अगर आप यह समझ रहे हैं कि कटोरे बाल्टी कुलर या कहीं पर लम्बे समय तक ढेर सारा पानी जमा होने पर डेंगू मच्छर का लार्वा पनपता है। जबकि ऐसा नहीं है। एक्सपट्र्स की मानें तो डेंगू मच्छर का लार्वा पनपने के लिए 5 एमएल पानी भी काफी है। इसलिए घर या आस-पास कहीं भी थोड़ा भी पानी जमा न होने दें। इसके लिए सावधानी बरतें और संक्रमण से बचें। यह कहना है जिला वेक्टर जनित रोग अधिकारी सुभाष जोशी का।

देहरादून, ब्यूरो:
स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम टीम की ओर से डेंगू के लार्वा की जांच लगातार की जा रही है। इस बीच बोतल के ढक्कन में भी लार्वा मिला। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार डेंगू को लेकर सावधानी बरतें और कहीं भी पानी जमा न होने दें।

10 दिन बाद दिखते हैं लक्षण
दून मेडिकल कॉलेज के एमएस एवं वरिष्ठ फिजीशियन डॉ। केसी पंत के अनुसार डेंगू मच्छर आमतौर पर दिन में ही काटते हैं। सामान्यतया संक्रमित मच्छर के काटे जाने के चार से 10 दिन बाद डेंगू के लक्षण दिखने शुरू होते हैं। इसमें तेज बुखार, सिरदर्द, उल्टी, मांसपेशियों व जोड़ो में दर्द, त्वचा में खुजली व लाल चकत्ते भी हो सकते है। आम तौर इसे ठीक होने में दो से सात दिन लगते है। ठीक से उपचार न मिलने या गलत दवाओं के सेवन से इंटरनल ब्लीडिंग की भी आशंका होती है।

यह है डेंगू के लक्षण
-सिरदर्द
-मांसपेशियों, हड्डी या जोड़ों का दर्द
-जी मिचलाना
-उल्टी
-आंखों के पीछे दर्द
-खरोंच जैसे निशान

बरतें सावधानी
कुछ मामलों में स्थिति बिगडऩे पर यह जीवन के लिए खतरा बन सकता है। चेतावनी के संकेत आमतौर पर बुखार चले जाने के पहले या दो दिन बाद शुरू होते हैं।

डिहाइड्रेशन की भी समस्या
डेंगू में डिहाइड्रेशन एक आम समस्या है। 24 घंटे से ज्यादा बुखार रहने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और जांच कराएं। एलाइजा टेस्ट कराने के बाद डेंगू की पुष्टि होने पर बिना डॉक्टर की सलाह के दवा न लें।

यह हैं घरेलू उपाय
डेंगू के ट्रीटमेंट के दौरान दवा के साथ-साथ गिलोय का रस डेंगू बुखार के लिए कारगर बताया जाता है। डेंगू के मरीजों में प्लेटलेट्स कम होने लगते हैं। पपीते के पत्ते का रस प्लेटलेट्स काउंट बढ़ाने के लिए उपयोगी बताए जाते हैं। ताजा अमरूद का रस और मेथी बीज जैसे इम्युनिटी बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का भी सेवन कर सकते हैं।

वर्जन
अपने घर के आस-पास कहीं भी पानी न जमा होने दें। 5 एमएल तक भी पानी जमा होने से इसमें एडीज एजिप्टी मच्छर पनपने का खतरा रहता है।
सुभाष जोशी, जिला वेक्टर जनित रोग अधिकारी

Posted By: Inextlive