तैयारी पूरी, संभलना बहुत जरूरी
देहरादून (ब्यूरो)। दून हॉस्पिटल में जीनोम सीक्वेंसिंग भी शुरू कर दी गई है। इसके लिए सवा दो करोड़ की मशीन इंस्टॉल की गई है। वायरस की पूरी डिटेल जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिये जानी जाती है। इससे वायरस के स्ट्रेन की जानकारी मिलती है। दून हॉस्पिटल में जीनोम सीक्वेंसिंग की सुविधा है। अब तक 18 लोगों की जीनोम सीक्वेंसिंग की गई है। दून हॉस्पिटल में कोल्ड और कफ के पेशेंट्स भी बढ़ रहे हैैं। डिप्टी एमएस डॉ। केसी पंत ने मुताबिक सर्दी जुकाम के रोज 250 से ज्यादा पेशेंट पहुंच रहे हैैं। पहले ये संख्या 120 तक रहती थी। कोरोनेशन हॉस्पिटल में भी 100 से 110 पेशेंट रोज आ रहे हैैं।
ये लापरवाही ठीक नहीं
1- आईएसबीटी में बिना मास्क पैसेंजर
आईएसबीटी और मसूरी बस अड्डे में पैसेंजर बस के इंतजार के दौरान कोरोना की गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे हंै। वह आईएसबीटी प्रांगण में बिना मास्क के घुमते दिखाई देते हैैं। जबकि ये सबसे ज्यादा सेंसिटिव जगह है, यहां बाहर से आए लोगों की भरमार होती है।
2-पलटन बाजार में पब्लिक का हुजूम
दून के सबसे बड़े पलटन बाजार में सबसे बड़ी लापरवाही की जा रही है। यहां सोशल डिस्टेंसिंग जैसी कोई चीज ही नहीं है। लोग कोविड गाइडलाइन को भूल ही गए हैैं। यहां इस तरह बेतरतीब भीड़ है कि आप भीड़ से बच नहीं सकते, ऐसे में भीड़ से बचना ही सबसे बड़ी सेफ्टी है।
सरकारी दफ्तरों में भी भीड़-भाड़ खतरों को न्यौता दे रही है। लोग सोशल डिस्टेंस मेंटेन नहीं कर रहे। मास्क भी कई लोग नहीं लगा रहे ऐेसे में स्थिति खतरनाक साबित हो सकती है। राजपुर रोड स्थित आरटीओ ऑफिस में तो लोग बिल्कुल बेपरवाह होकर कोविड गाइडलाइन की धज्जियां उड़ा रहे हैैं। यह सावधानी है जरूरी
- मास्क का उपयोग करें।
- फिजिकल डिस्टेंस फॉलो करें।
- हाथों को सेनेटाइज करते रहें।
- भीड़भाड़ वाले स्थान से जाने से बचें।
- वेल वेंटीलेशन वाली जगह पर रहें। इन लक्षणों पर हो जाएं सजग
- फिवर, जुकाम, खांसी।
- फिवर हो तो तत्काल आइसोलेट हो जाएं।
- पैरासिटामोल लें और ठंड से बचें।
- सांस लेने में दिक्कत हो तो डॉक्टर को दिखाएं।