यदि आप शहर में चल रहे हैं और आप चलने के लिए फुटपाथ देखेंगे तो दिखेंगे नहीं और दिखेंगे भी तो उसमे चलने की जगह नहीं होगी। कहीं भी फुटपाथ चलने के लिए नहीं बचे हैं। इक्का-दुक्का जगहों को छोड़कर बाकी जगहों पर फुटपाथ कब्जे की गिरफ्त में है।

- कब्जों के चलते सड़क पर लगता है जाम
- डीएम बोली, कब्जामुक्त होगा सड़क और फुटपाथ

देहरादून (ब्यूरो): शहर में दून के दिल कहे जाने घंटाघर से लेकर शहर की हर सड़क पर फुटपाथ कब्जों से भरे पड़े हैं। मुख्य मार्केट पल्टन बाजार से लेकर हर जगह पर दुकानदार फुटपाथों पर दुकान सजाकर बैठे हैं। कई जगहों पर तो दुकानदारों ने दुकाने के आगे फुटपाथ और सड़क को रेहड़ी-ठेली वालों को किराए पर दे दिए हैं। बाकी जगह पर पार्किंग का इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे जगह-जगह जाम की स्थिति बनी हुई है, अनुमान के मुताबिक यदि मेन सड़कों और बाजारों से फुटपाथों से कब्जे हटाए जाएं तो शहर का आधा ट्रैफिक खुद-ब-खुद सुधर जाएगा।

डीएम बोलीं, होगी कार्रवाई
यदि आपने भी फुटपाथ घेर रखा है, तो सावधान हो जाइए। शहर में बढ़ते ट्रैफिक जाम को देखते हुए जिला प्रशासन एक्शन के मूड में है। डीएम ने कहा कि सड़क और फुटपाथों को घेरने वाले दुकानदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस को संबंध में निर्देश दिए जा रहे हैं। सड़क और फुटपाथ पर किसी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी। इससे ट्रैफिक व्यवस्था में व्यवधान हो रहा है। इस पर सख्ती से कार्रवाई के पुलिस को निर्देश दिए जा रहे हैं। साथ ही जुर्माने की रकम को बढ़ाया जाएगा। ताकि दोबारा कोई सड़क या फुटपाथ घेरे की हिमाकत न कर सके।

फुटपाथ होते हुए भी सड़क पर चलते को मजबूर
लोगों का कहना है कि फुटपाथ को व्यापारी अपनी प्रॉपर्टी समझते हैं। कई बार फुटपाथ पर गुजरने पर व्यापारी पैदल यात्रियों को तिरछी नजर से देखते हैं। कई बार व्यापारियों को लगता है कि पब्लिक फुटपाथ पर नहीं उनकी दुकान के अंदर चल रही है। इसकी वजह फुटपाथ पर रखा सामान है। फुटपाथ होते हुए भी लोगों को सड़क पर चलना पड़ता है। ऐसे में ये फुटपाथ किस काम है। कई जगहों पर फुटपाथों पर फड़ सज जाती है, कहीं साक-भाजी और फल की रेहड़ी-ठेलियां तो कहीं चाऊमीन-मोमो की ठेलियां। रात को साफ नजर आने वाले फुटपाथ दिन में नहीं दिखते।

खानापूर्ति को होती कार्रवाई
फुटपाथों पर कब्जों के खिलाफ समय-समय पर नगर निगम और पुलिस-प्रशासन की ओर से अभियान चलाया जाता है, लेकिन ये अभियान महज चालान तक ही सिमट कर रह जाता है। कई जगहों पर फुटपाथों से कब्जे खाली करवाए भी जाते हैं, तो अगले दिन उस जगह पर फिर अतिक्रमण हो जाता है, लेकिन उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं होती है।

भीड़ वाले इलाकों में फुटपाथों पर कब्जे
पलटन बाजार
घंटाघर
राजपुर रोड
चकराता रोड
हरिद्वार रोड
इनामुल्ला बिल्डिंग
प्रिंस चौक
मोती बाजार
तहसील चौक
गांधी रोड
त्यागी रोड
सहारनपुर रोड
सब्जी मंडी
पटेलनगर
धर्मपुर
नेहरू कॉलोनी

क्या कहती है पब्लिक

फुटपाथों पर लगने वाली रेहड़ी-ठेलियों और फास्ट फूड की दुकानों पर भी सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। इससे हर समय सड़क जाम की स्थिति बनी रहती है।
यशवीर आर्या, सोशल एक्टिविस्ट

फुटपाथ व्यापारियों की प्रॉपर्टी नहीं है। फुटपाथ पर चलने वाले राहगीरों को व्यापारी ऐसे देखते हैं कि जैसे लोग फुटपाथ पर नहीं उनकी दुकान के अंदर चल रहे हों।
मुकेश भट्ट, निदेशक, देवभूमि निधि

सब जगह फुटपाथों पर व्यापारियों का कब्जा हैं। शहर में कहीं भी फुटपाथ खाली नहीं दिखते। नगर निगम और पुलिस केवल चालान तक ही सीमित है। इसे लिए सख्त कानून बनाया जाना चाहिए।
उम्मेद सिंह बोरा, सोशल एक्टिविस्ट

शहर में हर जगह फुटपाथ पर दुकानें सजी है। इस पर नगर निगम और पुलिस की कोई नजर नहीं जाती है। यदि नजर जाती है तो कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है।
नवीन कुमार, सोशल एक्टिविस्ट

फुटपाथ चलने के लिए बनाए गए हैं। फुटपाथों पर दुकानें सजाना अतिक्रमण के दायरे में आता है। ट्रैफिक व्यवधान को देखते हुए फुटपाथों और सड़कों से कब्जे हटाए जाएंगे। इसके लिए सख्ती बरती जाएगी। शहर के सभी व्यापारियों से अपील की जाती है कि फुटपाथ पर दुकान और फड़ न लगाएं। अन्यथा प्रशासन को कठोर कदम उठाने पड़ेंगे।
सोनिका, डीएम, देहरादून
dehradun@inext.co.in

Posted By: Inextlive