चारधामों में एक गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट के पर्व पर मंगलवार दोपहर 11।45 बजे पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इसके बाद मां गंगा की डोली जयकारों के साथ अपने शीतकालीन पड़ाव मुखवा के लिए रवाना हुई। केदारनाथ धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट बुधवार को भैयादूज पर आज बंद कर दिए जाएंगे। वहीं शीतकाल के लिए भगवान बदरीनाथ के कपाट 18 नवंबर को बंद किए जाएंगे।

देहरादून (ब्यूरो) चारधाम यात्रा ने इस साल नया रिकॉर्ड बनाया है। 13 नवंबर तक चारों धामों में 55.89 लाख तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए हैं। गंगोत्री धाम में भी इस बार तीर्थयात्रियों का सैलाब उमड़ा और नया रिकॉर्ड बना है। 2022 में गंगोत्री धाम में 624451 तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए थे, जबकि इस बार 904869 यात्री गंगोत्री धाम पहुंचे।

विधि-विधान से हुए कपाट बंद
मंगलवार को गंगोत्री धाम के कपाट बंद किए जाने के अवसर सुबह 10 बजे मां गंगा के मुकुट को उतारा गया। इसके बाद श्रद्धालुओं ने निर्वाण के दर्शन किए। वेद मंत्रों के साथ मां गंगा की मूर्ति का महाभिषेक किया गया। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने मां गंगा के दर्शन कर जयकारे लगाए। स्थानीय ग्रामीणों ने रांसो तांदी लोक नृत्य किया। इसके बाद विधिवत हवन पूजा-अर्चना के साथ दोपहर 11.45 बजे अभिजीत मुहूर्त की शुभ बेला पर कपाट बंद किए गए।

डोली शीतकालीन धाम रवाना
गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद मां गंगा की डोली लेकर तीर्थ पुरोहित सेना के बैंड की धुन पर शीतकालीन पड़ाव मुखवा के लिए रवाना हुए। डोली रात्रि विश्राम चंडी देवी मंदिर में करेगी। बुधवार को गंगा की डोली मुखवा स्थित गंगा मंदिर में पहुंचेगी। गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने कहा कि चारधाम यात्रा उम्मीदों के अनुरूप चली है। गंगोत्री में इससे पहले कभी भी इतनी संख्या में तीर्थयात्री नहीं पहुंचे। यह पहला अवसर है जब एक सीजन में तीर्थयात्रियों की संख्या गंगोत्री धाम में 9 लाख के पार पहुंची है।

13 नवंबर तक पहुुंचे इतने श्रद्धालु
यमुनोत्री - 735040
गंगोत्री - 904869
केदारनाथ - 1955413
बदरीनाथ - 1793955

बदरीनाथ में पंच पूजा शुरू
बदरीनाथ धाम के कपाट 18 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत पंच पूजाएं शुरू हुईं। मंगलवार को श्री गणेश जी के कपाट विधि विधान व पूजा अर्चना के साथ शाम को बंद कर दिए हैं। बदरीनाथ कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत पहले दिन गणेश पूजा व दूसरे दिन आदि केदारेश्वर मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की जाती है। मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में भी भगवान शिव का अंश है।

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Posted By: Inextlive