उत्तराखंड निवासी हर परिवार के पास पहचान पत्र होगा. इससे परिवार और सरकार दोनों को लाभ होगा. परिवार को पहचान पत्र के माध्यम से सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलने में कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा.

देहरादून, (ब्यूरो): उत्तराखंड निवासी हर परिवार के पास पहचान पत्र होगा। इससे परिवार और सरकार दोनों को लाभ होगा। परिवार को पहचान पत्र के माध्यम से सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलने में कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा। वहीं, सरकार के पास हर फैमिली की एक विशिष्ट पहचान और पारिवारिक डेटा बेस होगा। इससे सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की सही जानकारी सरकार को उपलब्ध होगी।

सीएम कॉन्क्लेव का खास एजेंडा
चीफ सेक्रेटरी राधा रतूड़ी ने परिवार पहचान पत्र प्रोजेक्ट के वेंडर चयन को नियोजन विभाग के लिए एक माह की समय सीमा तय की है। सचिवालय में परिवार पहचान पत्र से संबंधित व्यय वित्त समिति की बैठक में प्रोजेक्ट के बजट को मंजूरी दी गई। इस मौके पर सीएस ने कहा कि परिवार पहचान पत्र सीएम कॉन्क्लेव का महत्वपूर्ण एजेंडा रहा है। राज्य में कल्याणकारी योजनाओं व वितरण प्रणाली को सशक्त करने के लिए नागरिकों व उनके परिवारों का लाइव डेटाबेस तैयार किया जा रहा है। कहा, परिवार पहचान पत्र के माध्यम से अभिलेखीकरण और प्रमाण प्रदान करने की आवश्यकता में कमी आएगी। विशिष्ट पहचान के माध्यम से व्यक्तियों को विभिन्न सरकारी सेवाओं का लाभ पाने में सुविधा रहेगी।

सीएस ने कहा
-परिवार पहचान पत्र से विशिष्ट पहचान आवासीय पते के प्रमाण के रूप में काम करेगी।
-इससे जाति प्रमाण पत्र और आवासीय प्रमाणपत्र तत्काल जारी किए जा सकते हैं।
-सरकार के कामकाज में पूरी पारदर्शिता आएगी।
-राज्य में शासन के कामकाज के स्तर को सुधारने में सहायता मिलेगी।
-सभी पात्र, दिव्यांगजन समेत उपेक्षित लोग विशिष्ट पहचान डेटाबेस का हिस्सा होंगे।
-उन्हें उनकी आवश्यकता के अनुसार लक्षित सेवाओं और लाभों के तहत सरकार उचित सहायता प्रदान कर सकेगी।

हरियाणा व कर्नाटक रहे हैं आगे
सीएस ने कहा कि विशिष्ट पहचान से प्रदेश सरकार के नियमों को सख्ती से लागू किया जा सकेगा। हरियाणा और कर्नाटक इस प्रोजेक्ट को अपनाने में सबसे आगे रहे। इन राज्यों में किसी भी कल्याणकारी सेवा के आवेदन के लिए नागरिक के पास यह पहचान पत्र होना आवश्यक है। जबकि, बिहार, महाराष्ट्र, पंजाब, हिमाचल प्रदेश गोवा, मणिपुर जैसे राज्य पहले से ही अपने-अपने राज्यों में रहने वाले परिवारों को विशिष्ट पहचान दिलाने के लिए कार्यरत हैं। इससे डिलीवरी ईको सिस्टम को और मजबूत किया जा सकेगा।

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Posted By: Inextlive