उत्तराखंड में अब पानी की बर्बादी पर रोक लग पाएगी। सरकार पानी की मीटरिंग करके इसका दुरुपयोग रोकने की प्लानिंग में जुट गई है। पेयजल कनेक्शनों पर मीटर लगने के बाद भी लोग बेहिसाब पानी कंजप्शन करने की आदतें नहीं छोड़ पा रहे हैं।

- नथुवावाला में 8 लाख लीटर तक पानी खर्च कर रहे उपभोक्ता
- क्षेत्र के 4 हजार से अधिक घरों में लग चुके हैं पानी के मीटर

देहरादून ब्यूरो: उत्तराखंड में अब पानी की बर्बादी पर रोक लग पाएगी। सरकार पानी की मीटरिंग करके इसका दुरुपयोग रोकने की प्लानिंग में जुट गई है। पेयजल कनेक्शनों पर मीटर लगने के बाद भी लोग बेहिसाब पानी कंजप्शन करने की आदतें नहीं छोड़ पा रहे हैं। मीटर लगने के बाद भी कई घरों में निर्धारित कंजप्शन से कई गुना पानी की खपत की जा रही है। जो पानी की बर्बादी को इंगित करता है। नथुवावाला क्षेत्र इसका उदाहरण है। जहां हाल ही में पानी के मीटर लगने के बाद कई घरों में 4-4 लाख लीटर पानी प्रतिमाह तक कंजप्शन किया गया है, ऐसे में कई उपभोक्ताओं का बिल 15 हजार से लेकर 20 हजार तक आया है।

जितना पानी उतना बिल
बता दें कि वल्र्ड बैंक पोषित नथुवावाला पेयजल योजना का कार्य उत्तराखंड जल संस्थान ने मार्च 2022 में पूरा किया। अप्रैल के बाद इस इलाके में हर दो माह में पानी का बिल सर्व किया जा रहा है। ये स्कीम केंद्र सरकार के पायलट प्रोजेक्ट में शामिल है, यदि यह प्रयोग सफल रहा है तो दूसरे इलाकों में भी योजना को अमलीजामा पहनाया जाएगा।

4220 घरों में लगाए गए मीटर
जल संस्थान ने योजना के तहत नथुवावाला क्षेत्र में अब तक करीब 4 हजार से अधिक मीटर लगा दिए हैं। ये मीटर पूरी तरह डिजिटल हैं। पानी के बिल अधिक आने पर लोग मीटर खराब होने की शिकायत कर रहे हैं, लेकिन जल संस्थान के अधिकारियों का कहना है कि ये मीटर डिजिटल हैं, जिनके खराब होने के चांसेस एक प्रतिशत से भी कम है।

20 हजार लीटर प्रतिमाह है प्रति कनेक्शन कंजप्शन
उत्तराखंड ने पूर्व में जारी शासनादेश में 20 हजार लीटर पानी प्रतिमाह एक कनेक्शन पर निर्धारित किया गया है। इसका न्यूनतम प्रभार 390 है। निर्धारित क्वांटिटी से अधिक खपत के लिए घरेलू के लिए 12.93 पैसे प्रति हजार लीटर और कॉमर्शियल के लिए 29.38 रुपये प्रति हजार की दर तय है। 20 हजार लीटर खर्च तक इनकी दो माह का बिल 1057 रुपये है।

उपभोक्ताओं को मिला 50 प्रतिशत से अधिक फायदा
जल संस्थान के अधिकारियों की मानें तो पानी के मीटर लगने के बाद नथुवावाला क्षेत्र में आम उपभोक्ताओं को 50 प्रतिशत से अधिक धन की बचत हो रही है। 4200 उपभोक्ताओं में से सर्वाधिक 1173 उपभोक्ता ऐसे हैं जिनका दो माह का पानी का बिल न्यूनतम प्रभार के आधार पर 390 रुपये तक आया है, जबकि वह पहले उन्हें दो माह में 718 रुपये चुकाने पड़ रहे थे। 561 उपभोक्ता ऐसे हैं जिनका बिल 500 रुपये से कम आया है। 3 हजार रूपये से अधिक बिल वालों की तादाद दो सौ के आस-पास है। ये सब कमर्शियल बताए जा रहे हैं।

उपभोक्ता पानी का बिल
की संख्या दो माह
1173 390
561 391 से 500
784 501 से 700
505 701 से 1000
726 1001 से 2000
229 2001 से 3000
96 3001 से 4000
50 4001 से 5000
25 5001 से 6000
22 6001 से 7000
16 7001 से 8000
7 8001 से 9000
9 9001 से 10000
3 18001 से 19000
1 19001 से 20000

नथुवावाला क्षेत्र में पानी के मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं को 50 प्रतिशत तक धन की बचत हो रही है। बिल मीटर रीडिंग के हिसाब से ही दिए गए हैं। केवल उन्हीं के बिल अधिक आए हैं, जिन्होंने पानी का दुरूपयोग किया है।
विनोद चंद रमोला, अधीक्षण अभियंता (नगर), उत्तराखंड जल संस्थान, देहरादून।

Posted By: Inextlive