बरसात के मौसम में नदी-नालों में आपदा जैसे हालात से निपटने के लिए सिंचाई विभाग ने कमर कस ली है. सिंचाई विभाग ने शहर की प्रमुख रिस्पना व बिंदाल समेत कई नदी व नालों में आपदा की संभावना को देखते हुए संवेदनशील और अति संवेदनशील इलाके चिन्हित किए हैं जहां बाढ़ आने की संभावना है.

देहरादून, (ब्यूरो): बरसात के मौसम में नदी-नालों में आपदा जैसे हालात से निपटने के लिए सिंचाई विभाग ने कमर कस ली है। सिंचाई विभाग ने शहर की प्रमुख रिस्पना व बिंदाल समेत कई नदी व नालों में आपदा की संभावना को देखते हुए संवेदनशील और अति संवेदनशील इलाके चिन्हित किए हैं, जहां बाढ़ आने की संभावना है। इन जगहों पर जल भराव की संभावना को देखते हुए सिंचाई विभाग के अनुसंधान एवं नियोजन खंड देहरादून ने चैनलाइजेशन का काम शुरू कर दिया है। संवेदनशील और अति संवेदनशील इलाकों में जेसीबी मशीन उतारकर काम शुरू कर दिया है। सिंचाई विभाग ने भारी बारिश होने पर आपदा के लिए कुछ स्थानों को चिन्हित किया है, जहां पर भारी मात्रा में सिल्ट यानि गाद, मलबा जमा हो रहा है। इसमें कंडोली, आर्य नगर, भगत सिंह कॉलोनी, राजेश रावत कॉलोनी, इंदिरा नगर, टीचर कॉलोनी समेत डेढ़ दर्जन इलाके शामिल हैं। इन अति संवेदनशील जगहों से नदी-नालों में जमा गाद को जेसीबी मशीन से चैनलाइजेशन करना शुरू कर दिया है।

गाद से भर गए नदी-नाले
कई वर्षों से चुगान न होने से शहर के प्रमुख नदी नालों में अत्यधिक गाद भर गई है, जिसे बाढ़ का खतरा सता रहा है। पिछले साल भी कई जगहों पर बाढ़ आई थी। कई जगहों पर नदी-नाले अतिक्रमण के चलते संकरे हो गए हैं, जिससे गाद भरने पर पानी की फ्लो आबादी की तरफ डायवर्ट हो रहा है। जिससे जल भराव की समस्या सामने आ रही है। इससे मानसून के दौरान लोगों को जल भराव की समस्या से गुजरना पड़ता है।

काश, निगम भी समय पर चेत जाए
सिंचाई विभाग ने नदी-नालों में संभावित बाढ़ को देखते हुए कई इलाकों को चिन्हित करके चैनलाइजेशन का काम शुरू कर दिया है। यदि नगर निगम भी नालों की सफाई शुरू कर सिंचाई विभाग द्वारा चैनलाइजेशन के दौरान किनारे किए गए मलबे को साथ-साथ डिस्पोज ऑफ कर दे, तो शहर में बाढ़ व जलभराव की समस्या काफी हद तक खत्म हो जाएगी।

मानसून से पहले पूरा होगा काम
सिंचाई विभाग के अनुसंधान एवं नियोजन खंड के अधिशासी अभियंता राजेश लाम्बा ने बताया कि लंबे समय से दून नगर निगम क्षेत्र से लगी रिस्पना नदी बिंदाल, छोटी बिंदाल, दुल्हनी नदी, नालापानी राव नदी में भारी बारिश से फ्लड का खतरा है। इसके लिए नदियों का सर्वे कर चैनलाइजेशन के लिए कार्य योजना तैयार की गई है। सर्वे में कई जगहों पर अत्यधिक गाद भरने के कारण नदी-नाले कई जगहों पर रूट डायवर्ट होने से आबादी में बाढ़ का खतरा बना रहता है। ऐसे संवेदनशील और अति संवेदनशील स्थानों को चिन्हित किया गया है। सबसे पहले चिन्हित अंति संवेदनशील जगहों पर जेसीबी मशीन को नदी-नालों में उतार कर डायवर्जन का काम शुरू किया गया है।

जेसीबी को उतारा गया नदी-नालों में
अनुसंधान एवं नियोजन खंड देहरादून के अधिशासी अभियंता राजेश लाम्बा ने बताया कि नदी-नालों में अत्यधिक गाद जमा होने के कारण बाढ़ की संभावना है। चैनलाइजेशन के जरिए बाढ़ के पानी का प्रभाव काफी हद तक कम किया जा सकता है। इससे नदी-नालों का फ्लो बराबर बना रहेगा और फ्लड का मुंह आबादी की ओर डायवर्ट नहीं होगा। उन्होंने बताया कि दून में रिस्पना नदी के कंडोली, आर्य नगर, भगत सिंह कॉलोनी, राजेश रावत कॉलोनी, छोटी बिंदाल के इंदिरा नगर, टीचर कॉलोनी, गोविंदगढ़, बिंदाल नदी के संतोघाटी के डपोटा पुल का डाउन स्ट्रीम, दुल्हनी नदी के रुद्रलोक कॉलोनी, लक्ष्मण सिंह कॉलोनी, ज्वाल्पा एन्क्लेव, नालापानी राव नदी के देवलोक कॉलोनी व ईश्वर विहार कॉलोनी को अति संवेदनशील व संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। इन जगहों पर प्राथमिकता के आधार पर गाद हटाकर रूट सीधे किए जा रहे हैं, जिससे बरसात में इन क्षेत्रों में बाढ़ आने की संभावना को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

इन नदियों में होगा चैनलाइजेशन
-रिस्पना
-बिंदला
-छोटी बिंदाल
-सुसवा
-नालापानी राव नदी
-दुल्हनी नदी

ये इलाके अति संवेदनशील चिन्हित
रिस्पना नदी
-कंडोनी
-आर्य नगर
-भगत सिंह कॉलोनी
-राजेश रावत कॉलोनी

छोटी बिंदाल
- इंदिरा नगर
- टीचर कॉलोनी
- गोविंदगढ़

बिंदाल
-संतोघाटी के डपोटा पुल का डाउनस्ट्रीम

दुल्हनी
-रुद्रलोक कॉलोनी
-लक्ष्मण सिंह कॉलोनी
-ज्वाल्पा एन्क्लेव

नालापानी राव
-देवलोक कॉलोनी
-ईश्वर विहार कॉलोनी

ये होगा लाभ
-बरसात के दौरान भारी बाढ़ का पानी निकलेगा बिना रुकावट के
-चैनलाइनजेशन से मलबे के कारण नहीं हो पानी का डायवर्जन
-नदियों-नालों में लगातार मलबा भरने से सड़क के आस-पास पहुंच गया लेबल
-लंबे समय से चुगान न होने से बढ़ रही है हर साल बाढ़ की संभावना
-चैनलइाजेशन से खतरा होगा कम, संभावित बाढग़्रस्त क्षेत्रों को मिलेगी राहत

नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत कई नदी-नालों में भारी गाद जमा होने से बाढ़ का खतरा बनने की संभावना है। इसे देखते हुए मानसून से पहले नदियों के चैनलाइजेशन की कार्य योजना तैयार की गई है। कई नदियों में डायवर्जन का काम शुरू कर दिया गया है।
राजेश लाम्बा, एक्सईएन, अनुसंधान एवं नियोजन खंड, देहरादून

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Posted By: Inextlive