तृतीय केदार के नाम से प्रसिद्ध और सबसे ज्यादा ऊंचाई पर स्थित तुंगनाथ मंदिर में 16 साल बाद भव्य महायज्ञ का आयोजन संपन्न हो गया. भारी बारिश के बावजूद इस महायज्ञ में भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया. इस महायज्ञ में उत्तराखंड के अलावा दिल्ली पंजाब और महाराष्ट्र सहित अन्य राच्यों से भी सैकड़ों की सं या में श्रृद्धालु पहुंचे. तीस जुला पट्टी गोपाल रामोला की अध्यक्षता में कार्यक्रम का समापन किया गया. मांगल गीतों और परंपरागत रीति-रिवाजों के साथ महायज्ञ की पूर्णाहुति की गई।

रुद्रप्रयाग, ब्यूरो:
पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विश्व वि यात व चन्द्र शिला की तलहटी में बसे तुंगनाथ के धाम त्रीस जूला महायज्ञ समिति चन्द्र शिला के तत्वावधान में तीन दिवसीय महायज्ञ का आयोजन किया गया। महायज्ञ के दौरान तुंगनाथ धाम विद्वान आचार्यों की वेद ऋचाओं से गुजायमान हो उठा। आचार्यों ने हवन कुण्ड में आहुतियां डालकर विश्व शान्ति और खुशहाली की कामना की।

खदेड़ पट्टी क्षेत्रभ्रमण पर निकली बाबा की डोली
इस दौरान आचार्य पंडित ल बोदर प्रसाद मैठाणी ने बताया कि बाबा तुंगनाथ की देवरा डोली पूरे खदेड़ पट्टी के क्षेत्र में भ्रमण के लिए बीते एक साल पहले निकली थी। तब से डोली बाबा तुंगनाथ के मंदिर के बाहर थी। तीन दिवसीय महायज्ञ के बाद देव डोली भगवान तुंगनाथ के मंदिर में विधिवत रूप से विराजमान हो गयी हैं।

पौधरोपण व स्वच्छता का चलाया अभियान
तीस जुला पट्टी की ओर से विशाल ांडारे का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी मात्रा में ाक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। वहीं बाबा के धाम में तीसजूला समिति के सदस्यों ने पर्यावरण को बचाने के लिए पौधरोपण व स्वच्छता अभियान चलाया।

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Posted By: Inextlive