बढ़ते टेंपरेचर के साथ पहाड़ों के जंगलों के साथ ही दून में कूड़े के पहाड़ पर भी आग लग गई। सेलाकुई में वर्षों से पहाड़ का रूप ले चुके कचरे से मंडे दोपहर अचानक आग की लपटें उठने लगी। इस कचरे के ढेर से आसपास के लोग पहले से ही परेशान हैं और लगातार इसे हटाने की मांग करते रहे हैं। लेकिन इस बार आग लगने से आसपास के रिहायशी इलाकों में जहरीला धुआं फैल गया। फायर ब्रिगेड को कई घंटे आग से जूझना पड़ा। उधर पर्वतीय क्षेत्रों के जंगलों में मंडे को आग लगने की 15 नई घटनाएं दर्ज की गई।


देहरादून ब्यूरो। सेलाकुई के शीशमबाड़ा में पिछले कई वर्षों से देहरादून सिटी और मसूरी का कचरा जमा किया जा रहा है। इस ट्रंचिंग ग्राउंड में जमा लाखों टन कचरे से लगातार बदबू आती है, जिससे शीशमबाड़ा और सेलाकुई के लोग कई तरह से दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। लोग ट्रंचिंग ग्राउंड हटाने की मांग को लेकर कई बार आंदोलन भी कर चुके हैं। लेकिन, मंडे को दोहपर 1 बजहे के करीब पहली बार ट्रंचिंग ग्राउंड से बदबू के साथ जहरीला धुआं भी आसपास के क्षेत्रों में फैल गया। पहले तो लोगों को समझ नहीं आया, लेकिन जब कूड़े के पहाड़ से काला धुंआ और लपटें उठनी लगी तो लोगों की समझ में सारा माजरा आ गया। कुछ ही देर में फायर ब्रिगेड की सेलाकुई यूनिट कई गाडिय़ों के साथ मौके पर पहुंचे। कूड़े के पहाड़ पर लगी आग को बुझाना काफी कठिन साबित हुआ। इसके बावजूद कई घंटे तक जूझने के बाद आग पर काबू पाया जा सका। हालांकि अब भी फिर से आग भडक़ने की आशंका बनी हुई है।

जंगलों में आग की 15 घटनाएं
इस बीच पर्वतीय क्षेत्रों के जंगलों में भी आग की घटनाओं में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। मंडे को 24 घंटे के दौरान 15 नई घटनाएं हुई। इस सीजन में अब तक फॉरेस्ट फायर की कुल 184 घटनाएं हो गई हैं। इससे 230.1 हेक्टेअर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है और 6 लाख 40 हजार रुपये से ज्यादा का नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। आग बुझाने में अब तक वन विभाग के 920 कर्मचारियों के साथ ही 273 स्थानीय लोगों ने भी मदद की है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और होमगार्ड के जवानों की अब तक आग बुझाने में मदद नहीं ली गई है। पीआरडी के 4 जवानों की सेवाएं आग बुझाने में ली गई हैं।

Posted By: Inextlive