सचिव सहकारिता दिलीप जावलकर ने को-ऑपरेटिव बैंकों की समीक्षा बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। निर्देश दिए कि राज्य व जिले के कोऑपरेटिव बैंकों में खराब प्रदर्शन करने वाले ब्रांच मैनेजर और अन्य कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। इसके साथ ही जो कर्मचारी अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के कारण अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं उन्हें परफॉर्मेंस फॉर अस्वस्थ कर्मचारियों प्रोग्राम के तहत अनिवार्य रूप से रिटायरमेंट दी जाए।

देहरादून (ब्यूरो) सचिव जावलकर ने ट्यूजडे को राज्य सहकारी बैंक के दून कैंप ऑफिस में बैंक अफसरों की समीक्षा बैठक में निर्देश दिए। उन्होंने सभी डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव में मोबाइल बैंकिंग और नेट बैंकिंग जैसी मॉडर्न सेवाओं को जल्द शुरू करने के निर्देश भी दिए, जिससे ग्राहकों को बेहतर सुविधा मिल सके। बैंक में बढ़ रही एनपीए की समस्या पर खास ध्यान देते हुए सचिव ने एनपीए वसूली में कर्मचारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उन्होंने एनपीए वसूली के लिए पुलिस की मदद लेने के निर्देश जारी किए गए।

लाभ की स्थिति में 12 शाखाएं
सचिव ने राज्य सहकारी बैंक के प्रस्तुतीकरण का अवलोकन किया। जिसमें प्रबंध निदेशक नीरज बेलवाल ने डिटेल रिपोर्ट प्रस्तुत की। एमडी बेलवाल ने सचिव को बताया कि वर्तमान में उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक व जिला सहकारी बैंक की 15 में से 12 शाखाएं लाभप्रद स्थिति में हैं। बताया, बकाया लोन की वसूली के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। जिसके परिणामस्वरूप गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) में 4.08 परसेंट की कमी आई है। प्रगति रिपोर्ट के जवाब में सचिव ने एमडी को पीएम सहकारी आवास लोन, होम लोन, कोऑपरेटिव हाउसिंग लोन की ठोस नीति बनाने के लिए कहा। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों व कार्पोरेट ग्राहकों को बैंकों में खाते खोलने के लिए आकर्षित करने को कैंपेन शुरू करने के निर्देश दिए। जिला सहकारी बैंकों का सीडी रेशो कम पर सचिव ने चिंता जताते हुए इसे बढ़ाने के निर्देश दिए।

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Posted By: Inextlive