देश-विदेश में पर्यटन के लिए मशहूर पहाड़ों की रानी मसूरी अब भारत की लंबी सुरंग के नाम से भी जानी जाएगी. यदि सब ठीक ठाक रहा तो जल्द ही मसूरी में करीब 4.5 किलोमीटर सड़क सुरंग बनकर तैयार हो जाएगी.

- करीब 4.5 किमी। लंबी 4 लेन की टनल पर खर्च होंगे 1100 करोड़
- टनल लाखों श्रद्धालुओं और यात्रियों को दिलाएगी मसूरी में लगने वाले लंबे जाम से निजात

देहरादून, ब्यूरो: मसूरी बाईपास हाईवे पर बनने वाली यह 4 लेन सुरंग मसूरी देहरादून को उत्तरकाशी मार्ग से जोडग़ी। खास बात यह है कि इस टनल के बनने से मसूरी में आने वाले लाखों पर्यटकों को जाम से मुक्ति मिलेगी। साथ ही यहां आने वाले 5-6 लाख पर्यटकों को भी जाम से राहत मिलेगी, जो गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के दर्शन को वाया मसूरी से गुजरते हैं। पीक सीजन में इस रूट पर दिनभर ट्रैफिक जाम रहता है।

एलाइनमेंट पूरा, जल्द जारी होगा टेंडर
पहाड़ों की रानी मसूरी के जाम को बाईपास करने के लिए प्रस्तावित 4.5 किलोमीटर लंबी टनल निर्माण की दिशा में एनएचएआई ने बड़ी सफलता हासिल कर ली है। टनल के एलाइनमेंट का काम पूरा हो गया है। इसके साथ ही टेंडर की तैयारी शुरू कर दी गई है। बुधवार को सड़क परियोजनाओं की समीक्षा बैठक में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के परियोजना निदेशक पंकज कुमार मौर्य ने डीएम सोनिका को टनल के संबंध में जानकारियां दी है।

एनएच से एनएचएआई को हस्तांतरित हुई टनल
एनएचएआई के परियोजना निदेशक पंकज मौर्य ने डीएम को बताया कि पूर्व में परियोजना निर्माण का जिम्मा राष्ट्रीय राजमार्ग खंड डोईवाला को मिला था, लेकिन अब यह प्रोजेक्ट एनएचएआई के सुपुर्द किया गया है। परियोजना के अंतर्गत 14.7 हेक्टेयर सरकारी और निजी भूमि आ रही है।

टनल प्रोजेक्ट पर एक नजर
लंबाई: 4.5 किलोमीटर
चौड़ाई: 4 लेन
खर्च: 1100 करोड़
निर्माण: एनएचएआई देहरादून

देश की अब तक की सबसे लंबी सुरंगें
अटल टनल: 9.2 किमी।
बनिहाल कांजीगुंड: 8.5 किमी। निर्माणाधीन
जोजीला: 14.02 किमी। निर्माणााधीन

ये होगा हेड और टेल
देहरादून के हाथ पांव रोड के मोड़ से यह टनल करीब 1.5 किलोमीटर आगे से शुरू होगी, जो लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी के पास होटल अकेस्टा के पास खुलेगी।

आवागमन होगा जाम से लैस
मसूरी में पर्यटन सीजन व वीकेंड पर जाम की स्थिति विकट हो जाती है। जिन व्यक्तियों को मसूरी शहर नहीं जाना होता है, बल्कि देहरादून से टिहरी और उत्तरकाशी आवागमन करना होता है, वह भी जाम में फंस जाते हैं। टनल निर्माण के बाद यह स्थिति पैदा नहीं होगी। निर्बाध गति से ट्रैफिक चलता रहेगा।

एनएच 72 को 7 गांवों की भूमि अधीग्रहीत
डीएम सोनिका ने एनएचएआई की विभिन्न सड़क परियोजनाओं में जमीन अधिग्रहण की प्रगति तलब की। प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि बल्लूपुर-पांवटा साहिब राजमार्ग चौड़ीकरण में 21 गांव में से 7 गांव की भूमि का अधिग्रहण किया गया है। अब तक 135 करोड़ रुपए का मुआवजा भी बांट दिया गया है।

झाझरा-आशारोड़ी मार्ग निर्माण को गजट नोटिफिकेशन
झाझरा-अशारोड़ी के बीच 12 किलोमीटर लंबी सड़क निर्माण में 6 किलोमीटर वन और शेष निजी भूमि है। यहां जमीन अधिग्रहण के लिए गजट नोटिफिकेशन किया जा रहा है। इसके अलावा ऋषिकेश-भानियावाला के बीच सड़क चौड़ीकरण में 5 हेक्टेयर निजी भूमि आ रही है। जमीन के अधिग्रहण के लिए फाइनल नोटिफिकेशन किया जा रहा है।


मसूरी टनल का एलाइनमेंट संबंधी काम पूरा करने के बाद जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। शीघ ही टनल प्रोजेक्ट का टेंडर जारी कर दिया जाएगा। यह टनल मसूरी में लगने वाले जाम को समाप्त करने के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
पंकज कुमार मौर्य, निदेशक, एनएचएआई, देहरादून

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Posted By: Inextlive