डॉक्टर को यूं ही धरती का भगवान नहीं कहा जाता है। यहां यह कहना इसलिए भी उचित होगा क्योंकि श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के डॉक्टरों ने एक मरीज की खाने की नाल में फंसे ब्लेड को निकालकर मरीज को नया जीवन दिया है। ऑपरेशन के जरिए डॉक्टरों ने ब्लेड को आहारनाल से सफलतापूर्वक बाहर निकाला। ऑपरेशन के बाद मरीज अब बिल्कुल ठीक है।

मरीज को मिला नया जीवन, कहा-थैंक्यू इंन्दिरेश अस्पताल डॉक्टर्स

देहरादून (ब्यूरो): महंत इन्दिरेश अस्पताल के ईएनटी रोग विभाग के डॉ शरद हरनोट ने दी। बताया, 26 वर्षीयव्यक्ति ने भूलवश खाने के साथ रेजर ब्लेड भी निगल दिया। खाने की नली में फंसे धारदार ब्लेड की वजह से मरीज के जीवन पर बन आई। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के ईएनटी रोग विभाग के डॉक्टरों ने शुरुआत जांच में पाया कि ब्लेड श्वास नली के नजदीक महत्वपूर्ण खून की सबसे बड़ी नस के काफी नजदीक अटकी हुई है। लेकिन, डॉक्टरों ने अपनी तमाम कोशिशों के बीच 26 वर्षीय पुरुष की खाना खाने की नली में फंसे रेजर ब्लेड को निकालकर मरीज को नया जीवन दिया।

मरीजे के परिजनों ने डॉक्टरों का जताया आभार

इस सर्जरी में श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के असिस्टेंट प्रोफेसर व ईएनटी सर्जन डॉ। शरद हरनोट ने सीनियर रेजिडेंट डॉ। फातमा अंजुम के साथ मरीज की सफल सर्जरी की। एंडोस्कोपी द्वारा पूर्ण रेजर ब्लेड को खाने की नली से बाहर निकाला। मरीज के माता पिता ने डॉक्टरों व श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल का आभार जताया।

इन्दिरेश अस्पताल पहुंच कर आस जगी
डॉ। शरद हरनोट के अनुसार मरीज के परिजन 26 वर्षीय पेशेंट अस्पताल लेकर आए। मरीज के पिता ने जानकारी दी कि परिस्थितिवश मरीज ने रेजर ब्लेड को निगल लिया। कई अस्पतालों के चक्कर काटे, लेकिन सब जगह से मायूसी हाथ लगी। इसके बाद वे श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल पहुंचे।
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Posted By: Inextlive