कोरोना को फिर मात देने की पूरी तैयारी
-जिले में कुल 1500 बेड की उपलब्धता, नहीं होगी परेशानी
-ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट समेत वेंटीलेटर भी किए गए तैयार
ये है व्यवस्था
कुल बेड - 1500
दून हॉस्पिटल - 430
कोरोनेशन हॉस्पिटल - 160
संयुक्त चिकित्सालय, पीएचसी व सीएचसी में -370
प्राइवेट हॉस्पिटल (एसएमआई, मैक्स, कैलाश व अन्य) - 540
ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट -7
ऑक्सीजन बेड की संख्या -375
कुल बेड - 430
आईसीयू- 100
ऑक्सीजन बेड - 300
अन्य बेड- 30
वेंटीलेटर - 60
ऑक्सीजन कंस्ट्रेशन - 60
ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट - 3
लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट- 11
कोरोना के लिए इमरजेंसी तैयार
दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में जहां पहले पुरानी इमरजेंसी है। वहां, इन दिनों 12 प्लस का कोविड इमरजेंसी भी तैयार की गई है। दावा किया गया है कि यहां 24 घंटे सुविधा मौजूद रहेंगी। इसके साथ ही पीडिया वार्ड में 8 आईसीयू व 16 ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था रहेगी।
विभाग ने दून में कोरोना के बढ़ते मामलों को देख स्टाफ की ट्रेनिंग करवाने के साथ व्यवस्थाओं की भी जांच परख का दावा किया है। इसी के तहत स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोनेशन व स्वास्थ्य सचिव ने दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल का जायजा लिया। वैक्सीनेशन पर जोर, केंद्र से मांग
कोविड के मामलों को देख विभाग ने सभी से कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर अपनाने की अपील की है। वहीं, भीड़-भाड़ से बचने, मास्क व सेनेटाइजर का यूज किए जाने की भी सलाह दी है। बुखार, खांसी व जुकाम समेत बदन दर्द की शिकायत होने पर हॉस्पिटल में जांच कराने के लिए कहा है। वहीं, केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार वैक्सीनेशन व सैंपलिंग पर भी जोर दिया है। केंद्र से भी वैक्सीन की डिमांड की गई है।
वर्जन -:
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए लगातार सैंपलिंग बढ़ाई गई है। विभाग की ओर से भी लगातार मॉक ड्रिल की जा रही है। जिससे जरूरत पडऩे पर व्यवस्था दुरुस्त रहें।
डॉ। संजय जैन, सीएमओ, दून
डॉ। अनुराग अग्रवाल, कोविड नोडल ऑफिसर, दून हॉस्पिटल सभी स्कूलों को कोरोना गाइडलाइन जारी कर दी गई है। जिसमें थर्मल स्क्रीनिंग, मास्क व सेनेटाइजेशन को अनिवार्य किया गया है। स्कूलों में ही ये गाइडलाइन सभी पैरेंट्स को भी भेजी गई है। जिससे वे नियमों का पालन कर सकें।
डॉ। प्रेम कश्यप,अध्यक्ष, पीपीएसए प्रदेश में कोरोना एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करने के साथ ही मास्क व सेनेटाइजर का यूज अनिवार्य किया गया है। सभी हॉस्पिटलों में व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया जा रहा है। जिससे किसी भी तरह की लापरवाही सामने न आ पाए।
डॉ। आर राजेश कुमार, सचिव स्वास्थ्य