फाइनेंशियल एक्सपट्र्स अंकित सिंह बचपन से ही साइकिलिंग का शौक रखते हैं। यही वजह है कि वे हर रोज मॉर्निंग टाइम में साइकिलिंग पर जोर देते हैं। यहां तक कि कई किलोमीटर तक उनकी साइकिलिंग होती है। इससे न केवल उनका एडवेंचर टूरिज्म का शौक पूरा होता है। बल्कि खुद को फिटनैस भी महसूस करते हैं। अंकित सिंह बताते हैं कि साइकिलिंग से उन्हें ब्लड प्रेशर शुगर जैसी किसी भी प्रॉब्लम्स को फेश नहीं करना पड़ा। ऐसे में साइकिलिंग हेल्दी लाइफ के लिए सबसे बेहतर जरिया है। लोगों को अपनी साइकिलिंग मेनटेन रखनी चाहिए।

- रेसकोर्स पुलिस लाइन ग्राउंड में आगामी 24 सितंबर को होगा बाइकथॉन का आयोजन

देहरादून, 14 सितम्बर (ब्यूरो)।
रफ्तार भरी जिंदगी में जहां लोग हाईटेक बाइक्स व लग्जरी कारों की सवारी कर रहे हैं। वहीं, मानो लोग अब साइकिल भूल चुके हों। लेकिन, साइकिल स्वास्थ्य के लिए बेहद कारगर है। साइकिल को फिटनेस बनाए रखने के साथ ही पर्यावरण के लिए भी सेफ माना जाता है। वहीं, हर शहर में मौजूद ट्रैफिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने में साइकिल किसी ब्रह्मास्त्र से कम नहीं मानी जाती है। यहां तक कि आसमान छू रहे पेट्रो पदार्थों से भी लोगों को साइकिलिंग राहत देती है। एक्सपट्र्स बताते हैं कि साइकिलिंग फन और फिटनेस का सक्सेस मंत्रा होने के साथ ही एक ऐसी एक्सरसाइज है, जो न केवल सेहत के लिए फायदेमंद है। बल्कि, कई बीमारियों जैसे हार्टअटैक, स्ट्रेस को कम करने के साथ ही अर्थराइटिक्स के लिए भी किसी वरदान से कम नहीं है। यही कारण है कि अब दून सिटी में कई साइकिलिस्ट इस बात को मानने लगे हैं और प्रॉपर साइकिलिंग का यूज कर अपने सेहत में सुधार करने के साथ पर्यावरण को संरक्षित करने में मददगार बन रहे हैं।


साइकिलिंग सबसे बेहतर फिजियोथैरेपी
फिजियोथैरेपिस्ट डा। गरिमा पांडे कहती हैं कि साइकिलिंग बच्चे हों या फिर एडल्ट, हर एज ग्रुप के लिए सेहत का सबसे बड़ा सक्सेस मंत्रा है। साइकिलिंग एक इजी एक्सरसाइज है। जिसके जरिए हार्ट अटैक की आशंका को कम किया जा सकता है। मसल्स बिल्डिंग में ये सबसे बड़ी एक्सरसाइज है। रोजाना साइकिलिंग से ब्लड सर्कुलेशन को मेंटेन किया जा सकता है। स्ट्रेस कम करने के लिए ये बड़ा व सफल तरीका है और ऑस्टियो अर्थराइटिक्स के लिए साइकिलिंग को रामबाण कहा जाता है। डा। गरिमा पांडे बताती हैं कि साइकिलिंग हार्मोंस में भी बैलेंस करने का काम करती है। मॉर्निंग और इवनिंग टाइम पर ब्रेन तक शुद्ध ऑक्सीजन पहुंचने में भी साइकिलिंग मददगार बनती है। स्पेशल वेट कंट्रोल और मसल्स एनडोर्स के लिए भी हेल्पफुल होती है। इसमें खासकर 30 से 45 एज ग्रुप के लोगों के लिए साइकिलिंग सबसे सेफ एक्सरसाइज के तौर पर मानी जाती है। डा। गरिमा बताती हैं कि ओल्ड एज ग्रुप के लिए इलेक्ट्रिक साइकिलिंग बेहतर साबित हो सकती है। जिसके जरिए स्ट्रैस को आसानी से कम किया जा सकता है।

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बाइकथॉन-2023 पर एक नजर
वेन्यू
पुलिस लाइन ग्राउंड रेसकोर्स

डेट
24 सितंबर

दिन
रविवार

टाइम
सुबह-6.30 बजे

नॉलेज पार्टनर
साईंग्रेस एकेडमी इंटरनेशनल
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को-स्पांसर
-पंजाब नेशनल बैंक
-हिल फाउंडेशन ग्रुप ऑफ एजुकेशन
-डीपीसी डायग्नॉस्टिक्स

हेल्थ केयर पार्टनर
मैक्स हॉस्पिटल

रिफ्रैशमेंट पार्टनर
ट्रीट रस्क व नमकीन

बेवरेज पार्टनर
सुविधा सुपर मार्केट

रजिस्ट्रेशन काउंटर्स
-दैनिक जागरण आई नेक्स्ट कार्यालय पटेलनगर, दून
-न्यू नरूला साइकिल वक्र्स, घंटाघर
-तनेजा साइकिल वक्र्स, टर्नर रोड, क्लेमेंट टाउन
-रोड मास्टर बाइसाइकिल्स, चकराता रोड
-पराशर एडवरटाइजिंग, 50 आढ़त बाजार, नियर सहारनपुर चौक
-नरूला इंटरप्राइजेज, 74, न्यू मॉर्केट क्लॉक टॉवर

डबल सीट साइकिल रहेगी अट्रेक्शन का केंद्र
सिटी के धर्मपुर स्थित साइकिल एक्सपट्र्स टीटू कश्यप इस बार भी बाइकथॉन-2023, सीजन-15 के लिए तैयार हैं। वे डबल पैडल, डबल सीट वाली साइकिल को अभी से डिजाइन करने पर जुट गए हैं। टीटृ कश्यप का कहना है कि ओमिनीजैल दैनिक जागरण आई नेक्स्ट बाइकथॉन दून शहर की सबसे पसंदीदा एक्टिविटी रही है। जिसके लिए शहरवासियों को हमेशा इंतजार रहता है। टीटू कहते हैं कि वे भी पिछले कई वर्षों से लगातार बाइकथॉन में शिकरत करते आए हैं, इस बार भी उनकी पूरी तैयारी है। इसीलिए, वे अपने डबल पैडल व डबल सीट वाली साइकिल को अपडेट कर रहे हैं। जिससे वे बाइकथॉन में शामिल हो सकें। टीटू बताते हैं कि उनके ऐसे आयोजनों के मौके पर कुछ नए इनिसिएटिव की कोशिश रहती हैं।
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Posted By: Inextlive