हाल ही में लखनऊ में एक महिला को उसके पेट डॉग ने नोचकर मार डाला। इस घटना की चर्चा देहरादून तक भी पहुुंची और यहां भी लोग पेट्स को लेकर कुछ चिंतित नजर आये। नगर निगम ने भी इस मसले में गंभीरता से सोचना शुरू किया। हालांकि नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में कोई गाइडलाइंस उन्हें नहीं मिली हैं लेकिन उन्होंने घर में पाले जाने वाले डॉग्स का लाइसेंस बनाने की पहले से चल रही प्रक्रिया को तेज कर दिया है। नगर निगम का लक्ष्य सभी पेट डॉग्स के लाइसेंस बनाने का है। हालांकि फिलहाल यह अंदाजा किसी को नहीं है कि देहरादून में ऐसे कितने डॉग्स होंगे।

देहरादून ब्यूरो।
नगर निगम देहरादून के वैटरनरी डॉक्टर संदीप तिवारी के अनुसार इस वर्ष अप्रैल से अब तक 1735 डॉग्स के लाइसेंस बनाये गये हैं।् अब तक कुल मिलाकर करीब 9000 डॉग्स के लाइसेंस बनाये गये हैं। ऐसा नगर निगम के अधिकारियों का दावा है। दावा किया गया है कि लाइसेंस बनाने का काम तेजी से किया जा रहा है।

पहले भी किया था दावा
नगर निगम ने कुछ महीने पहले दावा किया था कि अब सुबह शाम निगम की टीमें सिटी के अलग-अलग हिस्सों में जाएंगी और डॉग्स को घुमाने वालों पर जुर्माना लगाने के साथ ही उनके डॉग्स के लाइसेंस भी बनवाएंगी। इस योजना को काफी जोर-शोर से प्रचारित भी किया गया। कुछ लोगों से डॉग्स घुमाने तक भी बंद किये। लेकिन, न तो सिटी के किसी हिस्से में नगर निगम की ऐसी कोई टीम नजर आई और न ही किसी पर जुर्माना किया गया।

अंदाजा नहीं, कितने पेट डॉग
नगर निगम के वैटरनरी डॉक्टर के अनुसार इस बात का कोई अंदाजा नहीं है कि सिटी में कितने लोगों के पास पालतू कुत्ते हैं। उनका कहना है कि इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। वे केवल उन्हीं डॉग्स की गिनती कर सकते हैं, जिनके लाइसेंस बन गये हैं। हालांकि अनुमान लगाया जाता है कि दून में लोगों के पास 50 हजार से ज्यादा पालतू कुत्ते हैं।

घर-घर चलाएंगे अभियान
निगम के वैटरनरी डॉक्टर के अनुसार आने वाले दिनों में नगर निगम घर-घर जाकर डॉग्स का लाइसेंस बनाएगी। फिलहाल केवल वही लाइसेंस बनाये जा रहे हैं, अगले महीने से घर-घर जाकर लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

Posted By: Inextlive