देहरादून में 3 दिवसीय क्राइम लिटरेचर फेस्टिवल का आगाज
देहरादून (ब्यूरो) कार्यक्रम की शुरुआत शूटआउट एट वडाला के प्रसिद्ध निर्देशक संजय गुप्ता के विशेष सत्र के साथ हुई। जिन्होंने एडॉप्टिंग एंड बीइंग एडॉप्टेड, विषय के हर पहलू पर चर्चा हुई। उन्होंने पाठकों को अपराध उपन्यासों को सिनेमाई कृतियों में बदलने की पूरी प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। इस सत्र में संजय गुप्ता व एस हुसैन जैदी पैनलिस्ट के रूप में और मानस लाल मॉडरेटर के तौर पर मौजूद रहे। दूसरे सत्र में बहुचर्चित क्राइम सस्पेंस फिल्म कहानी और उसके निर्देशक सुजॉय घोष के नाम रहा। उन्होंने अपने सत्र सस्पेक्ट एक्स में फिल्मी दुनिया के तमाम आयामों के बारे में जानकारी शेयर की। सत्र में डॉ। रूबी गुप्ता मॉडरेटर के रूप में शामिल रही। तीसरे सत्र में क्राइम रिपोर्टिंग कितनी कारगर, कितनी खतरनाक पर चर्चा हुई। पैनलिस्ट के तौर पर शम्स ताहिर खान, पूर्व डीजी उत्तराखंड आलोक बी। लाल और डीजीपी अशोक कुमार के अलावा विनीत श्रीवास्तव मॉडरेटर के रूप में शामिल रहे।
कानून व अधिकारों की जानकारी
डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि क्राइम रिपोर्टिंग लोगों को सतर्क और अवेयर करने का काम भी करती है। क्रिमिनल क्राइम को अंजाम देने के लिए तरीके अपनाकर लोगों को अपना शिकार बना रहे हंै। इसकी जानकारी क्राइम रिपोर्टिंग से मिलती है। कहा, क्राइम रिपोर्टिंग गंभीर और जिम्मेदारी से किये जाने वाला कार्य है। पूर्व डीजी आलोक बी। लाल ने कहा कि क्राइम रिपोर्टिंग सिर्फ वारदात की सूचना तक ही सीमित नही हैं, इसके माध्यम से कानून व अधिकारों के बारे में जानकारी देकर जागरूक किया जाता है।