दून में जब डेंगू संक्रमण के मामले बढ़े तब जाकर नगर निगम में प्लान बनाया गया। नगर निगम के 100 वार्डों को 12 सेक्टर में बांटा गया है। जिसमें 12 सेक्टर अधिकारी तैनात किए हैं। अधिकारियों एवं सफाई निरीक्षकों को निर्देशित किया गया कि सभी अधिकारी डेंगू की रोकथाम के लिए कार्य करें। नगर निगम की टीम ने वार्डों में फॉगिंग अभियान चलाया गया। जिसमें 05 बड़े वाहन व 100 छोटी मशीनों का प्रयोग किया गया। इस फॉगिंग अभियान के तहत एक वार्ड में 10 छोटी मशीनों के साथ एक बडी मशीन से पूरे वार्ड में एक ही समय में फॉगिंग की गयी। नगर निगम 17 वार्डों में नालियों नालों के साथ ही ऐसी सभी चिन्हित जगहों में लार्वीसाइड दवाओं का छिड़काव किया।

दून में डेंगू संक्रमण के चलते प्लेटलेट्स की बढ़ी डिमांड
प्राइवेट ब्लड बैंक में महीनों तक इस्तेमाल नहीं होती थी मशीन

देहरादून, 7 सितम्बर (ब्यूरो)।
दून में इन दिनों डेंगू संक्रमित पेशेंट की संख्या बड़ी तो हॉस्पिटल में बेड के साथ प्लेटलेट्स की भी डिमांड बढऩे लगी है। आलम ये है कि कुछ दिन पूर्व प्लेटलेट सेपलेटर मशीन कई प्राइवेट हॉस्पिटल में संचालित ही नहीं हो रही थी। लेकिन, इन दिनों आलम ये है कि इन मशीनों में काम बढऩे के कारण अब ये 24 घंटे संचालित हो रही है। जिससे पेशेंट को डोनर होने के बावजूद प्लेटलेट्स तैयार करने के लिए कई-कई घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है। जानकारों का मानना है कि अगर पेशेंट से सीधे प्लेटलेट्स ली जाए तो उसी पेशेंट से एक से डेढ़ माह बाद दोबारा प्लेटलेट्स ले सकते है। वहीं दूसरी ओर नगर निगम डेंगू के मामले बढऩे पर एक्टिव हुआ है। जबकि अगर पहले इस दिशा में कदम उठाए होते तो कुछ डेंगू के मामलों में कमी मिलती।

एक नजर--::
-दून में 11 ब्लड बैंक मौजूद
-90 परसेंट ब्लड बैंक में 24 घंटे प्लेटलेट्स हो रहे तैयार।
-एक दिन में करीब 400 से 450 यूनिट प्लेटलेट्स की डिमांड।
-सरकार की ओर से डेंगू के लिए बनाए गए टोल फ्री नम्बर पर प्लेटलेट्स की डिमांड।
- डोनर मिलने के बाद भी प्लेटलेट के लिए कर रहें इंतजार।
- सरकारी समेत सभी पैथोलॉजी लैब में बढ़ रही सैंपलिंग।
- अब तक करीब 20 हजार घरों से मिल चुका है लार्वा
-सामान्य दिनों में मशीन से निकलती थी केवल एक या दो यूनिट प्लेटलेट्स

यहां मौजूद ब्लड बैंक
-दून मेडिकल कॉलेज हॉंिस्पटल ब्लड बैक
-आईएमए ब्लड बैंक।
-ग्राफिक एरा ब्लड बैंक
-मैक्स हॉस्पिटल ब्लड बैंक
-सिटी ब्लड बैंक
-हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट ब्लड बैंक
-कैलाश हॉस्पिटल ब्लड बैक
-श्री महंत इंदिरेश ब्लड बंैंक
-ऋषिकेश जिला अस्पताल ब्लड बैंक
-एम्स ब्लड बैंक।
-सुभारती हॉस्पिटल ब्लड बैंक


वर्जन -:
इन दिनों प्लेटलेट्स की डिमांड ज्यादा मिल रही है। आम दिनों में एक महीने में एक दो यूनिट प्लेटलेट्स तैयार होती थी। लेकिन, अब यहां रोजाना 40 यूनिट्स तैयार हो रही है।
डॉ। संजय उप्रेती, प्रभारी आईएमए ब्लड बैंक

प्राइवेट से लेकर सरकारी हॉस्पिटल में जितनी भी प्लेटलेट सेपरेटर मशीन है वहां डोनर को भेजकर प्लेटलेट्स की व्यवस्था की जा रही है। किसी भी पेशेंट को पेरशानी न हो इसके लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।
डॉ। चंदन रावत, एसीएमओ देहरादून

यहां किया गया छिड़काव
वार्ड-26 धामावाला
वार्ड-44 पटेल नगर पश्चिम
वार्ड-70 लक्खीबाग
वार्ड-71 पटेल नगर पूर्व
वार्ड-4 राजपुर
वार्ड-7 जाखन
वार्ड-72 देहराखास
वार्ड-73 विद्याविहार
वार्ड-84 मोथरावाला
वार्ड-29 डालनवाला पूर्व
वार्ड-28 डालनवाला उत्तर
वार्ड-30 डालनवाला दक्षिण
वार्ड-46 अधोईवाला
वार्ड-76, निरंजनपुर
वार्ड-46 कांवली
वार्ड-43 द्रोणपुरी
वार्ड-68 रीठामंडी

प्रिंसिपल ने किया रिव्यू
निदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्राचार्य राजकीय दून मेडिकल कॉलेज डॉक्टर आशुतोष सयाना ने डेंगू के बढ़ते मामलों एवं अस्पताल में डेंगू के भर्तीं मरीजों के संबंध में समीक्षा बैठक की। अस्पताल में भर्ती प्रत्येक मरीज को समुचित इलाज मिले एवं बिल्कुल भी लापरवाही न हो। प्राचार्य द्वारा चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर अनुराग अग्रवाल को निर्देशित किया गया। प्राचार्य द्वारा वार्ड में भर्ती पेशेंट के लिए सभी हेड ऑफ डिपार्टमेंट को सुबह एवं शाम को राउंड करने के लिए कहा है। बैठक में डॉ। अनुराग अग्रवाल, डॉ। धनंजय डोभाल, डॉ। नारायण, डॉ। अंकुर पांडे, डॉ। नूतन डॉ। सुनील एवं पीआरओ महेंद्र भंडारी उपस्थित रहे।
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गाइडलाइन की गई जारी
-डेंगू रोगियों के लिए 30 परसेंट डेंगू आइसोलेशन बेड आरक्षित रखे जायें। जिसे आवश्यकता पडऩे पर बढ़ायें जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।
-डेंगू विषेशज्ञों के परामर्श के अनुसार 90 परसेंट रोगियों में डेंगू के सामान्य लक्षण होते हैं। जो स्वत: ठीक हो जाते हैं एवं कुछ ही रोगियों को हॉस्पिटल में उपचार हेतु भर्ती होने की आवश्यकता पड़ती है।
-नगर निगम/नगर निकाय की ओर से माइक्रो प्लान बनाकर रोस्टर अनुसार फॉॅगिंग की जाए। प्रत्येक क्षेत्र में सप्ताह में कम से कम एक बार फॉॅगिंग एवं स्वच्छता अभियान किया जाये।
-चेतावनी के पश्चात भी पानी जमा होने से डेंगू मच्छर पैदा होने की स्थितियां उत्पन्न हो रही हैं। डेंगू रोग के खतरे से लोगों को बचाया जा सके व महामारी का रूप लेने से रोका जा सके।
-शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू के हॉट स्पॉट चिन्हित कर निरन्तर स्वच्छता अभियान एवं डेंगू रोकथाम एवं नियंत्रण समबन्धित कार्यवाही की जाये जिससे डेंगू रोग के मच्छरों को पनपने से रोका जा सके।
-डेंगू रोग के प्रति भ्रान्तियों के समाधान के लिए डेंगू के संक्रमण काल के दौरान कंट्रोल रूम स्थापित किया जाना सुनिष्चित करें।
-आम जन में ब्लड डोनेशन के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाये।

बॉक्स
फोटो- डीएम डेंगू
जिलाधिकारी ने दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। सबसे पहले उन्होंने ब्लड बैंक का निरीक्षण किया। उन्होंने ब्लड बैंक मे सभी मशीनों का निरीक्षण किया। यहां कितने प्लेटलेट्स ब्लड बैंक में उपलब्ध है। इसकी अतिरिक्त ब्लड बैंक में आए मरीजों के परिजनों से बात की एवं तुरंत उनकी समस्या का समाधान किया। उन्होंने ब्लड बैंक में एक बोर्ड लगाने के साथ प्लेटलेट्स की संख्या लिखी जाने के निर्देश दिए। इसके बाद डीएम नेे सभी डेंगू वार्ड का वार्ड का निरीक्षण किया। सभी मरीजों से बात की तथा उनके इलाज के संबंध में सभी डॉक्टरों से बात की तथा निर्देशित किया कि सभी मरीजों को समुचित इलाज मिले। इस निरीक्षण में डॉ। संजय जैन सीएमओ, डॉ। दिनेश चौहान एसीएमओ, डॉ। अनुराग अग्रवाल मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive