कन्फ्यूज न हों, ये गंगनहर नहीं है
- प्री मानसून में ही विकास की भेंट चढ़ गए अनियोजित कार्य
- घंटाघर से लेकर आईएसबीटी तक नालियां चोक, सड़कें बनी तालाब- ढाई घंटे की बारिश ने खोल दी महकमो की पोल, जाम ने किया परेशान देहरादून (ब्यूरो): चोक नालियों की वजह से बारिश का पानी सड़कों पर नदियों की तरह बहने लगा। कई जगहों पर नालियों का निर्माण अधूरा पड़ा हुआ है। मानसून से पहले नालियों की सफाई और निर्माण कार्य पूरे न होने से ये पब्लिक की परेशानी का सबब बनने लगे हैं। सीवर लाइनों का चोक पानी भी सड़कों पर बहने लगा। भंडारी बाग आरओबी के लिए खोदी गई सड़क ने नहर का रूप ले लिया। जलभराव से जगह-जगह जाम से लोगों को जूझना पड़ा। ये राजधानी दून और स्मार्ट सिटी का हाल है, तो आम शहर और गांवों-कस्बों का क्या हाल होगा। यह इससे बखूबी समझा जा सकता है।
ढाई घंटे में खुल गई महकमो की पोल
पूरे साल भर सरकारी विभाग किस तरह विकास का काम करते हैं उसका सच प्री मानूसन की पहली बारिश ने खोल कर रख दिया है। नालियों की सफाई का जिम्मा संभाले नगर निगम सफाई के नाम पर हर माह लाखों रुपये खर्च करता है। फिर भी नाले और नालियां चोक हैं। स्मार्ट सिटी ने भी ड्रेनेज के नाम पर करोड़ों रुपये का काम किया वह भी कहीं दिखाई नहीं दिया। पीडब्ल्यूडी नालियोंं को दुरुस्त नहीं कर पाया। प्रशासन ने भी इस बरसात से पूर्व शहर को डूबने से बचाने के लिए बड़े-बड़े दावे किए। उन दावों की भी आज पोल खुल गई।
प्रिंस चौक पर सुबह का नजारा देखकर व्यापारी हक्के-बक्के रह गए। फुटपाथ से लेकर दुकानों के शटर पानी में डूबे हुए थे। एक दर्जन से अधिक दुकानों में बरसात का पानी घुस गया। सुबह जब दुकानदार दुकान खोलने आए, तो शटर पर लगे ताले पानी में डूबे मिले। दिनभर की मशक्कत के बाद दुकानदार डेढ-2 बजे तक दुकान खोल पाए। इसके बाद सड़क पर जमा पानी पर वाहन गुजरते ही पानी के बौछार दुकानों के अंदर जाने से ग्राहक भी इन दुकानों में जाने की जहमत नहीं जुटा पा रहे थे। प्रिंस चौक के साथ त्यागी रोड पर हाल ही में नालियों की सफाई के साथ नव निर्माण का काम भी किया गया। फिर भी हालात नहीं सुधरे।
आईएसबीटी में लगा चारों तरफ जाम
अंतर्राराज्यीय बस स्टैंड पर फ्लाई ओवर के नीचे जल भराव से घंटो चारों तरफ लंबा जाम लगा रहा। सड़क पर गुजर रही सीवर लाइन भी आज चोक हो गई। सीवर का बदबूदार पानी सड़क पर बहने से लोग नाक बंद कर किसी तरह वहां से गुजरे। पैदल चलने वालों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा। इसकी वजह से सहारनपुर रोड, हरिद्वार रोड, शिमला बाईपास रोड पर ढाई घंटे जाम लगा रहा।
ये फोटो जो आपको दिख रही है यह कोई नहर नहीं है। यह भंडारीबाग में आरओबी के लिए खोदी की सड़क का नजारा है। बारिश में खोदी गई सड़क ने नहर का रूप ले लिया है। दून में निर्माण कार्यों की यह तो एक बानगी है। शहर में ऐसे कई अधूरे निर्माण कार्यों की वजह से लोगों के लिए मुसीबत बन रहे हैं। पूरा शहर पेयजल, सीवर और अन्य विकास योजनाओं के लिए खोदा हुआ है। समय से पहले निर्माण कार्य पूरा न होने से करोड़ों की धन की भी बरबादी हो रही है। ऊपर से जलभराव के कारण इसमें जो एक्सीडेंट होंगे, उसकी कोई कीमत नहीं है।
नालियां चोक, नदी बनीं सड़कें
मेरी प्रिंस चौक पर कार श्रृंगार की दुकान है। सुबह दुकान आकर देखा तो पूरी दुकान सड़क के पानी से भरी थी। दुकान के अंदर से पानी निकालने में दिनभर लग गया, जिस वजह से मजबूरन दुकान बंद रखनी पड़ी।
उत्तम अग्रवाल, प्रिंस चौक
अंकित बादवा, त्यागी रोड शहर में नालियों की सफाई पर करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं, लेकिन फिर भी नालियों की सफाई प्रोपर तरीके से नहीं हो रही है। पब्लिक के टैक्स की खाईबाड़ी की जा रही है। जलभराव की योजनाएं केवल फाइलों में बन रही है।
अमित त्यागी, कांवली रोड फ्लाई ओवर के नीचे भरने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। जलभराव के बीच सीवर लाइन भी चोक हो गई। सीवर का गंदा पानी बारिश के पानी में मिलने से बदबू फैल गई, जिससे मुझे भी रेस्टोरेंट बंद करना पड़ा।
मोहम्मद आरिफ, आईएसबीटी
यहां झेलनी पड़ी जलभराव से लोगों को परेशानी
रायपुर रोड
सर्वे चौक
बुद्धा चौक
राजपुर रोड
चकराता रोड
कांवली रोड
प्रिंस चौक
आराघर
धर्मपुर
नेहरू कॉलोनी
अजबपुर
रेसकोर्स
सहारनपुर रोड
आईएसबीटी
शिमला बाईपास
12 लाख के लगभग है दून की आबादी
280 के करीब है ड्रेनेज नालियां
55 छोटे-बड़े नाले हैं दून में
18 बड़े नाले रिस्पना, बिंदाल से जुड़े
40 लोग नाला गैंग में
100 वार्ड हैं दून नगर निगम में
15 हजार के लगभग रहते हैं हर वार्ड में लोग
500 मीटर के दायरे में कर्मचारी व्यवस्था फेल
03 करोड़ से अधिक नालियों की सफाई पर खर्च बरसात से पहले नालियों की सफाई से लेकर ड्रेनेज कार्य पूरा करने के सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं। ड्रेनेज का अधिकांश काम लगभग पूरा होने वाला है। बीते रोज समीक्षा बैठक में अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए। मानसून से पहले शहर के ड्रेनेज सिस्टम को व्यवस्थित करने का प्रयास किया जा रहा है।
सोनिका, डीएम, देहरादून
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