इलेक्टि्रक व्हीकल से सुधरेगी शहर की सेहत
देहरादून (ब्यूरो)। फिलहाल सिटी में दो तरह के इलेक्टि्रक व्हीकल्स चल रहे हैं। एक वे जिनका रजिस्ट्रेशन आरटीओ में करवाना जरूरी है और दूसरे वे जिनका रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं। जिन व्हीकल्स को रजिस्ट्रेशन से छूट है, उनमें 40 किमी से कम स्पीड वाले व्हीकल्स शामिल हैं। कम स्पीड वाले टूव्हीलर दून में पिछले तीन वर्ष से ज्यादा समय से चल रहे हैं। इनका आरटीओ में रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं है। इसके अलावा इन टूव्हीलर्स में लाइसेंस और हेलमेट जैसी बाध्यता भी नहीं है।
ई-रिक्शा का दून में रजिस्ट्रेशनई-रिक्शा की स्पीड भी 40 किमी से कम होती है और नियमानुसार इन्हें भंी रजिस्ट्रेशन से छूट है। लेकिन, दून में लोकल स्तर पर ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। ई-रिक्शा को ईसी सीरीज दी गई। फिलहाल दून में ई-रिक्शा की संख्या 2300 से ज्यादा बताई जा रही है।
ई-बस और ई-कार भी
दून में धीरे-धीरे पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी ई-व्हीकल्स पर आ रहा है। फिलहाल सिटी में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 15 ई-बसेज चलाई जा रही हैं और जल्दी ही 15 और बसें आने वाली हैं। हालांकि रोडवेज ने अब तक इस बारे में कोई योजना नहीं बनाई है। इसके अलावा कम ही सही, लेकिन कुछ ई-कार भी सिटी की रोड पर नजर आ रही हैं। 4 ई-कार अब तक रजिस्टर्ड हुई है। कुछ ई-ऑटो भी दून में रजिस्टर्ड किये गये हैं।
दून की सड़कों पर चलने वाले इलेक्टि्रक टू-व्हीलर्स की संख्या एक हजार से ज्यादा हो गई है। इनमें 400 के करीब ऐसी ई-टूव्हीलर्स हैं, जिनका आरटीओ में रजिस्ट्रेशन है, जबकि 600 से ज्यादा बिना रजिस्ट्रेशन वाले यानी 40 किमी से कम स्पीड वाले ई-टूव्हीलर्स हैं। ई-व्हीकल्स को सब्सिडी की मांग
दून में एनवायरमेंट से जुड़ी संस्थाएं भी शहर की सेहत को सुधारने के लिए इलेक्टि्रक व्हीकल्स को प्रोत्साहित करने और सब्सिडी देने की मांग करने लगे हैं। द अर्थ इनिशिएटिव संस्था ने राज्य सरकार ने सिटी में इलेक्टि्रक बसेज की संख्या बढ़ाने के साथ ही इलेक्टि्रक टूव्हीलर्स और इलेक्टि्रक कार खरीदने वालों को सब्सिडी देने की मांग की है।