चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों की सुविधा को देखते हुए अब ऋषिकेश व हरिद्वार में धामों के दर्शन निर्धारित की गई रोजाना की सीमा को समाप्त करने का निर्णय लिया है। ये फैसला सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर गढ़वाल आयुक्त व अध्यक्ष चारधाम यात्रा प्रशासन विनय शंकर पांडेय ने लिया है। बताया वर्तमान में चारों धामों में भीड़ सामान्य होने को देखते हुए सीएम के निर्देश पर जनहित में ये फैसला लिया गया है।

देहरादून (ब्यूरो) गढ़वाल आयुक्त के मुताबिक यात्रा पर आने वाले यात्रियों की सुविधा को देखते हुए ऋषिकेश व हरिद्वार में चारो धामों के दर्शन के लिए जो कोटा निर्धारित किया गया था, उसे समाप्त कर दिया गया है। अब यात्री ऋषिकेश व हरिद्वार के रजिस्ट्रेशन काउंटर में खुद फिजिकल रूप से मौजूद होगा किसी भी धाम के लिए सीधे रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। ये आदेश चारों धामों में आने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए तत्काल प्रभाव से लागू माना जाएगा।

डेढ़ गुना ज्यादा तीर्थयात्री
गढ़वाल आयुक्त के अनुसार गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष चारधाम यात्रियों की संख्या में खासी वृद्धि देखने को मिली है। पिछले साल जहां चारधाम यात्रा शुरू होने के एक माह में 12,35,517 यात्रियों ने धामों के दर्शन किए थे, वहीं इस वर्ष 19,64,912 यात्री दर्शन कर चुके हैं। इस प्रकार से ये आंकड़ा गत वर्ष की तुलना में करीब डेढ़ गुना ज्यादा आंका गया है।

चारधाम पहुंचे 22 लाख यात्री
बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के आंकड़ों के मुताबिक इस बार अब तक 22 लाख से ज्यादा यात्रा दर्शन कर चुके हैं। जबकि, हेमकुंड साहिब व लोकपाल पहुंचने वाले यात्रियों की संख्या अब तक 70 हजार से ज्यादा रही है।

मई से 15 जून माना जाता है पीक टाइम
दरअसल, हर वर्ष चारधाम यात्रा कपाट खुलने की तिथि अप्रैल लास्ट वीक या फिर मई फस्र्ट वीक से 15 जून तक पीक मानी जाती है। उसके बाद मानसून व स्कूलों की छुट्टियां समाप्त होने का असर यात्रा पर पड़ते हुए दिखाई देता है। नतीजतन, इसका असर यात्रा पर पड़ता दिखता है और यात्रियों की आमद में कमी नजर आनी लगती है।

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Posted By: Inextlive