माइक्रोसाफ्ट व दूसरी बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों का रिप्रेजेंटेटिव बनकर फर्जी कॉल सेंटर से अमेरिकी नागरिकों से ठगी कर रहे गिरोह का दून पुलिस ने पर्दाफाश किया है. इसके साथ ही तीन आरोपियों को भी दबोचा है.

देहरादून, (ब्यूरो): माइक्रोसाफ्ट व दूसरी बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों का रिप्रेजेंटेटिव बनकर फर्जी कॉल सेंटर से अमेरिकी नागरिकों से ठगी कर रहे गिरोह का दून पुलिस ने पर्दाफाश किया है। इसके साथ ही तीन आरोपियों को भी दबोचा है। आरोप हैं कि बग व वायरस हटाने का झांसा देकर गिरोह के सदस्य अमेरिकी लोगों के कंप्यूटर व लैपटॉप का एक्सेस ले लेते थे। इसके बाद उन्हें ब्लैकमेल कर ढाई से 3 हजार डालर ठग लेते थे। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में जम्मू-कश्मीर, दिल्ली व दून के युवक शामिल हैं। जबकि, पूरे गिरोह को संचालित करने वाला आरोपी अब तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पाया है।

राजपुर में किराए पर ऑफिस
एसएसपी दून अजय ङ्क्षसह के मुताबिक राजपुर क्षेत्र में दून विहार गली नंबर-तीन के पास एक कॉम्प्लेक्स के ऊपरी मंजिल पर अवैध रूप से इंटरनेशनल कॉल सेंटर टेकनियो बिजनेस सॉल्यूशन प्रा.लि। के संचालित होने की पुलिस को सूचना मिली थी। ये भी मालूम हुआ था कि कॉल सेंटर के जरिए विदेशी नागरिकों से ठगी की जा रही है। जांच का जिम्मा मसूरी सीओ अनुज कुमार व थानाध्यक्ष राजपुर पीडी भट्ट को सौंपा गया। उन्होंने पड़ताल की। शिकायत सही होने पर पुलिस टीम ने मंडे देर रात काल सेंटर पर छापेमारी की। पाया कि एक हाल में कुछ युवक व युवतियां लैपटाप व कंप्यूटर पर बैठकर काम कर रहे थे।

अमेरिकंस से कर रहे थे बात
पुलिस ने पाया कि ये युवक व युवतियां खुद को इंटरनेशनल सॉफ्टवेयर कंपनी का प्रतिनिधि बताकर अमेरिकी नागरिकों से बात कर रहे थे। बाकायदा, उनके कंप्यूटर सिस्टम से वायरस व बग हटाने का झांसा देकर बैंक अकाउंट की जानकारी प्राप्त कर रहे थे।

पूछताछ में सब कुछ उगल दिया
पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो यहां कार्यरत युवाओं ने बताया कि वे सभी सार्थक, शाहरुख, खुशनूर व करुणेश उर्फ करन नाम के व्यक्तियों के लिए काम करते हैं। जांच में ये भी जानकारी मिली कि काल सेंटर के माध्यम से वह अमेरिकी लोगों को एंटीवायरस तकनीकी सपोर्ट देने के नाम पर उनसे गिफ्ट कार्ड की पूरी डिटेल लेते हैं। पुलिस को पता चला कि करुणेश का एक साथी अमेरिका में रहता है और बैंक खातों से धनराशि निकालने का काम वही करता है। पुलिस के मुताबिक आरोपी प्रतिमाह करोड़ों रुपये की ठगी कर रहे थे।

ये किए गिरफ्तार
-सार्थक निवासी कालरी जम्मू थाना बलवल (जम्मू-कश्मीर) वर्तमान निवासी कैनाल रोड दून
-खुशनूर निवासी संगम विहार (नई दिल्ली)
-शाहरुख अली निवासी केदारवाला थाना सहसपुर (देहरादून)

ठगी करने का तरीका
पुलिस के मुताबिक आरोपी सार्थक, शाहरुख और खुशनूर विदेशी नागरिकों का डाटा खरीदकर उन्हें कंप्यूटर व लैपटाप में समस्या आने संबंधी फोन करते हैं। समस्या को ठीक करने के एवज में उनके सिस्टम में अल्ट्रा व्यूवर का यूज कर सिस्टम का एक्सेस हासिल कर लेते हैं। इसके बाद उन्हें ब्लैकमेल कर गिफ्ट कार्ड या क्रिप्टो करेंसी में भुगतान प्राप्त कर उन्हें ठग लेते हैं। इसको लेकर थाना राजपुर में केस दर्ज किया गया है। जबकि, फरार आरोपी करुणेश उर्फ करन की गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रयास कर रही है।

आरोपियों से हुई बरामदगी
-36 लैपटॉप
-5 मोबाइल फोन
-ब्रॉडबेंड कनेक्शन

नहीं किया था रजिस्ट्रेशन
पुलिस की मानें तो कॉल सेंटर फर्जी तरीके से चल रहा था। आरोपियों ने बिल्डिंग की एक मंजिल किराए पर लिया हुआ था। वहीं से वे अपना काम करते थे। जबकि, उन्होंने अपनी कंपनी का रजिस्ट्रेशन तक नहीं किया हुआ था। फर्जी काल सेंटर में एक शिफ्ट में 22 लोग काम करते थे। पुलिस अब इन आरोपियों के बैंक अकाउंट की भी चेकिंग कर रही है।

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Posted By: Inextlive