ज्यादा असर मैदानी क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है। लू के थपेड़ों से जनजीवन प्रभावित है। मई में ऑल टाइम हाई पहुंचने के बाद जून में भी दून के मैक्सिमम तापमान ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। ट्यूजडे को दून का मैक्सिमम तापमान 41.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो कि 122 वर्ष में सर्वाधिक है। वर्ष 2022 में जून में पारा 41.6 डिग्री सेल्सियस पहुंचा था। जबकि, ऑल टाइम रिकॉर्ड वर्ष 1902 में 43.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।

4 दिन से तापमान 40 के आसपास
बीते करीब एक सप्ताह से उत्तराखंड के ज्यादातर क्षेत्रों में मौसम शुष्क बना हुआ है। चटख धूप के कारण झुलसाने वाली तपिश और लू के थपेड़े बेहाल कर रहे हैं। दून समेत ज्यादातर मैदानी क्षेत्रों में आसमान से आग बरस रही है। मैक्सिमम टेंप्रेचर 42 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है। दून में बीते 4 दिनों से पारा 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक है और लगातार बढ़ रहा है। इसके अलावा रुड़की, कोटद्वार, ऋषिकेश, रुद्रपुर, पंतनगर आदि में भी पारा उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।

5 जिलों में बूंदाबांदी के आसार
मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक उत्तराखंड में फिलहाल मौसम शुष्क बना रहने का अनुमान है। उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में ऊंचाई वाले स्थानों पर हल्की वर्षा हो सकती है। आसपास के निचले इलाकों में झोंकेदार हवाएं और आकाशीय बिजली चमकने की आशंका है। लेकिन, मैदानी क्षेत्रों में लू चलने को लेकर चेतावनी जारी की गई है।

दून में जून का पारा
डेट--टेंप्रेचर
13 जून 2023-- 39.5
05 जून 2022-- 41.6
30 जून 2021--37.6
28 जून 2020-- 35.6
01 जून 2019-- 36.7
13 जून 2018, 38.7
04 जून 2017-- 39.8
13 जून 2016-- 36.4
09 जून 2015-- 40.8
06 जून, 2014-- 40.4
04 जून 1902-- 43.9

पारे में उछाल की वजह बारिश न होना
अप्रैल और मई में कम वर्षा के बाद जून भी सूखा गुजर रहा है। अब तक इस माह सामान्य से करीब 60 परसेंट कम वर्षा हुई है। जिससे मौसम शुष्क बना हुआ है। मार्च में ग्रीष्मकाल की शुरुआत कुछ राहत देने वाली रही थी, लेकिन अप्रैल और मई में बादलों की नाराजगी बनी रही। मार्च में प्रदेश में सामान्य से 29 परसेंट अधिक वर्षा हुई थी, लेकिन अप्रैल में मेघा सामान्य से 46 परसेंट कम बरसे। इसके बाद मई में भी सामान्य से 21 परसेंट कम बारिश हुई।

केवल 128 मिमी बारिश
जून की शुरुआत में भी भीषण गर्मी की आशंका जताई जा रही है। इस वर्ष गर्मियों में 1 मार्च से 31 मई तक प्रदेश में 128 मिमी वर्षा हुई है, जो कि सामान्य वर्षा 159 मिमी से 19 परसेंट कम दर्ज की गई है। जबकि, एक जून से शुरू हुए मानसून सीजन में भी अब तक 59 परसेंट कम वर्षा दर्ज की गई है।

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Posted By: Inextlive