आपदा: राज्य में अब भी अंधेरे में डूबे हैं 48 गांव
- प्रदेश में आपदा से 103 सड़कें अवरुद्ध होने के साथ ही 63 पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त
देहरादून, ब्यूरो: पिछले दो दिन से पहाड़ी इलाकों में बारिश कम हो रही है, लेकिन, दुश्वारियां अभी भी बरकरार हैं। सबसे ज्यादा समस्याएं सड़कों को लेकर सामने आ रही हैं। अभी भी 71 गांवों में बिजली की आपूर्ति सुचारू नहीं हो पाई है। पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए कंट्रोल रूम गठित किया गया है। वहीं, दूसरी तरफ दुश्वारियों से निपटने के लिए एसडीआरएफ की टीम भी रेस्क्यू अभियान पर जुटी हुई हैं।48 गांवों में बिजली आपूर्ति ठप
राज्य के अधिकतर जनपदों में विद्युत आपूर्ति सुचारू है। चमोली, टिहरी और पिथौरागढ़ जिले के कुछ गांवों में बारिश के चलते विद्युत व्यवस्था बाधित चल रही है। वर्तमान तक राज्य में कुल 71 गांवों में विद्युत बाधित थी, जिसमें से 23 गांवों की विद्युत आपूर्ति पूर्णरूप से सुचारू कर दी गई हैं। शेष 48 गांवों में विद्युत आपूर्ति बहाल करने के प्रयास जारी है।
तीन राज्य मार्गों समेत 52 सड़कें बंद
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर से जारी आकड़ों के अनुसार लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत शनिवार को 54 सड़कें अवरुद्ध हुई हैं। 63 मार्ग शुक्रवार को अवरूद्ध हुए थेे। कुल 117 अवरूद्ध मार्गो में से 65 मार्गो को शनिवार को खोल दिया गया है। शेष 52 मार्ग अभी भी अवरूद्ध है, जिसमें से 3 राज्य मार्ग, 2 मुख्य जिला मार्ग, एक अन्य जिला मार्ग एवं 46 ग्रामीण मार्ग अवरूद्ध है।
पीएमजीएसवाई के अन्तर्गत शनिवार को 10 मार्ग अवरुद्ध हुए हैं। 58 मार्ग शुक्रवार को अवरूद्ध थे। कुल 68 अवरूद्ध मार्गो में से शनिवार को 15 मार्गो को खोल दिया गया है। शेष 53 अवरुद्ध मार्गो को खोले के लिए कार्य चल रहा है। सड़कों को खोलने में लगी हैं 210 मशीनें
सड़कों को खोलने में अलग-जगह जगहों पर 210 मशीनें कार्य कर रही हैं। इसमें राज्य राजमार्गों पर 61 मशीनें, मुख्य जिला मार्गो पर 8 मशीनें, अन्य जिला मार्गो पर 5 मशीनें और ग्रामीण मार्गो पर 70 मशीनें मिलाकर कुल 144 मशीनें कार्य कर रही है। इसके अतिरिक्त पीएमजीएसवाई के मार्गो पर 66 मशीनें सड़कों को खोलने के कार्य में लगी हैं।
आपदा से 63 पेयजल योजनाओं से आपूर्ति बंद
आपदा की स्थिति में पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए विभिन्न शाखाओं में 71 विभागीय टैंकर उपलब्ध हैं, जबकि 219 किराये के टैंकर चिन्हित है। दैवीय आपदा और अतिवृष्टि से अब तक 1351 पेयजल योजनायें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, जिनमें से 1288 पेयजल योजनायें अस्थायी व्यवस्था से चालू की गई है। शेष 63 पेयजल योजनाओं को चालू किये जाने का कार्य तीव्र गति से चल रहा है।
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