पहले पानी बेचा, अब बिल माफी की गुहार
- स्मार्ट सिटी के शहर में पीपीपी मोड में चल रहे 24 वाटर एटीएम
- स्मार्ट सिटी ने जल संस्थान को लिखा पानी के बिल माफी को पत्र
एसीईओ ने लिखा बिल माफी को पत्र
स्मार्ट सिटी लिमिटेड के एसीईओ श्याम सिंह राणा ने जल संस्थान की सीजीएम को पत्र लिखा है। पत्र में वाटर एटीएम का संचालन कर रही कंपनी के द्वारा कोविड के दौरान वाटर एटीएम न चलने से घाटे की बात कही गई है। बताया गया कि कंपनी लगातार बेहद कम मूल्य पर शहरवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करा रही है। कंपनी जल संस्थान को कॉमर्शियल बिल दे रही है। घाटे के चलते कंपनी बिल अदायगी में सक्षम नहीं है। ऐसे में कंपनी के कोविड के दौरान के बिलों को या तो माफ किया जाए या फिर शून्य किया जाए।
बताया जा रहा है कि वाटर एटीएम संचालित कर रही कंपनी केवल वाटर एटीएम स्थल पर ही पानी नहीं पिला रही है, बल्कि दुकानों, प्राइवेट ऑफिसों, होटलों से लेकर शादी-पार्टियों में भी वाटर एटीएम का पानी बेच रही है, जिससे वाटर एटीएम का बिल अधिक आ रहा है। वाटर एटीएम पर मीटर लगे हैं, जिसके अनुसार ही पानी का बिल जनरेट किया जा रहा है। जब पानी की खपत नहीं हो रही है, तो बिल कैसे लाखों में आ रहा है, यह बात किसी के गले नहीं उतर रही है। इन इलाकों में हैं वाटर एटीएम
परेड ग्राउंड
दर्शन लाल चौक
कलेक्टे्रेट भवन
दून अस्पताल
पलटन बाजार
एमडीडीए पार्क
दीन दयाल पार्क
रेलवे स्टेशन
लाल पुल
आईएसबीटी
पटेलनगर
गांधी पार्क
बिंदाल
चकराता रोड
राजपुर रोड
एक रुपये में 300 मिली पानी
शहर में पहले बोतल बंद पानी के पब्लिक को महंगे दाम चुकाने पड़ रहे थे, लेकिन वाटर एटीएम की स्थापना के बाद पब्लिक को शहर में महज एक रुपये में शुद्ध और स्वच्छ पानी मुहैया हो रहा है। एक रुपये में एक बार में 300 मिली लीटर पानी लेकर लोग प्यास बुझा रहे हैं। इन वाटर एटीएम से गिलास के लिए 2 रुपये, एक लीटर पानी बिना बोतल 3 रुपए, 5 लीटर बिना बोतल के 14 रुपये के दिया जा रहा है। कई जगहों पर वाटर एटीएम मशीनों के बार-बार खराब होने की शिकायतें मिलती रहती है।
श्याम सिंह राणा, एसीईओ, स्मार्ट सिटी लिमिटेड बिल माफी का जल संस्थान में कोई प्रावधान नहीं है। मीटर रीडिंग के हिसाब से ही बिल दिया गया होगा। बगैर संचालन के मीटर नहीं चल सकते। ऐसे में वाटर एटीएम कंपनी का बिल माफी संभव नहीं है।
नीलिमा गर्ग, सीजीएम जल संस्थान
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