नगर निगम का दावा है कि वह फरवरी माह से नालों की सफाई कर रहा है ताकि मानसून सीजन में जलभराव की समस्या पर अंकुश लगाया जा सके। इस काम के लिए अप्रैल माह में 35 लाख रुपए का भुगतान किए जाने की बात भी सामने आई है। हालांकि इतनी बड़ी धनराशि नालों में खर्च किए जाने के बाद भी हालात जस के तस नजर आ रहे हैं। नालों के सफाई के दावों की हवा सोमवार को डीएम सोनिका की जनसुनवाई में निकल गई। क्योंकि जनसुनवाई में इस तरह की शिकायतें आई कि नालों की सफाई नहीं की गई है और वह जगह-जगह बंद हैं।


देहरादून (ब्यूरो) डीएम सोनिका ने शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए नगर निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह मुका-मुआयना करें और नालों की सफाई सुनिश्चित कराएं। ताकि मानसून सीजन में नालों का पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर न आ सके। डीएम ने कहा कि सभी नालों की सफाई पुख्ता होनी चाहिए। अन्यथा करवाई की जाएगी। इसके अलावा डीएम के समक्ष जौलीग्रांट में सील की गई भूमि पर निर्माण किए जाने की शिकायत पर डीएम सोनिका ने एसडीएम डोईवाला और एमडीडीए को करवाई के निर्देश जारी किए। वहीं, डीएम ने पेयजल समस्या के समाधान के लिए बनाए गई तीन कंट्रोल रूम की समय-समय पर समीक्षा करने को कहा। डीएम ने सभी एसडीएम, नगर निगम व विभिन्न नगर निकाय के अधिकारियों को कहा कि वह सरकारी भूमि पर अतिक्रमण के मामलों में त्वरित करवाई अमल में लाएं। इस दौरान डीएम के समक्ष कुल 84 शिकायतें दर्ज की गईं। अधिकतर का मौके पर ही निस्तारण कर दिया गया था।

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Posted By: Inextlive