राजधानी में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत करीब 20 करोड़ से तैयार परेड ग्राउंड जल्द ही मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण एमडीडीए के हवाले होगा। स्मार्ट सिटी ने परेड ग्राउंड के हैंडओवर की तैयारी लगभग पूरी कर ली है। मंडे को स्मार्ट सिटी के साथ एमडीडीए टीम परेड ग्राउंड का विजिट करेगी। इसके बाद हस्तांतरण की कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी।

देहरादून (ब्यूरो) परेड ग्राउंड का हस्तांतरण आखिरी दौर में है। मंडे को स्मार्ट सिटी और एमडीडीए की टीम संयुक्त विजिट करेगी। बताया गया कि ग्राउंड में उद्यानिकी का काफी बड़ा हिस्सा है। अन्य डेवलपमेंट वर्क को ध्यान में रखते हुए हैंडओवर की कार्रवाई की जाएगी। स्मार्ट सिटी हैंडओवर को लेकर दो बार एमडीडीए को पत्र भी लिख चुका है। विभागीय सूत्रों ने बताया कि स्मार्ट सिटी की ओर से कुछ कार्य अधूरे रह गए थे, जिससे हस्तांतरण की कार्रवाई पूरी नहीं हो पाई थी। अब तकरीबन सभी काम पूरे हो गए हैं।

चर्चाओं मेें परेड ग्राउंड
स्मार्ट सिटी की ओर से डेवलप किए जाने के बाद परेड ग्राउंड चर्चाओं में है। ये मैदान पहले खेल विभाग के पास था, लेकिन शासन ने डेवलप करने के लिए इसे स्मार्ट सिटी को सौंपा था। स्मार्ट सिटी की ओर से ग्राउंड पर 20 करोड़ से अधिक धनराशि से काम किए गए। ग्राउंड को मेंटेनेंस के लिए एमडीडीए के हैंडओवर करने का स्मार्ट सिटी बोर्ड ने फैसला लिया है।

परमिशन को लेकर विवाद
जब से परेड ग्राउंड बनकर तैयार हुआ है तब से यहां परमिशन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। दशहरा मेले में लाखों का नुकसान होने पर जब स्मार्ट सिटी ने भरपाई करने को संबंधित संस्था को लेटर लिखा तो कई तरह का विवाद खड़े हुए। बाद में क्षेत्रीय विधायक ने विधायक निधि से भरपाई की बात कही। इसके बाद शर्त के साथ परमिशन पर कांग्रेस भड़क गई और विरोध करना शुरू कर दिया और अब ग्राउंड को किसी भी पार्टी को न देने की मांग कर रही है।

पहले होते थे ये आयोजन
- राष्ट्रीय व राज्य स्तर की प्रदर्शनियां
- सर्कस व मेलों का आयोजन
- चुनावी रैलियां
- साप्तिाहिक कुश्तियां
- बच्चों के खेल
- कर्मचारी व राजनीतिक संगठनों की रैलियां
- बेरोजगार और सामाजिक संस्थाओं के धरने

परेड ग्राउंड का इतिहास
बताया जाता है कि राजधानी दून का परेड ग्राउंड भले ही अब बदल गया हो, लेकिन आजादी से पहले यहां ब्रिटिश सेना की परेड हुआ करती थी, तभी इसका नाम परेड ग्राउंड रखा गया था। जब देश आजाद हुआ तो 15 अगस्त 1947 को यहां जश्न-ए-आजादी मनाया गया। आजादी के बाद परेड ग्राउंड सांस्कृतिक और सामूहिक आयोजनों का मुख्य स्थल बन गया।

एक नजर में परेड ग्राउंड
9 नवंबर 1981 को तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार में अनु सचिव सत्य कुमार वर्मा ने डीएम दून को पत्र लिखा था कि पूर्र्वी परेड ग्राउंड पर स्टेडियम, बहुद्देशीय हॉल व स्विमिंग पूल के लिए ग्राउंड को खेल विभाग को ट्रांसफर किया जाए। 7 अप्रैल 1989 को तत्कालीन यूपी गवर्नमेंट में परेड ग्राउंड को निशुल्क खेल विभाग को ट्रांसफर करने के लिए पत्र लिखा गया था।

यह हुए स्मार्ट सिटी के काम
- रेन वाटर हार्वेस्टिंग
- सोलर पार्क
- किड््स पार्क
- वीआईपी स्टेज का निर्माण
- स्मार्ट टॉयलेट्स
- फुटपाथ
- ग्रीन कॉरिडोर

परेड ग्राउंड को लेकर किसी तरह का कोई विवाद नहीं है, जो भी संबंधित विभागों की एनओसी लेकर आ रहा है उसे परमिशन दी जा रही है। परेड ग्राउंड के हस्तांतरण की कार्रवाई चल रही है। जल्द ही ग्राउंड एमडीडीए को ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
सोनिका, डीएम व सीईओ स्मार्ट सिटी

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Posted By: Inextlive