अप्रैल से लेकर जून तक तीन माह दून के करीब 7 लाख उपभोक्ताओं को बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है. केंद्र से सहायता के तौर पर मिल रही अतिरिक्त 550 मेगावाट बिजली की समय सीमा 31 मार्च को खत्म हो गई है.

- केंद्र से मिल रही 400 मेगावाट बिजली का करार पूरा, कटौती शुरू
- रोजाना करीब 90 लाख यूनिट बिजली की कमी, ऊर्जा निगम की पेशानी पर बल

देहरादून: पारा बढ़ते ही बिजली ने भी टेंशन बढ़ा दी है। पिछले एक साल से राज्य को 400 मेगावाट बिजली केंद्र से अतिरिक्त मिल रही थी। 31 मार्च को यह करार खत्म हो गया। अब बिजली मिलेगी या नहीं इस पर केंद्र ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है। हालांकि 150 मेगावाट बिजली के केंद्र ने आदेश किए हैं। लेकिन 350 मेगावाट की अभी भी कम मिल रही है। यह शॉर्टेज दून के 7 लाख कंज्यूमर्स को मिलाकर प्रदेश के 28 लाख कंज्यूमर्स को बिजली कटौती के रूप में झेलना पड़ रहा है। वर्तमान में डिमांड 4 करोड़ मिलियन यूनिट बिजली की डिमांड है, जिसमें केंद्र से 3.1 करोड़ यूनिट बिजली मिल रही है। 9 लाख यूनिट राज्य का अपना प्रोडक्शन है। लगभग 90 लाख यूनिट रोजाना बिजली की कमी हो रही है।

केंद्रीय कोटे मिली 150 मेगावाट
गर्मी में बिजली संकट से बचाव के लिए ऊर्जा निगम ने केंद्रीय विद्युत मंत्रालय से 550 मेगावाट बिजली का प्रस्तााव भेजा था, लेकिन केंद्र ने फिलहाल 150 मेगावाट बिजली आवंटित की है। बाकी बिजली की अभी उम्मीद की जा रही है। केंद्र से यह 150 मेगावाट बिजली केवल जून तक मिलेगी। लेकिन जब तक केंद्र से पूरी बिजली नहीं मिली तब तक कटौती के आसार हैं। फिलहाल दो से तीन घंटे बिजली कटौती की जा रही है। डिमांड बढऩे पर कटौती का समय भी बढ़ जाएगा।

दून में गहरा सकता है संकट
ऐसे में पहले ही पावर क्राइसिस का सामना कर रहे दून में बिजली संकट गहराने लगा है। कई क्षेत्रों में घंटों आपूर्ति बाधित हो रही है। हालांकि ऊर्जा निगम के अफसरों का कहना है कि बिजली की पर्याप्त व्यवस्था के प्रयास किए जा रहे हैं। इस संबंध में पावर एक्सचेंज के साथ ही निजी बिजली कंपनियों से भी बिजली की खरीद की जा रही है।

4 हजार करोड़ यूनिट तक पहुंची खपत
वर्तमान में दून समेत पूरे राज्य में दो हजार मेगावाट के करीब बिजली की रोजाना खपत है। इसमें से 950 मेगावाट केंद्र से मिल रही है। 700 से लेकर 800 के करीब राज्य की बिजली परियोजनाओं का अपना प्रोडक्शन रहता है। बाकी बिजली एनर्जी एक्सचेंज और निजी कंपनियों से खरीद कर पूरी की जा रही है। गर्मी के दिनों पीक आवर्स में बिजली की डिमांड 26 सौ से 27सौ मेगावाट तक पहुंच जाता है। ऐसे में केंद्र की सहायता मददगार साबित होगी। फिलहाल 4 हजार करोड़ के सापेक्ष केंद्र से 3.1 करोड़ यूनिट बिजली केंद्र से मिल रही है।

पीक आवर्स में गड़बड़ा रही आपूर्ति
इस बार गर्मी के साथ ही बिजली भी रुलाएगी। गर्मी के चलते गर्मी के दिनों में पीक आवर्स में खपत चरम पर पहुंच जाती है। सर्दी में बारिश न के बराबर हुई। जिससे नदियों का जल स्तर और कम होने के आसार हैं। गर्मी में कई पावर प्रोजेक्टों के भी पहिए थम सकते हैं।

9.09 हो रहा पावर जनरेशन
राज्य में बिजली की डिमांड 35 मिलियन यूनिट है। डिमांड को पूरा करने के लिए यूजेवीएनएल का अपना बिजली उत्पादन 9.09 मिलियन यूनिट है। केंद्र को मिलाकर टोटल 25.33 एमयू बिजली उपलब्ध हो रही है। ऊर्जा निगम के अफसरों का कहना है कि 3.28 एमयू बिजली एनर्जी एक्सचेंज से खरीदी जा रही है। इसके साथ ही रियलटाइम मार्केट से भी अलग से बिजली खरीदी जा रही है।

300 मेगावाट गैस प्लॉट्स से खरीद
ऊर्जा निगम के डायरेक्टर ऑपरेशन एमआर आर्य ने बताया कि अगले दो साल तक के लिए गैस आधारित प्लॉन्ट्स से टाइअप किया गया है। इससे जरूरत के हिसाब से करीब 300 मेगावाट बिजली मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा एनर्जी एक्सचेंज से 100 मेगावाट बिजली खरीदी गई है, जो 15 मार्च से अगले तीन माह तक के लिए उपलब्ध होगी। तेलंगाना में 120 मेगवाट के दो थर्मल पावर प्लांट से बिजली उपलब्ध कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।

500
मेगावाट बिजली का केंद्र से 31 मार्च को अनुबंध पूरा
150
मेगावाट बिजली जून तक की केंद्र ने सैंक्शन
300
मेगावाट गैस आधारित बिजली खरीद की तैयार
100
मेगावाट खरीद की जा रही एक्सचेंज एनर्जी से
90
लाख यूनिट तक रोजाना बिजली की कमी
9.90
एमयू बिजली का हो रहा राज्य में प्रोडक्शन

केंद्र सरकार से 150 मेगावाट बिजली मिलनी शुरू हो गई है। अगले दो साल तक थर्मल गैस आधारित 535 मेगावाट बिजली के लिए करार किया जा रहा है। राज्य में बिजली की कमी नहीं होने दी जा रही है। इस दिशा में तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं।
एमआर आर्य, डायरेक्टर ऑपरेशन, ऊर्जा निगम

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Posted By: Inextlive