ाद्धालुओं की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाए
-सीएम ने अधिकारियों को दिये कांवड़ मेला शुरू होने से पहले व्यवस्थायें सुनिश्चित करने के निर्देश
-श्रद्धालुओं की सुविधाओं का रखा जाए पूरा ध्यान, यात्रा सकुशल कराना अधिकारियों की जिम्मेदारी
सीसीटीवी की नियमित मॉनिटरिंग हो
सीएम ने कहा है कि जो भी सीसीटीवी लगाये जा रहे हैं, उनकी नियमित मॉनिटरिंग हो। जिससे जहां पर भी ऐसी कोई घटना सामने आती है, सुरक्षा के लिहाज से तत्काल निर्णय लिया जा सके। इस मामले में ढिलाई न बरती जाये। सीएम ने ये भी कहा कि कांवड़ यात्रा सकुशल सम्पन्न कराना अधिकारियों की जिम्मेदारी है। सभी सम्बन्धित अधिकारी अपनी इस जिम्मेदारी का निर्वहन कर्तव्यनिष्ठा व सजगता से करे। कांवड़ यात्रा मार्ग पर व पार्किग स्थलों पर साइनेज प्रकाश और स्वच्छता आदि को भी कारगर व्यवस्था की जाए।
सीएम ने कहा कि कांवड़ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत जो एडवाइजरी बनाई गई है। उसका व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाए। कांवड़ यात्रा सुव्यवस्थित हो, इसके लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाए। जिसमें शासन के वरिष्ठ अधिकारी, पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी एवं कांवड़ मेले से संबंधित जिलों के अधिकारी शामिल किये जाए। कहा, कावंड मेला अवधि में हरिद्वार में कांवड़ मेले से संबंधित सभी व्यवस्थाओं का पर्यवेक्षण प्रमुख सचिव आरके सुधांशु करेंगे।
सीएम ने दिए निर्देश::
-पार्किंग स्थलों में पेयजल की पूर्ण व्यवस्था रखी जाए।
-स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए।
-कांवड़ यात्रा मार्गों पर साइनेज की पूर्ण व्यवस्था हो।
-कांवड़ पटरी पर लाइट की पर्याप्त व्यवस्था हो।
-वन क्षेत्र में जंगली जानवरों से सुरक्षा को चेतावनी बोर्ड लगाये जाएं।
-कांवड़ मेला के दौरान यात्रा रूटों का पूरा चार्ट दिया जाए।
-भंडारे व लंगर के लिए हाइवे से दूरी पर स्थान चिन्हित किये जाएं।
-सुनिश्चित हो कि कांवड़ मेले के दौरान पर्वतीय जनपदों में आवश्यक सेवाओं व सामग्रियों को भेजने न हो परेशानी।
-होटलों व दुकानों में रेट लिस्ट चस्पा की जाए।
-स्थानीय स्तर पर लोगों को आवागमन में अधिक परेशानी का सामना न करने पड़े।
डीएम हरिद्वार धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि कांवड़ मेले के लिए 60 हजार वाहनों की क्षमता के लिए 13 पार्किंग स्थल बनाये गये हैं। विशेष परिस्थितियों के लिए 3 अतिरिक्त पार्किंग स्थल आरक्षित हैं। 2720 से अधिक शौचालय, 640 से अधिक यूरेनल व मोबाइल शौचालयों की व्यवस्था की जा रही है। जिसके लिये 1200 से अधिक सफाई कार्मिक तैनात किये जा रहे हैं। पूरे मेला क्षेत्र में 21 स्वास्थ्य कैम्प लगाये जा रहे हैं। अस्पतालों में हर तरह के इलाज की व्यवस्था की जा रही है। कांवड 12 फीट से ऊंचा नहीं होगा
डीएम ने कांवड मेले की एसओपी का उल्लेख करते हुये बताया कि कोई भी कांवड़ 12 फीट से ऊंची नहीं होगी। कांवडि़ए कोई भी ऐसी सामग्री अपने साथ लेकर नहीं चलेंगे, जिससे नुकसान पहुंचने की संभावना हो। ध्वनि प्रदूषण के नियमों का पालन करना होगा। सीएम ने निर्देश दिये कि कानून एवं व्यवस्था के प्रश्न पर कहीं पर भी कोई समझौता नहीं किया जायेगा।
30 जून तक काम पूरा करने के निर्देश
बताया गया कि कांवड को लेकर 30 जून तक पूरी कर ली जायेंगी। कांवड़ मेले क्षेत्र को 12 सुपर जोन, 32 जोन व 134 सेक्टरों में बांटा गया है। जिसके पूरे संचालन के लिये पांच नोडल अधिकारी नामित किये गये हैं।
बैठक में प्रकाश व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था, पेट्रोल, डीजल, गैस, खाद्य सामग्री आदि का कांवड़ मेले को देखते हुए रिजर्व स्टॉक रखना, वन विभाग के क्षेत्र में जंगली जानवरों से रक्षा के लिये टीम गठित करना, आपदा प्रबन्धन द्वारा की जाने वाली व्यवस्थायें, एनएसएस, स्वयंसेवी संस्थाओं आदि की सहायता लेना, रेलवे व रोडवेज की व्यवस्थायें, विभिन्न स्थानों में कावंडिय़ों को राहत देने के लिये स्पेंक्लर स्थापित करना आदि की जानकारी देते हुये विचार-विमर्श हुआ।
दैनिक जागरण आईनेक्स्ट