दून समेत अन्य अस्पतालों से हटाए गए आउटसोर्स कर्मचारियों का आक्रोश अभी थमा नहीं है। सैकड़ों कर्मचारियों ने शुक्रवार को सचिवालय कूच किया। इन्हें पुलिस ने सचिवालय से करीब 50 मीटर पहले सुभाष रोड पर बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। इससे गुस्साए कर्मचारियों की पुलिस से तीखी झड़प भी हुई। इस दौरान गर्मी के कारण पीपीई किट पहने एक कर्मचारी बेहोश भी हो गया। उसे छायादार स्थान पर ले जाकर पानी और जूस पिलाया गया। करीब 15 मिनट बाद वह होश में आया।


देहरादून (ब्यूरो)। कर्मचारियों ने साढ़े 12 बजे से करीब एक घंटे सड़क पर बैठकर धरना दिया। इसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान मौके पर पहुंची और आश्वस्त किया कि मांग स्वास्थ्य सचिव तक पहुंचाई जाएगी। कोरोनाकाल में प्रदेशभर में उपनल, पीआरडी व अन्य माध्यमों से 2200 से अधिक कर्मचारियों को दून मेडकल कॉलेज चिकित्सालय व अन्य अस्पतालों में आउटसोर्स पर रखा गया था। अनुबंध खत्म होने के बाद बीती 31 मार्च को इन कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया। वादा नहीं हुआ पूरा


हालांकि स्वास्थ्य मंत्री डॉ। धन सिंह रावत ने घोषणा की थी कि स्वास्थ्य विभाग के रिक्त पदों पर इन कर्मचारियों का समायोजन किया जाएगा, लेकिन अभी तक यह मामला आगे नहीं बढ़ा है। ऐसे में नौकरी से हटाए गए नाराज कर्मचारियों ने सचिवालय कूच किया। कुछ कर्मचारी पीपीई कट पहनकर कूच में शामिल हुए। कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि रिक्त पदों पर उनका समायोजन जल्द नहीं किया जाता है तो वह मुख्यमंत्री आवास कूच करेंगे। कई जिलों से आए कर्मचारी

कर्मचारियों का कहना था कि कोरोना की दूसरी व तीसरी लहर में उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना कोरोना मरीजों की सेवा की। लेकिन, अब जैसे ही कोरोना का संक्रमण कम हुआ तो उन्हें नौकरी से हटा दिया गया। सचिवालय कूच करने वालों में देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, टिहरी आदि जिलों के आउटसोर्स कर्मचारी शामिल रहे।दून अस्पताल में व्यवस्था ठपदून अस्पताल में कर्मचारियों की कमी से मरीजों एवं उनके तीमारदारों पर आफत टूट पड़ी है। आइसीयू व वार्डों में जहां तमाम दिक्कतें हैं, वहीं अब अन्य काउंटरों पर भी दिक्कतें होने लगी हैं। पुरानी बिल्डिंग में बिलिंग काउंटर पर महज एक कर्मचारी मौजूद रहा। यहां दोपहर तक तीमारदारों की लंबी लाइन लगी रही।

Posted By: Inextlive