Dehradun: मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी की सुरक्षा में सेंध लगाकर लगभग सात महीने तक फर्जी अधिकारी बनकर रहने वाली रूबी चौधरी नामक महिला का अकादमी से गायब होना ही अकादमी की कार्यप्रणाली की सबसे कमजोर कड़ी साबित हो रही है. जिससे अकादमी के वरिष्ठ अधिकारी ही संदेह के घेरे में आ गये हैं. मामले की कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद ट्यूजडे को अकादमी में बाहरी लोगों विशेषकर मीडिया कर्मियों और लोकल इंटेलीजेंस कर्मियों तक को परिसर के अंदर नहीं घुसने दिया गया. इधर मामले की गंभीरता को देखते हुए अकादमी का कोई भी कर्मी मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.


रात में कोतवाल गए, नए ने चार्ज संभाला


कोतवाली में एफआईआर दर्ज होने के बाद ट्यूजडे रात्रि में ही कोतवाल हरेंद्र सिंह भण्डारी का तबादला कर दिया गया। जबकि उनके स्थान पर विकासनगर से आए चंदनसिंह बिष्ट ने कोतवाली प्रभारी का प्रभार भी रात्रि में ही संभाला। खास बात यह है कि कोतवाल हरेंद्र भण्डारी का तबादला करना भी लोगों के गले नहीं उतर रहा है। वहीं, अकादमी के सुरक्षा अधिकारी सत्यवीर सिंह की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद सप्ताह भर की छुट्टी पर चले जाने से भी अकादमी के अधिकारियों पर उंगली उठने लगी है। सूत्रों की मानें तो सुरक्षा गार्ड देवसिंह के घोड़ा लाइन स्थित टाइप एक क्वाटर्स में रूबी चौधरी को एक डिप्टी डायरेक्टर रैंक के अधिकारी के कहने पर ही ठहराया गया था। जबकि अब देवसिंह को ही सस्पेंड कर दिया गया है। बताया यह भी गया है कि गार्ड देवसिंह फिलहाल मसूरी से अचानक गायब हैं।इसे भी पढें : फर्जी SDM के लिए हर तरफ छापेमारी, IAS ट्रेनिंग अकादमी नहीं कर रहा सहयोगतहरीर पर ही सवाल उठे

अकादमी सुरक्षा अधिकारी सत्यवीर सिंह द्वारा कोतवाली में दी गयी तहरीर पर ही सवाल उठ खड़े हो रहे हैं। जिसमें उन्होंने लिखा है कि रूबी चौधरी नामक महिला फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्रशासनिक अकादमी मे बतौर आईएएस प्रशिक्षु तथा लाईब्रेरी कर्मी के रूप में रह रही थी। सूत्र बताते हैं कि अकादमी सुरक्षा कर्मियों को 23 मार्च को ही रूबी चौधरी की हकीकत पता लग गयी थी। इस दौरान जब अधिकारियों ने दस्तावेज मांगे तो उसने खूब गाली गलौज की। आखिर में अकादमी परिसर से अधिकारियों ने ही उसे वहां से जाने को कहा। इसके बाद वह 27 मार्च को चली गयी। इस दौरान जाते वक्त रूबी चौधरी ने फिर खूब गाली गलौज की। उसके बाद अकादमी के वरिष्ठ अधिकारियों की तीन गोपनीय बैठकें हुई और कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करने का निर्णय लिया गया। इधर, सर्किल ऑफिसर डिमरी वेडनसडे को अकादमी आए। करीब डेढ़ घंटे वह अकादमी परिसर में रहे। लेकिन अकादमी से बाहर आते ही वह दून के लिए निकल गए। मीडियार्मियों से भी उन्होंने बात नहीं की।राष्ट्रपति के साथ ग्रुप फोटो

सितंबर 2014 से मार्च 2015 तक जब तक रूबी चौधरी अकादमी में रहीं। इस दौरान देश के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, तीन प्रदेशों के सीएम व अनेकों वीवीआईपी तथा सेना के अधिकारी अकादमी में आए। सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रपति के क्ख् दिसंबर को अकादमी दौरे के दौरान रूबी चौधरी बतौर प्रशिक्षु अधिकारी अन्य प्रशिक्षु अधिकारियों के साथ ऑडिटोरियम में मौजूद रहीं। जबकि ग्रुप फोटोग्राफ में भी वह राष्ट्रपति के साथ मौजूद रहीं। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि अब इन फोटोग्राफ को अकादमी की वैवसाइट से रिमूव कर दिया गया है।गार्ड देवसिंह के पास सब जानकारीसुरक्षा गार्ड देवसिंह का गायब हो जाना भी आश्चर्यचकित करने वाला है। सूत्रों का मानना है कि पुलिस की पूछताछ से दूर रखने के लिहाज देवसिंह को जानबूझ कर कहीं छिपा दिया गया है। क्योंकि वह इस मामले की एक महत्वपूर्ण कड़ी है, जो सब कुछ जानकारी दे सकता है कि किस अधिकारी के कहने पर रूबी चौधरी को उसके क्वाटर्स में ठहराया गया था।

Posted By: Inextlive