गढ़ी चौक से डाकरा बाजार तक सिचाईं विभाग की भूमि पर अतिक्रमण कर लगाई गई रेहड़ी-ठेली व खोखों के खिलाफ मंडे को बड़ा अभियान शुरू हुआ। कैंट बोर्ड व पुलिस के संयुक्त अभियान के तहत अवैध रूप से लगी ठेलियां व खोखे हटाए गए। हालांकि कुछ अतिक्रमणकारियों ने लाल निशान लगने के बाद खुद ही एनक्रोचमेंट हटा लिया था। लेकिन जिन्होंने नहीं हटाया पुलिस और कैंट बोर्ड की संयुक्त टीम ने उनको हटाया।

- गढ़ी चौक से डाकरा बाजार तक हटाए कब्जे
- कैंट बोर्ड ने चलाया अतिक्रमण के विरुद्ध अभियान

देहरादून, 22 मई (ब्यूरो)। कैंट बोर्ड दून के तहत गढ़ी चौक से डाकरा बाजार तक सिचाईं विभाग की सरकारी जमीन पर अवैध रूप से फड़, ठेली लगी हुई थी। आरोप हैं कि कुछ लोगों ने इलाके में टेंपरेरी निर्माण भी कर लिए थे। सिंचाई विभाग की ओर से कई बार इसको लेकर कैंट बोर्ड को पत्र लिखा गया। आग्रह किया गया कि यहां से अतिक्रमण हटाया जाए। यहां तक कि विभाग की ओर से उन्हें नोटिस भी भेजे गए। लेकिन, इसी बीच विरोध भी शुरू हो गया। कुछ लोग कोर्ट चले गए थे। मामला कुछ दिन शांत हो गया था। लेकिन, इसी बीच हाल में सिचाईं विभाग की टीम ने मौका मुआयना किया। मामले में कैंट बोर्ड के अफसरों से भेंट भी की। जिसके बाद कैंट बोर्ड ने अतिक्रमण चिह्नित कर लाल निशान लगाए थे।

टीम के मौके पर पहुंचते ही हड़कंप
लाल निशान लगने के बाद जैसे ही मंडे सुबह टीम मौके पर पहुंची। अतिक्रमणकारियों में अफरा-तफरी मच गई। इस बीच ज्यादातर अतिक्रमणरियों ने खुद ही अतिक्रमण हटा लिया। जबकि, बाकी अतिक्रमण को कैंट बोर्ड की टीम और पुलिस ने हटा दिया। अतिक्रमण हटाने के दौरान टीम को विरोध का सामना भी करना पड़ा। कैंट बोर्ड के सीईओ अभिनव ङ्क्षसह का कहना है कि गढ़ी-डाकरा में सड़क पर बेतरतीब ढंग से फल, सब्जी आदि की ठेलियां लगी रहती हैं। जिससे ट्रैफिक संचालन में खासी दिक्कतें सामने आ रही हैं। इस दौरान करेगी, ताकि आगे पुन: अतिक्रमण न हो। इस दौरान कैंट बोर्ड की ओर से जेई नवनीत कुमार, सफाई अधीक्षक नरेंद्र कुमार, राजस्व निरीक्षक मुकेश कुमार आदि मौजूद रहे।

ऐसे चला अभियान
-सुबह से चला अतिक्रमण हटाओ अभियान
-158 अवैध ठलियां व 39 खोखे हटाए गए।
-छावनी अधिनियम के तहत किया गया चालान
-अभियान पूरा होते ही सिचाईं विभाग की टीम पहुंची मौके पर।
-दावा, ट्यूजडे को भी जारी रहेगा अतिक्रमण हटाओ अभियान
-कैंट बोर्ड के मुताबिक, अब टीम लगातार करेगी निरीक्षण
-दुबारा अतिक्रमण न हो, बोर्ड की रहेगी पैनी नजर।

पहले यहां प्रस्तावित था स्मार्ट वेंडिंग जोन
सिचाईं विभाग की जिस लैंड पर अतिक्रमण हटाया गया, वहां स्मार्ट वेङ्क्षडग जोन बनाने का भी प्रस्ताव था। पूर्व सीईओ ने इस बारे में ङ्क्षसचाई विभाग को पत्र लिखा था। एनओसी देने की मांग भी की थी। लेकिन, ङ्क्षसचाई विभाग ने यह प्रपोजल कैंसिल कर दिया था। खास बात ये थी वेंडिंग जोन को विरोध में स्थानीय व्यापारी भी थे। व्यापरियों का कहना था कि वे किसी भी कीमत पर टेंपेरेरी दुकानों नहीं लगने देंगे।


वन विभाग की 455 हेक्टेयर क्षेत्र में अतिक्रमण ध्वस्त
स्टेट के सभी सरकारी जमीन से सभी अवैध अतिक्रमण हटाये जाएं। अतिक्रमण वाली भूमि पर रजच्य के बाहर के कितने लोगों का कब्जा है, राज्य के कितने लोगों का कब्जा है। इसका डेटा शीघ्र प्रस्तुत किया जाए। सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने जीओ जारी किया जाए। ये निर्देश सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में रचच्य की सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के सबंध में बैठक लेते हुए अधिकारियों को दिये। बैठक में जानकारी दी गई कि वन विभाग की ओर से 455 हेक्टेयर क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण को हटाया जा चुका है।

सभी डीएम को निर्देश
सभी डीएम को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित हो कि जनपदों में जो नई प्लाटिंग हो रही हैं, उनमें नियमानुसार सभी कार्यवाही हो। चारधाम यात्रा व अन्य धार्मिक स्थलों पर जो भी बाहरी लोग कार्य कर रहे हैं, यह सुनिश्चित हो कि उन सभी का सत्यापन हो। कमिश्नर सभी गतिविधियों पर नजर रखें। डीएम सुनिश्चित करें कि ग्राम समाज की जमीन पर भी न हो अतिक्रमण।

सीएम धामी के निर्देश
-शत्रु संपत्तियों का अपनी टीम के साथ स्थलीय निरीक्षण करें
-जिन शत्रु संपत्तियों को प्रशासन ने अपने अधीन नहीं लिया, उन्हें शीघ्र अधीन लिया जाए।
-जिन शत्रु संपत्तियों को अधीन में लिया, उनमें क्या पब्लिक प्रोजक्ट बन सकते हैं, प्रस्ताव डीएम से शासन भेजे जाएं।
-बैठक में दी गई जानकारी, वन विभाग ने 455 हेक्टेयर क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण को हटाया गया।
-अतिक्रमण न रोकने वाले अफसरों की जिम्मेदारी हो तय।
-बाहरी लोगों व किराएदारों का हो लगातार सत्यापन।
-डीएम को निर्देश, किसी भी व्यक्ति के जाली प्रमाण पत्र न बनें।
-गलत सूचना देने वालों पर भी की जाए कार्रवाई।
-सरकारी लैंड का होगा यूनिक नंबर, विभाग संपत्ति का रजिस्टर करेंगे मेंटेन।

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सैटेलाइट पिक्चर से रखी जाएगी नजर
बताया, सरकारी भूमि की समय-समय पर सेटालाइट पिक्चर ली जाएगी। अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए जिले लेवल पर डीएम की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। राजस्व परिषद् में तकनीकी हेल्प के लिए सेल गठित की गई है। स्टेट लेवल पर सीएस की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है, जो जनपदों व रचच्य स्तरीय समिति अतिक्रमण हटाने के लिए की गई कार्यवाही की नियमित निगरानी रखेगी।

Posted By: Inextlive