स्टेट में स्कूली बच्चों के बैग का बोझ कम करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने नई पहल शुरू करते हुये सभी स्कूलों में बैग फ्री डे लागू करने का फैसला लिया है। जिसके तहत स्कूलों में वर्षभर में कुल दस दिन बस्ता रहित दिवस मनाया जाएगा। इस योजना के तहत स्टूडेंट्स बिना बैग के स्कूल जाएंगे। जहां पर वे अपने इंट्रेस्ट के अनुसार विभिन्न गतिविधियों में प्रतिभाग कर सकेंगे। सरकार के इस निर्णय को पैरेंट्स एसोसिएशन के साथ ही तमाम टीचर्स संगठनों ने स्टूडेंटस के सर्वांगीण विकास के लिये एक अहम कदम बताया है।

देहरादून (ब्यूरो) नेशनल एजुकेशन पॉलिसी--2020 के अनुरूप प्रदेश के सभी विद्यालयों में बैग फ्री डे योजना लागू की जा रही है। जिसकी सरकार ने स्वीकृति देते हुये संपूर्ण शैक्षिक सत्र में कुल दस दिन बस्ता रहित दिवसों का संचालन करने का निर्णय लिया है। इसके लिये हर माह के लास्ट सैटरडे का दिन नियत किया गया है। बैग फ्री डे योजना उच्च प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों के कक्षा-6 से कक्षा-12 तक लागू की जाएगी।

10 बैग फ्री डेज की मंजूरी

इसी क्रम में राज्य सरकार ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी-2020 की अनुशंसा के आधार पर सभी प्रकार के स्कूलों में वर्षभर में 10 बैग फ्री डेज के संचालन की स्वीकृति दी है। जिसका प्रमुख उद्देश्य स्कूली बच्चों के बस्ते के बोझ को कम करना, तमाम एक्टिविटीज के माध्यम से छात्रों में निहित प्रतिभाओं का समुचित विकास करना, स्थानीय व्यवसायों व हस्त शिल्प संबंधी कौशल विकास के साथ ही श्रम के प्रति सम्मान की भावना विकसित करना है। इस बारे में शिक्षा मंत्री डॉ। धन सिंह रावत की ओर से विभागीय प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। जिसका जीओ जारी होते ही 'बैग फ्री डेÓ योजना के क्रियान्वयन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। जिसकी जिम्मेदारी प्रत्येक जनपद के मुख्य शिक्षा अधिकारी की होगी।


स्कूलों में अध्ययनरत स्टूडेंट्स के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए सरकार ने एनईपी-2020 के मानकों के तहत माह में एक दिन 'बस्ता रहित दिवसÓ रखने का निर्णय लिया है। इस दिन स्टूडेंट्स को उनकी अभिरुचि के अनुसार तमाम एक्टिविटीज में प्रतिभाग करने का मौका दिया जाएगा। जिससे वे पठन-पाठन के साथ ही अपने इंट्रेस्ट के सब्जेक्ट्स में भी पारंगत हो सकें।
- डॉ। धन सिंह रावत, शिक्षा मंत्री।

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Posted By: Inextlive