दून में तैयार हो रही 164 करोड़ की पेयजल योजना भी लोगों की प्यास नहीं बुझा पा रही है. योजना से जुड़े कई क्षेत्रों में पेयजल की भारी क्राइसिस है.

- मेहूंवाला कलस्टर पेयजल योजना से जुड़े कई क्षेत्रों में पानी की क्राइसिस
- वल्र्ड बैंक का यह पायलेट प्रोजेक्ट पूरा होने से पहले ही आया सवालों के घेरे में

देहरादून (ब्यूरो): बार-बार पेयजल आपूर्ति बाधित होने से क्षेत्रवासियों में पेयजल निगम के खिलाफ गुस्सा भड़क रहा है। कभी ट््यूबवेलों के पंप फुंक रहे हैं, तो कभी मोटर। कभी पेयजल लाइनें चोक हो रही हैं, तो कभी वॉल्व खराब हो रही हैं। आए दिन कहीं न कहीं पानी की सप्लाई बाधित हो रही है।

सवालों के घेरे में पेयजल योजना
विश्व बैंक पोषित मेहूंवाला कलस्टर पेयजल योजना बनने से पहले ही विवादों में आ गई है। 1.64 अरब रुपये लागत की यह योजना सुर्खियों में बनी हुई है। क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि पेयजल योजना का संचालन कर रही पेयजल निगम की वल्र्ड बैंक यूनिट नियमित पेयजल आपूर्ति नहीं करा पा रही है, जब से यह क्षेत्र जल संस्थान के हस्तांतरित होकर पेयजल निगम के पास है, तब से पेयजल आपूर्ति का बुरा हाल है।

सवा लाख है आबादी
मेहूंवाला कलस्टर पेयजल योजना से करीब सवा लाख की आबादी लाभान्वित होनी है। करीब 20 हजार घरों को योजना से जोड़ा जाना है। योजना का अधिकांश काम पूरा हो गया है। मीटरिंग और ओवर हेड टैंक का काम चल रहा है। करीब 10 हजार मीटर स्मार्ट मीटर लग चुके हैं।

चार-चार दिन तक आपूर्ति ठप
योजना के तहत कंज्यूमर्स को 24 घंटे पानी उपलब्ध कराया जाना है, लेकिन कई बार-4-4 दिन तक नलकों पर पानी नहीं चल रहा है। राघव विहार में मंडे को खराब हुई ओवर हेड टैंक की वॉल्व की थर्सडे शाम तक मरम्मत की गई। इन चार दिनों तक राघव विहार क्षेत्र में पानी की आपूर्ति नहीं हो पाई। आलम यह है कि दो से तीन घंटे में बदला जाने वाला वॉल्व तीन से चार दिन दिन में ठीक हो रहा है।

मेहूंवाला कलस्टर पेयजल योजना का निर्माण और संचालन बगैर रोडमैप के पुराने ढर्रे पर मनमाने तरीके से किया जा रहा है। अधिकारी तत्परता के साथ काम नहीं कर रहे हैं। जिसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है।
वीरू बिष्ट, सोशल एक्टिविस्ट

हमारे इलाके में महीने में 10-12 दिन पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। बार-बार पेयजल आपूर्ति बाधित होने से लोगों में गुस्सा है। इसकी बार-बार शिकायत की गई, लेकिन स्थिति जस की तस बनी है।
पूर्णा चंद मिश्रा, चौबे एनक्लेव

पेयजल आपूर्ति कब ठप हो जाए, कुछ पता नहीं है। इसकी जानकारी भी उपभोक्ताओं को नहीं दी जाती है। कब पानी आएगा ये भी नहीं बताया जाता। पानी न आने पर टैंकरों से सप्लाई भी न के बराबर हो रही है।
नरेंद्र कुमार, अम्बीवाला

जब से जल संस्थान से यह क्षेत्र पेयजल निगम के पास हस्तांतरित हुआ है, तब से क्षेत्र में पेयजल किल्लत बढ़ गई है। इस नई योजना का कोई लाभ फिलहाल हमें होता दिख नहीं रहा है।
सत्यनारायण नेगी, स्मिथ नगर

राघव विहार में ओवरहेड टैंक का वॉल्व को बदल दिया गया है। तकनीकी पेच के चलते मेंटेनेंस कार्य में देरी हुई है। बीती रात्रि को पेयजल सप्लाई शुरू कर दी गई है।
मुज्जमिल हसन, अधिशासी अभियंता, वल्र्ड बैंक यूनिट, पेयजल निगम, देहरादून
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Posted By: Inextlive