5जी युग में पुलिस व्यवस्था पर हुआ मंथन
देहरादून (ब्यूरो)
दो दिवसीय पुलिस कांग्रेस में आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, बार्डर सिक्योरिटी फोर्स, सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स, आईटीबीपी, शस्त्र सीमा बल, सीबीआई, राष्ट्रीय जांच एजेंसी, एनडीआरएफ से पुलिस के पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उपमहानिरीक्षक, कमांडेंट, कमिश्नर, डायरेक्टर स्तर के अधिकारी प्रतिभाग कर रहे हैं। आयोजन के पहले सत्र में 5जी युग में पुलिस व्यवस्था के अंतर्गत चर्चा हुई। इस दौरान उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक राजा श्रीवास्तव ने भ्रष्टाचार विरोधी जांचों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के उपयोग को पुलिस की विवेचना के लिए क्रांतिकारी बदलाव बताया। उन्होंने कहा कि एआई के उपयोग से अपराधियों की डिजिटल बिहेवियर रिपोर्ट हासिल की जा सकती है, जो जांच में काफी मदद देती है।
मॉडर्न टेक्नीक का हो उपयोग
साइबर सुरक्षा पर दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त बीएस जायसवाल ने कहा कि पुलिस से संबंधी संस्थाओं के लिए डेटा की सुरक्षा काफी महत्वपूर्ण है। आधुनिक तकनीक के इस युग में साइबर हाइजीन युक्त होने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि विभिन्न कार्यों के लिए आईपी कैमरे का उपयोग हो रहा है। आईपी कैमरा नेटवर्क को सुरक्षित करना साइबर सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण पहलू है। उन्होंने नई तकनीक जैसे जीआईएस व जीपीएस का उपयोग कर कार्यप्रणाली में सुधार करने हेतु विशेष जोर दिया।
दूसरे सत्र में नशा तस्करी पर चेन्नई के अपर पुलिस महानिदेशक (अपराध एवं प्रवर्तन) महेश कुमार अग्रवाल ने नारकोटिक्स एवं ड्रग्स पैडलर्स के नेटवर्क एवं उन पर की गई कार्रवाई को लेकर प्रस्तुतिकरण दिया। अग्रवाल ने कहा कि ड्रग्स की मांग में कमी लाकर सप्लाई को कंट्रोल किया जा सकता है। राजस्थान के नारकोटिक्स विभाग में तैनात भारतीय राजस्व सेवा कैडर के अधिकारी एसडी जम्बोटकर ने ड्रग्स ट्रैफिकिंग पर जानकारी दी और बताया कि ड्रग तस्कर विभिन्न नए तरीकों जैसे इंटरनेट मीडिया, ड्रोन, डार्क वेब, कोरियर सर्विस का उपयोग कर नेटवर्क को बढ़ा रहे हैं। ड्रग पैडलर्स पर प्रभावी रोकथाम के लिए विशेष कार्ययोजना बनाने की आवश्यकता है।
पुलिस और सीएपीएफ के बीच समन्वय
तीसरे सत्र में पुलिस और सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) के बीच समन्वय पर हुई चर्चा में उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (कारागार) एसके सबत ने शांति व सुरक्षा व्यवस्था के लिए राज्य व केंद्रीय पुलिस बल के बीच परस्पर समन्वय पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि कुंभ जैसे विश्व प्रसिद्ध मेले में प्रभावी सुरक्षा व्यवस्था, यातायात एवं भीड़ प्रबंधन पुलिस और सीएपीएफ के बीच समन्वय का एक सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट (पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप) विनोद कुमार ने कहा कि अमृत काल में पुलिस बल को कालोनियल पुलिसिंग सिस्टम से भारतीय पुलिस सिस्टम की ओर आना आवश्यक है। इसके लिए पुलिस को संवेदनशील, सुशासित और तकनीकी रूप से दक्ष होना आवश्यक है।