वाटर लॉगिंग के लिए सरकार जिम्मेदार
- जलभराव की समस्या से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने कसी कमर
- वाटर लॉगिंग प्वाइंट चिन्हित कर नगर निगम इंतजाम में जुटा, कंट्रोल रूम शुरू
180 वाटर लॉगिंग प्वाइंट डिक्लेयर
नगर निगम ने इस बार शहर में वाटर लॉगिंग के 180 प्वाइंट चिन्हित किए हैं। इन स्थानों पर जलभराव होने पर 10 क्विक एक्शन टीमों का गठन किया गया है। प्रत्येक टीम के पास एक-एक पंप रहेगा। शहर के सभी 100 वार्डों में इमरजेंसी के लिए 10-10 कर्मचारियों की टीमें अलग से बनाई गई है। हर टीम के साथ एक रेस्क्यू वाहन भी तैनात रहेगा। इसके अलावा 300 लोगों का नाला गैंग का भी गठन किया गया है।
बरसात में जलभराव के अलावा अन्य समस्याओं के त्वरित रिस्पॉन्स के लिए नगर निगम मुख्यालय कंट्रोल रूप में बनाया है। 20 जून से कंट्रोल रूम ने काम करना शुरू कर दिया है। कंट्रोल रूप में सूचना मिलते ही इसे संबंधित क्षेत्र के सुपरवाइजर्स को तत्काल जानकारी दी जाएगी। टीम इस पर त्वरित एक्शन लेकर रेस्क्यू शुरू करेगी। 50 परसेंट नालियां ही साफ
मानसून सिर पर है, लेकिन अभी तक 50 परसेंट नाले-नालियां साफ नहीं हो पाई। ये नालियां कब साफ होंगी, किसी को नहीं पता। नालियों की सफाई न होने से नालियां जगह-जगह चोक है, जिससे बारिश में नालियों का सड़कों पर भर रहा है। थर्सडे को भी यही हुआ। नालियां चोक होने से सड़कें पानी से लबालब हो गई, जिससे आवाजाही भी प्रभावित हुई। यह हाल तब है जबकि बरसात शुरू भी नहीं हुई है। बरसात के मौसम में क्या हाल होगा। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है।
3 करोड़ खर्च
नालों-नालियों की सफाई पर नगर निगम अब तक तकरीबन 3 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर चुका है। इतनी बड़ी रकम खर्च होने के बाद भी ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त नहीं हो पाया है। नालियों की सफाई के लिए इस बार डीएम सोनिका ने कड़ी फटकार लगाई, जब जाकर कुछ काम हो पाया है।
सिंचाई विभाग ने आउट ऑफ ड्रेनेज स्मार्ट सिटी के तहत शहर की दो आउट ऑफ फॉल ड्रेनेज की दो योजनाएं पूरी कर ली। सिंचाई विभाग अवस्थापना एवं नियोजन खंड के अधिशासी अभियंता राजेश लाम्बा ने बताया कि पहला आउट ऑफ फॉल ड्रेनेज लैंसडौन चौक से बुद्धा चौक और इसके बाद दर्शन लाल चौक तक का काम कंप्लीट हो गया है। दूसरा आउट ऑफ फॉल ड्रेनेज रेसकोर्स से चंदरनगर नाला का काम कंप्लीट कर लिया गया है। दोनों योजनाओं से वाटर लॉगिंग थ्रो आउट हो गया है। इससे शहर को बड़ी राहत मिली है। ऐसी रही दूनाइट्स की राय
दून शहर में नालियां खस्ताहाल हैं। इससे कई समस्याएं उत्पन्न हो रही है। इसके लिए आप किसे जिम्मेदार मानते हैं?
1. सरकार की लापरवाही 50 %
2. नगर निगम 29%
3. जिला प्रशासन 21%
4. स्मार्ट सिटी 0
सिटी में जल भराव के लिए आप किसको जिम्मेदार मानते हैं?
1. नालियों की सफाई न होना 44%
2. सड़कों की खराब स्थिति 0 %
3, नालियों के निर्माण में भ्रष्टाचार 44%
4. नगर निगम की लापरवाही 11%
1. प्लानिंग की कमी 25%
2. सरकार की बेपरवाही 50%
3. अनियोजित विकास 25 %
4. विभागों में समन्वय का अभाव 0
हर साल होने वाले जल भराव की समस्या से खत्म होनी चाहिए या नहीं?
हां 100 %
नहीं 0
थोड़ा बहुत 0
इनमेें से कोई नहीं 0
नालियों की दुर्दशा, साफ-सफाई और ड्रेनेज सिस्टम के लिए दूनाइट्स सरकार को सबसे ज्यादा जिम्मेदार मानते हैं। 50 फीसदी लोग सरकारी की नीति स्पष्ट न होने से सिस्टम की इसमें लापरवाही को बड़ा कारण मानते हैं। हर साल करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी स्थिति न सुधरने पर लोग सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। नालियों के रखरखाव और निर्माण में भ्रष्टाचार को भी 44 परसेंट लोग जिम्मेदार मानते हैं। यहां झेलनी पड़ी ज्यादा परेशानी
पलटन बाजार
रायपुर रोड
राजपुर रोड
चकराता रोड
कांवली रोड
प्रिंस चौक
अजबपुर
रेसकोर्स
सहारनपुर रोड
आईएसबीटी
शिमला बाईपास शहर पर एक नजर
12 लाख के लगभग है दून की आबादी
280 के करीब है ड्रेनेज नालियां
55 छोटे-बड़े नाले हैं दून में
18 बड़े नाले रिस्पना, बिंदाल से जुड़े
300 लोग नाला गैंग में
180 वाटर लॉगिंग प्वाइंट इस पर चिन्हित
10 क्यूआरटी टीमें गठित
20 जून से नगर निगम का कंट्रोल रूम शुरू
100 वार्ड हैं दून नगर निगम में
15 हजार के लगभग रहते हैं हर वार्ड में लोग
03 करोड़ से अधिक नालियों की सफाई पर खर्च इन नंबर्स पर करें कंप्लेन
कंट्रोल रूम का नंबर 7534826086
लैंडलाइन नंबर 0135-2726066, 2626066
टोल फ्री नंबर 1077
मोबाइल नंबर 9548301421 बरसात से पहले नालियों की सफाई का काम पूरा करने के नगर निगम को निर्देश दिए गए हैं। सिंचाई विभाग ने आउट ऑफ फॉल ड्रेनेज की दो स्कीम पूरी कर ली है, जिनसे लैंसडौन चौक, बुद्धा चौक और दर्शन लाल चौक की वाटर लॉगिंग की समस्या खत्म हो गई है। दूसरे जगहों पर भी वॉटर लॉगिंग की समस्या के लिए आवश्यक इंतजाम किए जा रहे हैं।
सोनिका, डीएम, देहरादून
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