डिमांड 39.12 एमयू, उपलब्धता 37.66 एमयू, रोस्टिंग 1.46
-डिमांड के एवज में नहीं मिल पा रही बिजली, ट्यूजडे को केंद्र के सामने राज्य सरकार ने रखा अपना पक्ष
-ऊर्जा निगम का दावा, उपभोक्ताओं के सामने नहीं आएगी बिजली की कमी, प्रयास जारी
हाल ऐसे ही रहे तो आने वाले दिनों में उत्तराखंड में भी बिजली संकट गहरा सकता है। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि फरवरी माह के 27 दिनों में राज्य में बिजली की 268.255 मिलियन यूनिट की कमी रही है। शॉर्टेज एवरेज रोजाना 9.935 एमयू तक दर्ज किया गया। हालांकि, उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन इस समस्या के लिए निपटने की कोशिश कका दावा कर रहा है। इसमें कितनी सफलता मिलेगी, वक्त बताएगा। फिलहाल, ट्यूजडे को केंद्र सरकार की बैठक में विभागीय अधिकारियों ने अपना पक्ष रखा। यूपीसीएल को भरोसा है कि आने वाले दिनों में गर्मी बढ़ेगी तो पावर प्रोडक्शन भी बढ़ेगा। इसके बाद राहत मिलने के आसार हैं। लेकिन, अधिकारी इस मामले में इनकार नहीं कर रहे हैं कि वर्तमान में सबसे ज्यादा दिक्कत महंगी बिजली खरीद को लेकर सामने आ रही है।
रोज एवरेज 9.935 एमयू की शॉर्टेज
राज्य में रोजाना एवरेज बिजली की उपलब्धता 30.179 एमयू, डिमांड 40.115 एमयू और शॉर्टेज 9.935 एमयू। इन आंकड़ों को देख आप समझ गए होंगे कि बिजली की किल्लत किस कदर बढ़ती जा रही है। यूपीसीएल के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल कुमार यादव के मुताबिक देश में डिमांड और सप्लाई बराबर पर आ चुकी है। बिजली की पूरे देश में डिमांड बढ़ गई है। हर राज्य केंद्र पर निर्भर हो रहा है। बताया गया है कि उत्तरखंड पावर प्रोडक्शन अन्य राज्यों की तुलना में कम है, ऐसे में दिक्कतें भी सामने आ रही हैं। बिजली की डिमांड रियल टाइम, शॉर्ट टाइम व लांग टाइम के हिसाब से हुआ करती है। उत्तराखंड समेत दूसरे राज्यों में भी यही स्थिति है।
जीडीपी बढऩे से भी बिजली डिमांड में भी उछाल
विभागीय अधिकारियों के अनुसार केंद्र सरकार के बिजली से संबंधित मसले पर हुई बैठक में बताया गया कि देश में जीडीपी बढ़ रही है। इसका असर बिजली पर भी पड़ रहा है। साफ है कि जीडीपी बढ़ती है तो बिजली की भी डिमांड बढ़ जाती है। इसका मतलब ये हुआ कि प्रति व्यक्ति की इकोनॉमी में ग्रोथ दर्ज की जा रही है। विभागीय अधिकारी भी इसको बेहतर संकेत मान रहे हैं। ::बॉक्स::
एक्चुअल पॉवर एवेलेबिलिटी::(यूनिट--एमयू में.)
-स्टेट जनरेशन--10.59
-उत्तराखंड का जनरल शेयर एंड वीपी शेयर--19.18
-रिटर्न बैंकिंग--5.91
-नेट आईईएक्स--1.46
-ग्रिड ओवरड्रॉ--0.46 बिजली की उपलब्धता::
-कुल उपलब्धता--37.66
-रोस्टिंग--1.46
-डिमांड--39.12
::इन इलाकों में हो रही रोस्टिंग::
-हरिद्वार ग्रामीण क्षेत्र में--3.05 घंटे
-यूएसनगर--2.45
-स्मॉल टाउन--2.0
-रुद्रपुर, काशीपुर व रुड़की में--1.05
-हल्द्वानी व ज्वालापुर में--0.50
-ऊंचाई वाले इलाकों में नहीं।
-स्टील फैक्ट्रियां--4.55
यूजेवीएनएल से 27 दिनों में 290.499 एमयू उत्पादन रहा। जबकि, एवरेज 10.759 एमयू रहा है। इसी प्रकार से सेंट्रल शेयर इन दिनों में 524.339 एमयू और एवरेज 19.249 एमयू रहा। इसी प्रकार से उत्तराखंड में इन दिनों में बिजली की उपलब्धता 814.838 व एवरेज 30.179 एमयू रही है। जबकि, डिमांड 1083.093 और एरवेज 40.115 एमयू रहा है। ::गत 5 दिनों की डिमांड व सप्लाई
-23 फरवरी--38.9650
-24 फरवरी--40.1470
-25 फरवरी--39.4210
-26 फरवरी--37.8530
-27 फरवरी--39.1160 ::गत 5 दिनों की उपलब्धता
-23 फरवरी--31.7700
-24 फरवरी--31.2360
-25 फरवरी--29.6930
-26 फरवरी--29.9850
-27 फरवरी--29.8690 ::गत 5 दिनों की बिजली शॉर्टेज
-23 फरवरी-7.1950
-24 फरवरी-8.9110
-25 फरवरी--9.7260
-26 फरवरी--7.8680
-27 फरवरी--9.2470 बिजली की उपलब्धता पर एक नजर
-यूजेवीएनएल से एवरेज बिजली उत्पादन --10.759
-27 दिनों में कुल उत्पादन---290.499 एमयू
-सेंट्रल शेयर--524.339 एमयू
-एवरेज शेयर--19.420 एमयू
वर्जन::
दिक्कत महंगी बिजली को लेकर है। लेकिन उपभोक्ताओं के पर्याप्त रूप से बिजली की उपलब्ध हो सके, इसके लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार के साथ हुई बैठक में ऊर्जा सचिव की ओर से भी वर्तमान स्थिति को लेकर पक्ष रखा गया।
अनिल कुमार यादव, एमडी, यूपीसीएल