Dehradun News: स्कूल्स ऑफ टुमॉरो कॉन्क्लेव में शिक्षा के भविष्य पर चर्चा
देहरादून (ब्यूरो) कार्यक्रम में मुख्य वक्ता दून स्कूल के हेडमास्टर डॉ। जगप्रीत सिंह ने विरासत में मिले स्कूलों में तकनीक के एकीकरण के महत्व को उजागर किया। कहा कि भारत अग्रणी नीतियों के साथ वैश्विक शिक्षा का नेतृत्व कर रहा है। तकनीक को दून स्कूल जैसे समृद्ध इतिहास वाले स्कूलों में एकीकृत करना आवश्यक है, ताकि शैक्षिक उत्कृष्टता को बनाए रखते हुए आधुनिक आवश्यकताओं के अनुरूप ढाला जा सके। इससे हमें शिक्षकों को समर्थन देने और छात्रों और नेताओं दोनों के लिए निरंतर सीखने को प्रोत्साहित करने में मदद मिलती है।
इन मुद्दों पर हुई चर्चा
रौनक जैन, वाइस चेयरमैन, तुला इंटरनेशनल स्कूल ने भविष्य की शिक्षा के लिए नवाचारी समाधान पर बात की। कमल आहूजा, डिप्टी हेडमास्टर, दून स्कूल के नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए पाठ्यक्रम डिजाइन पर चर्चा की। एच।एस। मान, निदेशक, दून इंटरनेशनल स्कूल के व्यक्तिगत शिक्षा और शिक्षक की दक्षता में एडटेक की भूमिका को उजागर किया। डॉ। अरविंदनाभ शुक्ला, प्रिंसिपल, श्री राम सेंटेनियल स्कूल विभिन्न विषयों में एकीकृत शिक्षा पर विचार-विमर्श किया। एक्स्ट्रा माक्र्स एजुकेशन क पूनम सिंह जमवाल ने व्यक्तिगत शिक्षा और शिक्षकों को तकनीक के माध्यम से सशक्त बनाने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि वे अवधारणात्मक समझ और समस्या-समाधान पर ध्यान केंद्रित कर सकें। कॉनक्लेव में आधुनिक दुनिया की मांगों को पूरा करने के लिए शिक्षा को कैसे अनुकूलित किया जा सकता है, जिसमें व्यक्तिगत शिक्षा, तकनीक और शिक्षकों और छात्रों दोनों के लिए निरंतर विकास पर विशेष ध्यान दिया गया।