प्लास्टिक बैन पर 5 दिन बाद भी असमंजस
देहरादून ब्यूरो। देहरादून नगर निगम ने पहले पांच दिनों में सिंगल यूज प्लास्टिक बैन लागू करने के लिए क्या कदम उठाये हैं, इस बारे में जिम्मेदारी अधिकारियों को कोई जानकारी ही नहीं है। शासन स्तर पर सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियों पर बेशक रोक लगाई गई हो, लेकिन नगर निगम के सफाई वाले कामों से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी छुट्टी पर हैं।
एक-दूसरे पर टालते रहे
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने जब सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक के लिए उठाये गये कदमों के बारे में जानकारी लेने के लिए नगर निगम के सीनियर हेल्थ ऑफिसर डॉ। अविनाश खन्ना को फोन मिलाया तो उन्होंने कहा कि वे लखनऊ में हैं और उन्हें फिलहाल इस बारे में जानकारी नहीं है। डॉ। खन्ना ने राजवीर नामक कर्मचारी से बात करने को कहा। राजवीर का मोबाइल नंबर किसी तरह हासिल करके जब फोन किया गया तो उनका कहना था कि डॉक्टर साहब छुट्टी पर हैं और वे खुद भी छुट्टी से आज ही लौटे हैं। राजवीर नामक कर्मचारी ने मनीष नामक कर्मचारी का नंबर देकर जानकारी लेने के लिए कहा।
मनीष ने भी टाल दिया
मनीष ने बात की गई तो उनका कहना था कि अभी नगर निगम ऑडिटोरियम में व्यापारियों के साथ बैठक हो रही है। वे बाद में फोन करेंगे। दो घंटे इंतजार करने के बाद भी मनीष नामक कर्मचारी का फोन नहीं आया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि नगर निगम राष्ट्रव्यापी सिंगल यूज प्लास्टिक बैन अभियान को लेकर कितना गंभीर है।
सिंगल यूज प्लास्टिक के किन-किन आयटम्स पर बैन लगाया गया है, इस बारे में देहरादून में व्यवसायियों और आम लोगों को पूरी जानकारी नहीं है। आम लोगों को सिर्फ इतनी जानकारी है कि प्लास्टिक की पन्नियां बैन की गई हैं। जबकि वास्तव में सिर्फ 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक पर ही बैन लगाया गया है। हालांकि सवाल यह भी उठाया जा रहा है कि आम लोगों को कैसे पता चलेगा कि कौन से प्लास्टिक 100 माइक्रोन से कम मोटा है। इन पर है बैन
- प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स, गुब्बारों की प्लास्टिक की डंडियां, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसेक्रीम की डंडियां, थर्माकोट का सजावटी सामान।
- 100 माईक्रोन कम मोटाई वाला प्लास्टिक वाले पीवीसी बैनर, कप, प्लेट, गिलास, काटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, ट्रे, मिठाई के डिब्बों को लपेटने वाली प्लास्टिक, पैक करने वाली फिल्में, सिगरेट के पैकेट के बाहर की पन्नी।