बढ़ता गया कचरा, चढ़ती गई रैंकिंग
देहरादून (ब्यूरो)। वेस्ट मैनेजमेंट का पहला रूल वेस्ट सेग्रीगेशन है। साफ-सुथरे शहरों में स्रोत से ही वेस्ट सेग्रीगेशन की नियम बना दिया गया है। वेस्ट मैनेजमेंट के लिए आयोजित होने वाले प्रोग्राम्स में भी सबसे पहले वेस्ट सेग्रीगेशन की सलाह दी जाती है। लेकिन, दून में अब तक ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। नगर निगम को कूड़ा उठाने वाले कुछ वाहनों में सूखा और गीला कूड़ा रखने के लिए कंपार्टमेंट तो हैं, लेकिन कूड़ा अलग किया नहीं जाता।
कूड़ा उठाने के पूरे प्रबंध नहीं
यूं तो नगर निगम ने कचरा उठाने के लिए प्राइवेट फर्म को ठेका दिया है, लेकिन इसके बावजूद कई क्षेत्रों में गार्बेज पिक करने के लिए नगर निगम की गाडिय़ां नहीं आती। इन क्षेत्रों में कुछ प्राइवेट लोग जुगाड़ की गाडिय़ों से कचरा उठा रहे हैं। नगर निगम ने प्रति परिवार 50 रुपये मंथली तय किया है, लेकिन इन इलाकों में हर परिवार से 70 रुपये लिये जा रहे हैं।
400 मीट्रिक टन गार्बेज रोज
दून में हर रोज 350 से 400 टन वेस्ट निकलता है। नगर निगम ने इस कचरे का उठाने के लिए ठेकेदार कंपनी को डोर टू डोर कचरा उठाने के लिए 140 गाडिय़ां उपलब्ध करवा रखी हैं। यानी हर गाड़ी को प्रतिदिन 35 टन कचरा उठाना होगा। जबकि डोर टू डोर कचरा उठाने वाली गाडिय़ों की क्षमता 2 टन से भी कम है। इस हिसाब से कचरा उठाने वाली हर गाड़ी को दिन में 17 फेरे लगाने होंगे, तब जाकर पूरे शहर का कचरा उठा पाना संभव हो पाएगा।
निगम के ठेकेदार की कचरा उठाने वाली गाडिय़ां कुछ वार्डों तक ही पहुंच पा रही हैं। ऐसे में बाकी जगहों को कचरा कुछ लोग अपने स्तर पर उठा रहे हैं। इन लोगों ने कचरा उठाने के लिए जुगाड़ की गाडिय़ां बना रखी हैं। ये लोग प्रति परिवार 70 हजार रुपये मंथली लेते हैं। खाली प्लॉट बने डंपिंग जोन
सिटी की मुख्य रोड से हटते ही कई खाली प्लॉट हैं, जो कचरे के डंपिंग ग्राउंड बन गये हैं। ऐसे प्लॉट में सालों से लोग कचरा फेंक रहे हैं। ऐसे प्लॉट साफ करने की नगर निगम के पास न तो कोई व्यवस्था है और न ही निगम के अधिकारी इसकी जरूरत महसूस करते हैं।
जलाया जा रहा कचरा
नगर निगम के कई वार्ड ऐसे हैं, जहां कचरा उठाने की कोई व्यवस्था ही नहीं हैं। पॉल्यूशन कंट्रोल करने के लिए बेशक कचरा जलाने पर 5 हजार रुपये जुर्माना वसूलने का नियम हो और बेशक डीएम ने सख्ती के साथ ऐसे लोगों का चालान करने का आदेश दिया हो, लेकिन जिन वार्डों में कचरा उठाने की व्यवस्था नहीं है, वहां खुलेआम कचरा जलाया जा रहा है। कचरा जलाने पर अब तक कोई चालान नहीं हुआ है।
400 टन वेस्ट जेनरेट होता है हर दिन
140 गाडिय़ां डोर टू डोर कलेक्शन को
2 टन क्षमता है गाड़ी की
35 टन वेस्ट एक गाड़ी के हिस्से में