Dehradun News: लौटने लगी दून की हरियाली
देहरादून, (ब्यूरो): राजधानी दून में धीरे-धीरे हरियाली दिखने लगी है। सरकारी विभागों की ओर से लगातार सड़कों पर पौधरोपण किया जा रहा है। सड़क चौड़ीकरण के चलते गायब हुई सहस्रधारा की ग्रीनरी भी धीरे-धीरे लौटने लगी है। हरैला पर्व पर पिछले तीन माह में सरकारी विभागों की ओर से सड़कों के किनारे, डिवाइडर्स के साथ ही खाली पड़ी सरकारी जमीनों पर रिकार्ड 12 लाख से अधिक पौधे रोपे गए। दून में इस बार भीषण गर्मी पडऩे से पेड़ों की कमी महसूस की गई। जिसके बाद सरकारी स्तर पर खासकर शहरी क्षेत्र में वृहद स्तर पर फलदार व छायादार पौधे रोपे गए। सहस्रधारा रोड पर दिखने लगी ग्रीनरी
सहस्रधारा रोड चौड़ीकरण की जद में करीब 2000 हजार पेड़ आए, जिनमें से 1006 पेड़े काटे गए जबकि 972 पेड़ों को दूसरी जगहों पर ट्रांसप्लांट किया गया। इसके बाद रोड पूरी तरह नंगी दिखने लगी। सहस्रधारा रोड के साथ ही रिंग रोड पर भी पेड़ हटाए गए। रिंग रोड से लेकर सहस्रधारा रोड तक करीब 14.5 किमी। लंबी रोड पर चौड़ीकरण के बाद डिवाइडर बनाए गए। डिवाइडर के बीचों बीच पौधे रोपे जा रहे हैं। रोपे जा रहे बड़े-बड़े पौधे
सहस्रधारा रोड पर घने पेड़ थे। कटने के बाद यह रोड पूरी तरह वीरान दिखने लगी, लेकिन डिवाइडर बनने के बाद लगाए गए पेड़ों से एक बार फिर हरियाली दिखने लगी है। इस रोड के डिवाइडर्स पर बड़े-बड़े कुछ पेड़ लगाए गए हैं। इनमें से कुछ पेड़ सूखने लगे हैं। विभागीय अफसरों का कहना है कि पेड़ बड़े होने पर वह देरी से जड़ पकड़ते हैं। पूरी तरह जड़ पकड़ते ही वह फिर हरे हो जाएंगे। एमडीडीए की नर्सरी से महकेगा दूनदून को हरा-भरा बनाने के लिए एमडीडीए कंक्रीट के जंगल में तब्दील होते जा रहे दून को हरियाली से लबालब करने के लिए एमडीडीए खुद की नर्सरी तैयार करने में जुटा हुआ है। आईएसबीटी के पास करीब 22 बीघा जमीन पर नर्सरी बनाई जाएगी। नर्सरी में फूलों के साथ ही विभिन्न प्रकार के फलदार पौध उगाई जाएंगे। इन पौधों को दून की सड़कों के किनारे, डिवाइडरों के बीच और खाली भूमि पर रोपा जाएगा। आम, लीची और जामुन सरीखे पौधों के अलावा छायादार पौधे भी जगह-जगह रोपे जाएंगे।हरेला पर्व पर शुरू किया गया था पौधरोपण का अभियान
शहर को हरा-भरा बनाने के लिए बरसात के मौसम में एमडीडीए ने एक लाख पौधे रोपने का टारगेट रखा है। इसमें से 80 परसेंट पौधे रोपे जा चुके हैं। एमडीडीए की उद्यान निरीक्षक भानू प्रिया ने बताया कि हरेला पर्व के तहत पूरे बरसाती सीजन में शहर के अलग-अलग हिस्सों में एक लाख छायादार, फलदार और अन्य प्रजाति के पौधे रोपे जाने का टारगेट है, जिसमें से अब तक 80 हजार से अधिक पौधे रोपे जा चुके हैं। सड़कों के किनारे जामुन, आम, लीची के साथ ही जामुन आदि प्रजाति के पौधे रोपे जा रहे हैं। रोड किनार व डिवाइडर्स पर पौधरोपण - सड़क किनारे व डिवाइडर्स के बीच रोपे जा रहे आम, लीची व जामुन के पौधे- हरेला पर्व पर शुरू किए गए अभियान में रोपे गए 12 लाख से अधिक पौधे- एमडीडीए ने 1 लाख पौधों के सापेक्ष रोपे 80 हजार पौधे - सबसे अधिक वन विभाग ने रोपे 6 लाख से अधिक पौधे - पीडब्ल्यूडी ने रिंग रोड से लेकर सहस्रधारा रोड पर रोपे 12 हजार पौधे डिवाइडरों के बीचों-बीच रोपे पौधे
पीडब्ल्यूडी अस्थाई खंड ऋषिकेश के अधिशासी अभियंता भृगुनाथ द्विवेदी ने बताया कि रिंग रोड से लेकर सहस्रधारा रोड तक करीब साढे 14 किमी। रोड चौड़ीकरण का काम किया गया। इस रोड पर डिवाइडर्स के बीचों बीच विभिन्न प्रजाति के 12 हजार से अधिक पौधे रोपे जा चुके हैं। ज्यादातर बड़े-बड़े पौधे हैं। नर्सरी से बड़े पेड़ उठाए जाने से कई पेड़ जड़ नहीं पकड़ पाए हैं, जड़ पकड़ते ही इनमें हरापन लौट आएगा। डिवाइडर्स पर पौधरोपण का काम जारी है।
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